वाराणसी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों से वाहनों के लिए जबरदस्ती ज्यादा वसूली और दुर्व्यवहार के मामले में रेलवे ने सख्त कदम उठाया है। स्टेशन परिसर में संचालित चार पहिया वाहन स्टैंड के लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई यात्रियों की शिकायतों के बाद की गई, जो लगातार इस प्रकार के दुर्व्यवहार का सामना कर रहे थे।
वाराणसी स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया और महुआ मोड़ पर दो प्रमुख कार पार्किंग स्थल हैं, जिनका संचालन ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा था। इन पार्किंग स्टैंड्स में प्रतिदिन लगभग 10,000 से 12,000 यात्री अपनी यात्रा करते हैं। पार्किंग की कुल क्षमता 150 से 200 वाहनों की है, लेकिन ठेकेदारों द्वारा यात्रियों से जबरदस्ती अतिरिक्त शुल्क वसूलने की घटनाएं आम हो गई थीं।
यात्रियों का क्या था आरोप
यात्रियों से आरोप था कि जब वे ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन आते थे, तो ठेकेदार के कर्मचारी उन्हें पार्किंग में वाहन खड़ा करने के बावजूद भी अधिक पैसा मांगते थे। अगर कोई यात्री इस पैसा को देने से इंकार करता, तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता था, और कई बार तो मामला मारपीट तक भी पहुँच जाता था।
इस संदर्भ में वाराणसी मंडल के जनसंपर्क अधिकारी, अशोक कुमार ने बताया, “हमने लगातार यात्रियों से इस प्रकार की शिकायतें प्राप्त की थीं, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि वाहन पार्किंग के नाम पर ठेकेदार यात्रियों से अवैध वसूली कर रहे थे। इसके अलावा, वसूली की गई राशि भी जमा नहीं की जा रही थी। इस कारण हमनें तत्काल कार्रवाई की और संबंधित पार्किंग ठेकेदारों के लाइसेंस निलंबित कर दिए।”
रेलवे प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अब इस प्रकार की घटनाओं को रोका जाएगा और किसी भी तरह की अवैध वसूली के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम स्टेशन परिसर में यात्रियों को बेहतर और सुरक्षित अनुभव देने के लिए उठाया गया है।
इसके अलावा, रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि अगर उन्हें ऐसी किसी भी अनियमितता का सामना हो, तो वे सीधे रेलवे अधिकारियों से शिकायत करें ताकि उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके।
क्या इससे लोगों को समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा अब ये देखना है
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