प्रयागराज महाकुंभ: आप भी सोच रहे है कुंभ जाने के लिया तो ये आपके लिया खबर है

Prayagraj Mahakumbh: Railways closed Sangam station to deal with the huge crowd on Maghi Purnima.

February 9 2025 प्रयागराज का महाकुंभ मेला हर साल करोड़ों श्रद्धालुओं जाते है , वैसे ही इसबार तो रिकार्ड तोड़ दिया है जहां भक्तगण गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल पर आकर आस्था की डुबकी लगाते हैं। इस वर्ष, माघी पूर्णिमा के मौके पर महाकुंभ में उमड़ी भारी भीड़ ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है, जिसके कारण प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन को तत्काल बंद कर दिया गया है। इससे पहले दारागंज रेलवे स्टेशन को भी बंद किया जा चुका था, और अब हालात सामान्य होने तक ट्रेनों का संचालन प्रयाग स्टेशन तक सीमित किया गया है। चलिए अब जानते है कितनी भीड़ है |

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माघी स्नान और महाकुंभ की बढ़ती भीड़

महाकुंभ में होने वाले मुख्य स्नान पर्वों में से एक माघी पूर्णिमा होता है, जो 12 फरवरी 2025 को है। इस दिन लाखों श्रद्धालु संगम तट पर स्नान करने के लिए आते हैं। हालांकि, माघी स्नान के लिए श्रद्धालु पहले से ही प्रयागराज पहुंचने लगे थे, लेकिन मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ ने कई लोगों को महाकुंभ यात्रा को नहीं करने पर मजबूर किया था। अब वे सभी श्रद्धालु माघी पूर्णिमा के दिन महाकुंभ में स्नान करने के लिए पहुंचे हैं, जिससे प्रयागराज में ट्रैफिक की स्थिति बहुत गंभीर हो गई है।

महाकुंभ की भीड़ और श्रद्धालुओं का भारी दबाव शहर में साफ तौर पर देखा जा रहा है। यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि प्रशासन को कई महत्वपूर्ण कदम उठाने पड़े हैं। रेलवे प्रशासन ने पहले दारागंज स्टेशन को बंद किया और अब प्रयागराज संगम स्टेशन को भी तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला लिया है। इस कदम से से साफ हो गया है कि रेलवे प्रशासन के लिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सही संचालन प्राथमिकता है।

प्रयागराज संगम स्टेशन का बंद होना

प्रयागराज संगम स्टेशन पर भारी भीड़ को नियंत्रित करना अब असंभव हो गया है। श्रद्धालुओं का लगातार आना और ट्रेनों से उतरने वाली भीड़ की स्थिति को देखते हुए संगम स्टेशन को बंद कर दिया गया है। इस फैसले के पीछे मुख्य कारण यह है कि शहर की सड़कें भीड़ से भरी हुई हैं और रेलवे स्टेशनों पर स्थित यात्रीगणों की संख्या इतनी अधिक हो चुकी है कि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचना मुश्किल हो गया था।

इसी लिये, रेलवे प्रशासन ने निर्णय लिया कि प्रयागराज संगम स्टेशन पर ट्रेनों का संचालन तुरंत बंद कर दिया जाएगा, और अब सभी ट्रेनें केवल प्रयाग स्टेशन से चलेंगी। इस कदम से प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और ट्रेनों की आवागमन को व्यवस्थित रखने का प्रयास किया है।

ट्रेनों का संचालन और यात्रीगणों की भीड़

माघी पूर्णिमा के पर्व पर रेलवे ने यह भी सुनिश्चित किया है कि जिन ट्रेनों का संचालन प्रयागराज संगम स्टेशन से होता था, उन्हें अब प्रयाग स्टेशन से चलाया जाएगा। इसके साथ ही, आधा दर्जन से अधिक गाड़ियों को भी दूसरे रूप से डायवर्ट किया गया है। इन ट्रेनों में बस्ती-प्रयागराज संगम मनवर संगम एक्सप्रेस, मनकापुर-प्रयागराज संगम सरयू एक्सप्रेस, गाजीपुर सिटी-प्रयागराज संगम मेमू गाड़ी सहित कई अन्य ट्रेनें शामिल हैं। इन ट्रेनों को अब प्रयाग स्टेशन से ही संचालित किया जाएगा।

इस फैसले के बाद, इन सभी ट्रेनों में भारी भीड़ देखी जा रही है। जिन यात्रियों ने पहले से इन ट्रेनों में बुकिंग करवा रखा था, उनके लिए यह स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण बन गई है, क्योंकि ज्यादातर ट्रेनों में सीटें पूरी तरह भर चुकी हैं। रेलवे ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे यात्रा से पहले अपनी ट्रेन की स्थिति और रूट की जानकारी प्राप्त कर लें।

यातायात की स्थिति और प्रशासन के कदम

प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान यातायात व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं। शहर में ट्रैफिक की भारी भीड़ के कारण, सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई हैं। श्रद्धालुओं की भारी तादाद के चलते, शहर के मुख्य मार्गों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई है। इसे नियंत्रित करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने कुछ प्रमुख मार्गों पर यातायात की दिशा बदल दी है और पुलिस बल की तैनाती भी की है।

साथ ही, प्रशासन ने यह भी निर्णय लिया है कि यात्रीगणों के लिए विशेष इंतजाम किए जाएं, ताकि वे किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करें। रेलवे, प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने सुरक्षा को लेकर पूरी तैयारी की है। शहर के विभिन्न स्थानों पर फ्लाइंग स्क्वाड और अन्य सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है, ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।

भविष्य के लिए की जा रही तैयारियां

प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन एक विशाल धार्मिक आयोजन होता है, जो न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर के श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इस विशाल आयोजन के दौरान यात्रीगणों की सुरक्षा, उनकी सुविधा और ट्रेनों का संचालन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होती है। रेलवे प्रशासन ने इस बार पहले से ही कई सुधारात्मक उपायों पर काम किया था, लेकिन भारी भीड़ और अचानक बढ़ी यात्रियों की संख्या ने उन्हें नए उपाय अपनाने के लिए मजबूर किया।

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