बलिया जिले के आधुनिक बस स्टैंड के निर्माण कार्य का निरीक्षण जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने गुरुवार को अचानक किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्य कहा तक पहुचा है इसका जायजा लिया और परियोजना से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी ली।
नक्शे का अवलोकन और प्रगति की समीक्षा
जिलाधिकारी ने सबसे पहले निर्माण स्थल पर जाकर परियोजना के नक्शे का बारीकी से अवलोकन किया और निर्माण कार्य की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने निर्माण की पूरी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी ली, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जो योजना बनाई गई है, वह सही तरीके से कार्यान्वित हो रही है। उन्होंने परियोजना से जुड़े सभी संबंधित अधिकारियों से बात की और उन्हें निर्देश दिए कि कार्य में किसी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए।
यह परियोजना, जो कि बलिया जिले के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना है, कुल 48 करोड़ 28 लाख रुपये की लागत से बनाई जा रही है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद बलिया जिले में यातायात व्यवस्था में बड़े सुधार की उम्मीद है। आधुनिक बस स्टैंड के निर्माण से न केवल यात्री सुविधाओं मे बढ़ोतरी होगी, बल्कि बलिया जिले का समग्र विकास भी होगा। यह परियोजना दिसंबर 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है।
निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर विशेष जोर
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में निर्माण में लापरवाही या देरी नहीं होनी चाहिए। निर्माण कार्य को निर्धारित मानकों के अनुसार ही पूरा किया जाना चाहिए। जिलाधिकारी ने अधिकारियों से यह स्पष्ट कहा कि अगर निर्माण कार्य की गुणवत्ता में किसी प्रकार की कमी पाई जाती है, तो सख्त कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने कार्यदाई संस्था को निर्देश दिया कि वे कार्य में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त श्रमिकों की भर्ती करें। उनका मानना था कि अगर निर्माण कार्य में मजदूरों की संख्या बढ़ाई जाती है, तो कार्य समय से पहले पूरा किया जा सकता है। इससे निर्माण कार्य की गति में भी सुधार होगा, और यह निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा हो सकेगा।
बसों के निकासी रास्तों का निरीक्षण
बलिया में निर्माणाधीन इस नए बस स्टैंड में कई नई सुविधाएं और आधुनिक ढांचा स्थापित किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने निर्माण स्थल पर बसों के निकासी रास्तों की भी जानकारी ली। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से यह पूछा कि बसों के प्रवेश और निकासी के लिए जो रास्ते तैयार किए जा रहे हैं, वे पूरी तरह से सुरक्षित और सुगम हों।
अधिकारियों ने जिलाधिकारी को बताया कि बसों के निकासी रास्तों को लेकर एक प्रस्ताव भेजा गया है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी। इस रास्ते को शिफ्ट करने का प्रस्ताव था, ताकि यातायात में कोई रुकावट न आए और बस स्टैंड के चारों ओर यात्री सुविधाओं में कोई कमी न हो। इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद बस स्टैंड के संचालन में और भी सुधार होगा, और यात्री अनुभव भी बेहतर होगा।
परियोजना की समय सीमा पर जोर
निर्माण कार्य को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करने की आवश्यकता को लेकर जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने एक बार फिर अपनी प्राथमिकता को स्पष्ट किया। उन्होंने कार्यदाई संस्था को यह निर्देश दिया कि यदि कोई भी कार्य या प्रक्रिया योजना के अनुसार नहीं चलती है, तो उसे तुरंत सुधारने की कोशिश की जाए। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि किसी भी हालात में देरी से बचने के लिए अतिरिक्त उपायों को अपनाया जाए।
निर्माण स्थल पर जिलाधिकारी के साथ मौजूद अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि अगर कार्य में किसी प्रकार की देरी होती है, तो इसका सीधा असर परियोजना के समग्र कार्यान्वयन पर पड़ेगा, और इससे विकास योजनाओं की गति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। जिलाधिकारी ने इन सब पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कार्य को प्राथमिकता देने की बात की।
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