Ballia News: बलिया में जल निगम के चार अधिशासी अभियंता और एक लेखाकार के खिलाफ जांच शुरू

बलिया में जल निगम के चार अधिशासी अभियंता और एक लेखाकार के खिलाफ जांच शुरू

बलिया। बलिया जिले में जल निगम (ग्रामीण) के अंतर्गत टेंडर घोटाले का मामला सामने आया है। इस संबंध में चार अधिशासी अभियंता—जेके गुप्ता, अजीत कुमार सिंह, अरविंद्र कुमार और वर्तमान अधिशासी अभियंता मुकीम अहमद—के अलावा क्षेत्रीय लेखाकार अजीत कुमार के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। इस मामले की जांच के लिए जल निगम के प्रबंध निदेशक ने जल निगम झांसी के मुख्य अभियंता राकेश कुमार को नामित किया है और उन्हें पांच अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

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टेंडर घोटाले का सच

जेके गुप्ता के खिलाफ आरोप है कि वे बलिया की लखुआ पेयजल योजना के अंतर्गत निविदा समिति द्वारा स्वीकृत लागत 133.62 लाख रुपये और कार्य लागत 122.57 लाख रुपये से अधिक धनराशि 159.33 लाख रुपये (जीएसटी सहित) की स्वीकृति प्रदान करने के दोषी हैं। इस अनियमितता के कारण विभाग को 36.76 लाख रुपये (जीएसटी सहित) की हानि हुई।

अजीत कुमार सिंह ने मूनछपरा, सिवानकलां, शिवरामपुर और अमरहरपट्टी पेयजल योजनाओं के निर्माण हेतु अनुबंधों के सापेक्ष ठेकेदारों द्वारा कार्य न किए जाने पर जमानती धनराशि 4,59,90,000 रुपये को जब्त न करके ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए पुन: निविदा आमंत्रित की और अनुबंध गठित किए। इसके अतिरिक्त, मूनछपरा, सकरपुरा, सरयां, बहादुरपुर, मिठवार, कपुरी, शंकरपुर, टीका देउरी, मंगरौली और नागपुर के वैरिएशन को शासनादेश और लेन देंन नियमों के विरुद्ध अनियमित रूप से संस्तुति की गई।

मुकीम अहमद ने भी मूनछपरा, सिवानकलां, शिवरामपुर और अमरहरपट्टी की पेयजल योजनाओं के निर्माण हेतु ठेकेदारों द्वारा कार्य न किए जाने पर जमानती धनराशि 45,99,000 रुपये को जब्त न करके ठेकेदारों को पुनः लाभ पहुंचाने के लिए निविदा आमंत्रित की और अनुबंधों का कार्य कराया।

अरविंद्र कुमार पर आरोप है कि लखुआ पेयजल योजना में निविदा समिति द्वारा स्वीकृत लागत 133.62 लाख रुपये और कार्य लागत 122.57 लाख रुपये से अधिक धनराशि 159.33 लाख रुपये (जीएसटी सहित) की स्वीकृति प्रदान की गई, जिससे विभाग को 36.76 लाख रुपये (जीएसटी सहित) की हानि हुई।

लेखाकार अजीत कुमार पर 91.70 लाख रुपये की अनियमितता का आरोप है। कई परियोजनाओं में निविदा प्रक्रिया में धांधली और वित्तीय नियमों के उल्लंघन के कारण विभाग को वित्तीय क्षति पहुंचाई गई है।

जल निगम जांच की प्रक्रिया

जल निगम के प्रबंध निदेशक ने इस घोटाले की जांच के लिए जल निगम झांसी के मुख्य अभियंता राकेश कुमार को जिम्मेदारी सौंपते हुए निर्देश दिया है कि वे 5 अक्टूबर तक अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इस जांच के परिणामस्वरूप दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी, जिससे कि विभागीय भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

इस घोटाले की जांच से जुड़ी सभी जानकारियाँ और संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी के निर्धारण के लिए अगली अपडेट का इंतजार है।

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