05 january 2025 :जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमितपाल सिंह की अदालत ने 11 मई 2022 को हुई एक संसानिखोज हत्या के मामले में दो आरोपियों को दोषी ठहराया है। अदालत ने नरेंद्र, निवासी पावपट्टी खास थाना करीमुद्दीनपुर जनपद गाजीपुर और बिन्दु देवी, निवासी सकरा थाना हलधरपुर मऊ को आजीवन सश्रम कारावास और 15,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
गाजीपुर जनपद के पावपट्टी खास थाना क्षेत्र निवासी बबलू राजभर की बहन बिंदू की शादी मऊ जनपद के हलधरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम चकरा निवासी नागेंद्र से हुई थी। 11 मई 2022 को बिंदू अपने बच्चों शिवांगी और आयुष के साथ बबलू के घर आई थी और बाद में उसने बबलू से रसड़ा जाने के लिए कहा। बबलू ने अपनी बहन और बच्चों को रसड़ा तक छोड़ दिया, जहां से वह ससुराल जाने वाली थी।
लेकिन शाम को जब बबलू ने बहनोई नागेंद्र से संपर्क किया, तो पता चला कि बहन और बच्चे रसड़ा नहीं पहुंचे। बबलू ने अपनी बहन और बच्चों की तलाश शुरू की और उसे जानकारी मिली कि बिंदू और उसके दोनों बच्चे नरेंद्र ने अपनी ममेरी बहन सुमन के घर रखा था, जो कटाया, थाना कोतवाली रसड़ा में रहती है।
हत्या का खुलासा
29 मई 2022 को बबलू, ओमप्रकाश और अमित कुमार के साथ कटाया गांव पहुंचे, जहां बबलू को बिंदू और उसके बेटे आयुष तो मिले, लेकिन उसकी बेटी शिवांगी का कहीं पता नहीं चला। बिंदू ने बताया कि शिवांगी को नरेंद्र कहीं लेकर चला गया है। इसके बाद बबलू ने शिवांगी की तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला।
अंततः, नागेंद्र ने शिवांगी की हत्या करने और उसकी लाश को गायब करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी। इसके आधार पर पुलिस ने नरेंद्र उर्फ लाल राजभर और उसकी पत्नी बिंदू देवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
अदालत का फैसला
अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और साथ ही 15,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इस फैसले के बाद पीड़ित परिवार ने राहत की सांस ली है,
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