बलिया के युवक ने सरयू नदी में छलांग लगाकर किया आत्महत्या ,पुल से कूदने से पहले सोशल मीडिया पर डाला वीडियो

बालिया (उत्तर प्रदेश):बलिया मालीपुर गांव के एक युवक ने आत्महत्या करने से पहले सोशल मीडिया पर एक भावुक वीडियो और पत्र छोड़ा, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए चार लोगों को जिम्मेदार ठहराया। यह घटना पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है और युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है।

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युवक का नाम और घटनाक्रम

मृतक युवक विशाल गुप्ता था, जो मालीपुर गांव का रहने वाला था। उसने आत्महत्या से पहले एक वीडियो पोस्ट किया और एक पत्र छोड़ा, जिसमें उसने दावा किया कि उसे चार लोगों ने जबरन फंसाया और मानसिक रूप से परेशान किया, जिससे वह डिप्रेशन का शिकार हो गया। यह घटना 30 मई को शुरू हुई जब विशाल के दादा का निधन हुआ और वह केदारनाथ यात्रा पर था।

विशाल ने वीडियो में कहा, “मैं यह साफ करना चाहता हूं कि मैंने लड़की को भगाया नहीं है और न ही मुझे उसकी कोई जानकारी है। जब लड़की के भागने की बात हो रही थी, तब मैं केदारनाथ यात्रा पर था और 3 जून को घर लौट आया था।” उसने बताया कि उस पर आरोप लगाने वाले चार लोग उसे गलत तरीके से फंसा रहे थे।

विशाल का मानसिक तनाव और डिप्रेशन

विशाल ने लिखा, “मेरे दादा का निधन हुआ था और मैं यात्रा पर था। घर लौटने पर मुझे आरोप लगाया गया कि मैंने लड़की को भगाया। लेकिन यह पूरी तरह से गलत था।” उसे यह आरोप इतने गहरे रूप में लगे कि वह डिप्रेशन में चला गया और आत्महत्या का कदम उठाया।

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विशाल ने उन चार लोगों—अनिकेत कुमार उर्फ़ डीके (जो बेल्थरा रोड का निवासी है), परमहंस भारती (ग्राम डफलपुरा, पोस्ट पतोहि), रंजीत कुमार (ग्राम मखदुमपुर, पोस्ट जमुआव), और सुमन देवी (ग्राम डफलपुरा, पोस्ट पतोहि)—के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। विशाल का कहना था कि इन लोगों ने उसे झूठे आरोपों में फंसा दिया और उसकी मानसिक स्थिति पर गहरा असर डाला।

पुलिस की जांच और परिवार की स्थिति

विशाल के परिवार ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उसके पिता संजय गुप्ता ने कहा, “हमारे बेटे को जबरन फंसाया गया। उसे मानसिक तनाव दिया गया, जिसके कारण उसने यह कदम उठाया। हम चाहते हैं कि आरोपियों को सजा मिले ताकि कोई और इस तरह से न फंसे।”

न्याय की उम्मीद और पुलिस कार्रवाई

विशाल के परिवार और गांव वालों का कहना है कि उन्हें न्याय की उम्मीद है। वे चाहते हैं कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई और युवक इस तरह की परिस्थिति से न गुजरे।

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