बलिया, उत्तर प्रदेश। दीपावली के मद्देनजर प्रशासन ने इस साल पटाखों की बिक्री के लिए नया स्थान तय किया है। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह और पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने शहर में पटाखों की अस्थायी दुकानों के लिए संभावित स्थलों का निरीक्षण किया। रामलीला मैदान और आईटीआई मैदान को सुरक्षा मानकों के कारण उपयुक्त नहीं पाया गया। इसके बाद, पॉलिटेक्निक कॉलेज के मैदान को पटाखों की दुकानों के लिए उपयुक्त स्थान माना गया।
दीपावली का पर्व भारत में उल्लास और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, और इस दौरान पटाखों की दुकानें एक अहम हिस्सा होती हैं। हालांकि, जहां एक ओर यह पर्व खुशियों और रौशनी से भरा होता है, वहीं पटाखों से निकलने वाली ध्वनि और प्रदूषण कभी-कभी समस्या भी बन सकते हैं। खासकर सुरक्षा और पर्यावरण को लेकर प्रशासन हमेशा सजग रहता है। इस वर्ष दीपावली के मद्देनजर बलिया जिले में पटाखों की बिक्री को लेकर जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
प्रशासन की तैयारी
इस साल दीपावली के मौके पर जिले के अधिकारियों ने पटाखों की बिक्री के लिए स्थानों का चयन करने के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया है। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह और पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने शुक्रवार को शहर में विभिन्न संभावित स्थलों का निरीक्षण किया, जहां अस्थायी पटाखा दुकानों को लगाया जा सकता था। निरीक्षण के बाद प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लिया, जिससे जिले में सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।
रामलीला मैदान और आईटीआई मैदान का निरीक्षण
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने पहले रामलीला मैदान और आईटीआई मैदान का जायजा लिया। यह दोनों स्थान जिले के प्रमुख सार्वजनिक स्थल हैं, जो आमतौर पर मेले और अन्य सार्वजनिक आयोजनों के लिए उपयोग किए जाते हैं। लेकिन इस बार, सुरक्षा मानकों की समीक्षा के बाद, इन दोनों स्थानों को पटाखों की दुकानों के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया। मुख्य रूप से इन स्थलों में कुछ सुरक्षा खामियां थीं, जिनमें अग्निशमन व्यवस्था, ट्रैफिक नियंत्रण , जल भराव और जनसंख्या से जुड़ी समस्याएं शामिल थीं।
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रामलीला मैदान, जहां हर साल रामलीला का आयोजन होता है, सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त नहीं था। इसके आसपास के इलाके भी पास मे ही घर ज्यादा तर हैं, और बड़ी संख्या में लोग वहां जमा होते हैं। ऐसे में किसी भी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति में तुरंत सहायता पहुँचाना कठिन हो सकता था। यही कारण था कि प्रशासन ने इन स्थानों को पटाखों की दुकानों के लिए मंजूरी नहीं दी। इसके अलावा, आईटीआई मैदान भी ट्रैफिक की समस्या और जगह की सीमितता के कारण उपयुक्त नहीं था।
पॉलिटेक्निक कॉलेज का मैदान चुना गया
इसके बाद, प्रशासन ने टाउन पॉलिटेक्निक कॉलेज के मैदान का निरीक्षण किया, जो शहर से कुछ हद तक बाहर स्थित है। यह स्थान सुरक्षा मानकों के अनुसार बेहतर पाया गया। पॉलिटेक्निक कॉलेज का मैदान अपेक्षाकृत अधिक खुला है, और यहां ट्रैफिक नियंत्रण की समस्या भी कम है। इसके अलावा, यह स्थान अन्य संभावित खतरों से भी दूर है, जैसे कि घनी आबादी, जो किसी भी दुर्घटना की स्थिति में खतरनाक हो सकती है।
टीम ने यह पाया कि यहां पर पटाखों की दुकानों को स्थापित करने से सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा सकता है, और साथ ही विक्रेताओं और खरीदारों के लिए भी यह स्थान सुरक्षित रहेगा। प्रशासन ने तुरंत निर्णय लिया कि इस वर्ष पटाखों की सभी अस्थायी दुकानें पॉलिटेक्निक कॉलेज के मैदान में ही स्थापित की जाएंगी। इस निर्णय से न केवल सुरक्षा की दृष्टि से स्थिति बेहतर होगी, बल्कि शहर में यातायात और अन्य व्यवस्थाओं पर भी दबाव कम होगा।
व्यवस्थाओं की तैयारी
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने पॉलिटेक्निक कॉलेज के मैदान में पटाखा बाजार की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मौके पर ही नगर पालिका के अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि इस बाजार के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं जैसे साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, अग्निशमन व्यवस्था और पानी की आपूर्ति समय से सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा, उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि दुकानदारों और खरीदारों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन की तरफ से सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
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पॉलिटेक्निक मैदान कहा है बलिया मे
आपको बाता दे की पॉलिटेक्निक कॉलेज जाहा पटाखों की दुकान लगने वाली है वो स्टेशन के पिछले गेट के साइड मिडडी से सीधे तिखामपुर वाले रास्ते मे है सब्जी मंडी के 100 मीटर पहले
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