29 january 2025 बलिया जिले में एक बड़ी चोरी की घटना सामने आई है, जिसमें बड़ौदा यूपी बैंक, रसड़ा शाखा के कैश चेस्ट से 21 लाख रुपये गायब हो गए। यह मामला तब सामने आया जब ब्रांच मैनेजर ने बैंक के कैश चेस्ट का निरीक्षण किया और पाया कि उसमें रखे रुपये गायब थे। घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू कर दी और एसपी ओमवीर सिंह ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि घटना का खुलासा करने के लिए पुलिस की टीम तेजी से काम कर रही है और जल्द ही सच्चाई सामने आ जाएगी।
घटना का पूरा विवरण
यह घटना बलिया जिले के रसड़ा थाना क्षेत्र स्थित संवरा चट्टी के बड़ौदा यूपी बैंक की शाखा में हुई। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह, क्षेत्राधिकारी फहीम कुरैसी, निरीक्षक रत्नेश सिंह सहित पुलिस की अन्य टीम घटनास्थल पर पहुंची और घटनाक्रम का बारीकी से निरीक्षण किया। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए फॉरेंसिक टीम भी भेजी थी, जो इस मामले की तह तक जाने के लिए जरूरी आंकड़े जुटा रही है।
बैंक के अंदर की स्थिति देखकर यह संकेत मिले हैं कि चोरी में कोई बाहरी व्यक्ति शामिल नहीं था। पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार बैंक के कैश चेस्ट के ताले को खोलने के लिए दो चाभियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें एक चाभी कैशियर के पास होती है और दूसरी चाभी ब्रांच मैनेजर के पास होती है। चाभियों का मिलकर प्रयोग ही कैश चेस्ट खोलने का तरीका होता है। इसके बावजूद, कैसे 21 लाख रुपये चोरी हुए, यह एक बड़ा सवाल बन गया है।
एसपी क्या बोले
एसपी ओमवीर सिंह ने कहा कि घटनास्थल का निरीक्षण करने से यह साफ हुआ है कि बैंक में किसी ने जबरदस्ती घुसने की कोशिश नहीं की। बैंक के दरवाजे का ताला खोलने के बाद अंदर प्रवेश किया गया और फिर आसानी से बाहर निकलने के लिए कुंडा खोला गया। चौंकाने वाली बात यह थी कि कोई भी बाहरी खिड़की या दरवाजे का ताला तोड़ा नहीं गया, जिससे यह संदेह जताया जा रहा है कि यह चोरी बैंक के किसी आंतरिक व्यक्ति की मदद से की गई हो सकती है।
एसपी ने बताया कि ब्रांच मैनेजर ने पुलिस को बताया कि उनके कैश चेस्ट में रखा हुआ 21 लाख रुपये गायब हैं। हालांकि, यह भी स्पष्ट किया गया कि बैंक के कैश चेस्ट को खोलने के लिए दोनों चाभियां जरूरी होती हैं। ऐसी स्थिति में यह सवाल उठता है कि आखिर इन दोनों चाभियों का इस्तेमाल किसने किया और कैसे यह चेस्ट खोला गया, जबकि बैंक में कोई भी बाहरी शख्स नहीं दिखाई दिया।
पुलिस की सक्रियता और टीम का गठन
घटना के बाद पुलिस ने जांच में तेजी लाते हुए इस मामले को गंभीरता से लिया है। एसपी ओमवीर सिंह ने पुष्टि की है कि मामले की जांच के लिए तीन अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों में अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी अनिल कुमार झा, क्षेत्राधिकारी रसड़ा और सर्विलांस टीम को शामिल किया गया है। इन टीमों को इस घटना के सच्चे कारणों का पता लगाने के लिए विभिन्न दिशा-निर्देश दिए गए हैं, ताकि जल्द से जल्द इस मामले को हल किया जा सके।
एसपी ने यह भी कहा कि शुरुआती जांच में यह साफ दिख रहा है कि मामले में किसी अंदर का ही व्यक्ति की भूमिका हो सकती है। पुलिस इस पहलू पर खास ध्यान दे रही है और सभी कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। एसपी ने यह आश्वासन भी दिया कि घटना की पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं और जल्द ही इसका खुलासा हो जाएगा।
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