डॉ. वेंकेटेश की मौत पर चिकित्सकों का विरोध, न्याय की मांग और ओपीडी बंद

डॉ. वेंकेटेश की मौत पर चिकित्सकों का विरोध, न्याय की मांग और ओपीडी बंद

मंगलवार को जिला अस्पताल से लेकर सभी स्वास्थ्य केंद्रों तक के चिकित्सकों ने ओपीडी बंद कर दी और डॉ. वेंकेटेश की आत्मा की शांति के लिए मौन धारण किया। इस घटना ने पूरे जिले में हलचल मचा दी है, और इसके विरोध में चिकित्सकों ने एकजुट होकर अपना विरोध प्रकट किया। जिला अस्पताल परिसर में सीएमओ डॉक्टर संजीव वर्मन और सीएमएस डॉ. एसके यादव की उपस्थिति में चिकित्सकों और कर्मचारियों ने शोक सभा आयोजित की। इस दौरान चिकित्सकों ने घटना के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और न्याय की मांग की।

डॉ. वेंकेटेश मौआर की दुखद मौत

बांसडीह के पूर्व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) अधीक्षक डॉ. वेंकेटेश मौआर की मौत के बाद एक सुसंगत घटनाक्रम सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें जिला कारागार में इलाज की सुविधा नहीं दी गई, जिससे उनकी मौत हो गई। डॉ. वेंकेटेश पर आरोप था कि वे बांसडीह सीएचसी के अधीक्षक रहते हुए कुछ घूस लेने के आरोप में पकड़े गए थे। हालांकि, उनके साथ घटित हुई इस दुखद घटना ने चिकित्सक समुदाय को बुरी तरह प्रभावित किया है और इसने स्वास्थ्य सेवा के मामले में गंभीर सवाल उठाए हैं।

वर्षों तक चिकित्सा सेवा में कार्य करने वाले डॉ. वेंकेटेश की मौत के बाद चिकित्सक समाज ने अपने विरोध को और गहरे स्तर पर व्यक्त किया। चिकित्सकों ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि वे किसी तरह से अपनी सेवा और ईमानदारी से अपनी प्रतिष्ठा को बनाए रखेंगे, लेकिन इलाज की उचित सुविधा न मिलने के कारण उनकी जान चली गई। डॉ. वेंकेटेश की मौत के मामले में प्रशासन से न्याय की उम्मीद जताई जा रही है।

चिकित्सकों का विरोध और एकजुटता

इस घटनाक्रम के बाद, जिलेभर के चिकित्सकों ने एकजुट होकर विरोध की आवाज उठाई। जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने मंगलवार को 12 बजे ओपीडी (आउटडोर पेशेंट डिपार्टमेंट) सेवा बंद कर दी और डॉ. वेंकेटेश की आत्मा की शांति के लिए मौन रखा। ओपीडी बंद करने की यह प्रक्रिया कई घंटों तक चली, और इसमें सभी चिकित्सक व स्वास्थ्य केंद्रों के कर्मचारी शामिल हुए।

इस मौन उपवेशन का उद्देश्य एकजुटता और संवेदनशीलता को प्रदर्शित करना था। चिकित्सकों ने मांग की कि डॉ. वेंकेटेश की मौत की न्यायिक जांच की जाए और मामले में दोषी जेल अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. संतोष चौधरी ने भी इस मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए प्रशासन से ठोस कदम उठाने की अपील की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने उचित कार्रवाई नहीं की, तो ओपीडी सेवा को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया जाएगा।

इसके साथ ही, संघ के पदाधिकारियों ने बलिया जिले के सीडीओ ओजस्वी राज को एक मांग पत्र सौंपा, जिसमें मृतक डॉक्टर की मौत की न्यायिक जांच, दोषी जेल अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई और अन्य संबंधित मामले उठाए गए थे। इस पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया था कि सीएचसी परिसर में अमृत फार्मेसी के संचालक के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए |

बांसडीह सीएचसी पर चिकित्सकों का विरोध

बांसडीह में सीएचसी के अधीक्षक रहे डॉ. वेंकेटेश की मौत के बाद, बांसडीह सीएचसी में चिकित्सकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की और ओपीडी सेवा अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी। चिकित्सकों ने पांच सूत्रीय मांगों के साथ धरने पर बैठने का निर्णय लिया। इन मांगों में प्रमुख रूप से न्यायिक जांच की मांग, मृतक डॉक्टर के इलाज में हुई लापरवाही की जांच, और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग शामिल थी।

सीएमओ डॉ. संजीव वर्मन, एसीएमओ और प्रांतीय चिकित्सा संघ के पदाधिकारी बांसडीह सीएचसी पर पहुंचे और चिकित्सकों के साथ बैठक की। इस दौरान आंदोलित चिकित्सकों ने सीएमओ को एक पत्र सौंपा, जिसमें मामले की न्यायिक जांच और अमृत फार्मेसी के संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। पत्र में यह भी कहा गया कि अगर प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो वे अपने विरोध को और तीव्र करेंगे।

नगरा और बेरुआरबारी में मौन धारण

डॉ. वेंकेटेश की मौत का शोक केवल बांसडीह तक सीमित नहीं था, बल्कि जिले के अन्य क्षेत्रों में भी चिकित्सकों ने अपना विरोध व्यक्त किया। नगरा और बेरुआरबारी के स्वास्थ्य केंद्रों में भी दो मिनट का मौन रखा गया और श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इन स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सकों और कर्मचारियों ने एकजुट होकर मृतक डॉक्टर के प्रति सम्मान व्यक्त किया और प्रशासन से न्याय की मांग की।

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