उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित स्कूल शिक्षा विभाग के महानिदेशक एवं राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा के निर्देशानुसार, राज्य के चिन्हित आउट ऑफ स्कूल बच्चों को विद्यालयों में नामांकन के बाद विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए विशेष प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इस संदर्भ में बीएसए बलिया के मनीष कुमार सिंह ने एक नई विज्ञप्ति जारी की है, जिसमें विशेष प्रशिक्षकों के चयन की प्रक्रिया, योग्यताएँ और अन्य संबंधित जानकारी दी गई है।
1. विशेष प्रशिक्षकों का चयन
बीएसए द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति के अनुसार, विशेष प्रशिक्षकों के रूप में सेवानिवृत्त अध्यापक या वॉलंटियर का चयन किया जाएगा। इन विशेष प्रशिक्षकों का कार्य विद्यालयों में आउट ऑफ स्कूल बच्चों को विशेष प्रशिक्षण देना होगा। यह प्रशिक्षण बच्चों के समुचित विकास एवं शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए निर्धारित किया गया है, ताकि वे मुख्यधारा की शिक्षा में समाहित हो सकें।
विशेष प्रशिक्षक की नियुक्ति विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा की जाएगी। अगर किसी विद्यालय में 5 या उससे अधिक आउट ऑफ स्कूल बच्चों की संख्या है, तो उस विद्यालय में एक विशेष प्रशिक्षक की नियुक्ति की जाएगी। यह नियुक्ति प्रबंध समिति द्वारा चुनी जाएगी, और इसे लागू करने के लिए विद्यालय प्रबंध समिति की 4 सदस्यीय उप समिति जिम्मेदार होगी।
2. सेवानिवृत्त अध्यापकों को प्राथमिकता
विज्ञप्ति में यह उल्लेख किया गया है कि विशेष प्रशिक्षक के रूप में सेवानिवृत्त अध्यापकों को प्राथमिकता दी जाएगी। यदि विद्यालय में कोई सेवानिवृत्त अध्यापक उपलब्ध नहीं है, तो वॉलंटियर का चयन किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया गया है कि विद्यालयों में ऐसे प्रशिक्षक उपलब्ध हों, जो बच्चों को शिक्षा के उच्चतम मानकों तक पहुँचा सकें।
3. वॉलंटियर का चयन
वॉलंटियर के चयन के लिए कुछ विशेष योग्यताएँ निर्धारित की गई हैं। इनमें प्रमुख है कि वॉलंटियर के पास स्नातक की डिग्री के साथ डीएलएड, बीटीसी या बीएड की शिक्षा होना अनिवार्य है। इस प्रकार के वॉलंटियर को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि वे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर सकें।
वॉलंटियर का चयन मेरिट के आधार पर किया जाएगा। उनका चयन प्रक्रिया में उनकी शैक्षिक योग्यता और अनुभव का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके अतिरिक्त, ग्राम पंचायत के निवासी होने की शर्त भी रखी गई है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि चयनित वॉलंटियर उस क्षेत्र की सांस्कृतिक और सामाजिक जरूरतों को अच्छे से समझ सकें।
4. आयु सीमा
वॉलंटियर के चयन के लिए आयु सीमा भी निर्धारित की गई है। 1 जुलाई 2025 को वॉलंटियर की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 45 वर्ष होनी चाहिए। इस आयु सीमा का निर्धारण इस उद्देश्य से किया गया है कि चयनित वॉलंटियर बच्चों के साथ बेहतर तरीके से संवाद कर सकें और उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान कर सकें।
5. आवेदन प्रक्रिया
विशेष प्रशिक्षकों के चयन के लिए आवेदन प्रक्रिया भी सरल और स्पष्ट बनाई गई है। विद्यालय स्तर पर प्रधानाध्यापक या इंचार्ज के माध्यम से आवेदन फार्म वितरित किए जाएंगे। आवेदन फार्म विद्यालय, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, और अन्य प्रमुख स्थानों पर चस्पा किए जाएंगे। इसके अलावा, आवेदन फार्म की दो प्रतियाँ ली जाएंगी – एक विद्यालय स्तर पर प्रधानाध्यापक/ इंचार्ज के पास और दूसरी बीआरसी स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा की जाएगी।
आवेदन फार्म में अभ्यर्थियों से उनकी शैक्षिक योग्यताएँ, अनुभव, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी ली जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चयनित व्यक्ति बच्चों के लिए उपयुक्त प्रशिक्षक साबित हो।
6. मानदेय और कार्य अवधि
विशेष प्रशिक्षकों को 4000 रुपये प्रति माह का मानदेय दिया जाएगा, जो विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा वहन किया जाएगा। यह मानदेय चयनित प्रशिक्षक के द्वारा बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा के बदले भुगतान किया जाएगा। प्रशिक्षकों की कार्य अवधि 31 मार्च 2026 तक होगी, और इस अवधि में वे नियमित रूप से बच्चों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।
7. विशेष प्रशिक्षक का चयन समिति
विशेष प्रशिक्षकों का चयन एक 4 सदस्यीय उप समिति द्वारा किया जाएगा, जिसमें विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य और अन्य जिम्मेदार अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति चयन की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए उत्तरदायी होगी। समिति चयनित अभ्यर्थियों का साक्षात्कार ले सकती है और उनके शैक्षिक तथा व्यावसायिक अनुभव का मूल्यांकन करेगी।
8. प्रशिक्षण का उद्देश्य और लाभ
विशेष प्रशिक्षकों का मुख्य उद्देश्य आउट ऑफ स्कूल बच्चों को शिक्षा के मुख्यधारा में शामिल करना है। यह बच्चे विशेष परिस्थितियों के कारण स्कूल से बाहर हो गए थे, और अब इनका विद्यालय में नामांकन कर इन्हें उचित प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशेष प्रशिक्षक इन बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उनकी व्यक्तिगत और सामाजिक समस्याओं पर भी ध्यान देंगे, ताकि वे समाज में अपने स्थान को मजबूती से स्थापित कर सकें।
इस योजना के माध्यम से, राज्य सरकार का यह प्रयास है कि किसी भी बच्चे को शिक्षा से वंचित न रहने दिया जाए, और हर बच्चे को उसकी क्षमता के अनुसार उच्चतम शिक्षा मिले।
इस वेबसाईट पर आपकी बलिया का न्यूज ,यूपी का न्यूज , हिन्दी समाचार ,बलिया का खबर , बलिया का ब्रेकिंग न्यूज आपतक सबसे पहले अपडेट करता है ।