उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बांसडीह से भाजपा विधायक केतकी सिंह ने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने अखिलेश यादव पर कई आरोप लगाए और उनके शासनकाल में हुई कथित लापरवाहियों को बताया है । केतकी सिंह का कहना था कि अखिलेश यादव को पहले अपने द्वारा छोड़े गए सरकारी आवास से गायब हुई टोटियों का हिसाब देना चाहिए, इसके बाद वह अपनी बाकी बातों की ओर ध्यान दें।
सरकारी संपत्ति पर सवाल
बलिया में भाजपा विधायक के बयान के बाद सपा और भाजपा के बीच राजनीतिक तूफान मच गया है। केतकी सिंह ने विशेष रूप से अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए सरकारी आवास से टोटियों के गायब होने का मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री आवास छोड़कर गए थे, तो उस समय सरकारी संपत्ति, खासकर टोटियां, गायब हो गई थीं। केतकी सिंह ने कहा कि अखिलेश को पहले इन टोटियों का हिसाब देना चाहिए, तभी वह अपने बाकी वादों पर चर्चा कर सकते हैं।
“टोटियां अभी तक नहीं मिलीं। पहले अखिलेश यादव टोटियां लौटाएं, उसके बाद वह जो योजनाएं या प्रोजेक्ट शुरू करने की बात करेंगे, वह सब कुछ शुरू कर दिया जाएगा। जब तक वह टोटियों का हिसाब नहीं देंगे, तब तक उनके किसी भी वादे पर विश्वास नहीं किया जा सकता।” केतकी सिंह का यह बयान अखिलेश यादव की कार्यशैली और उनके शासनकाल की आलोचना करने के तौर पर देखा जा रहा था।
सपा सरकार में शिक्षा व्यवस्था की आलोचना
इसके बाद केतकी सिंह ने सपा सरकार के दौरान प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की हालत पर भी बड़ा हमला किया। उन्होंने खासकर बेसिक शिक्षा मंत्री रहे रामगोविंद चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा शासनकाल में सरकारी स्कूलों की स्थिति बहुत खराब थी। उनका दावा था कि सपा सरकार के समय सरकारी स्कूलों में गाय और भैंसें पढ़ा करती थीं, जिससे यह साबित होता है कि उस समय शिक्षा व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ था।
“सपा सरकार के दौरान, खासकर रामगोविंद चौधरी के समय, स्कूलों में शिक्षा का स्तर इतना गिर चुका था कि गाय और भैंसें वहां शिक्षा प्राप्त कर रही थीं। यह हालत दिखाती है कि समाजवादी पार्टी ने शिक्षा के क्षेत्र में कितनी उपेक्षा की थी।” यह बयान केतकी सिंह ने उस समय दिया, जब सपा नेता रामगोविंद चौधरी ने सरकार के दबाव में अधिकारियों से काम करने का आरोप लगाया था।
रामगोविंद चौधरी पर हमला
केतकी सिंह ने रामगोविंद चौधरी पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि रामगोविंद चौधरी की उम्र अब काफी हो गई है और उन्हें अब झूठ बोलने से बचना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जितनी उम्र रामगोविंद के पास बची है, उतनी उम्र में उन्हें सत्य बोलने की आदत डाल लेनी चाहिए। केतकी सिंह का यह बयान रामगोविंद चौधरी के विवादास्पद बयान के जवाब में था, जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार पर अधिकारियों पर दबाव डालने का आरोप लगाया था।
“रामगोविंद चौधरी को अब अपनी उम्र का हिसाब करना चाहिए और जो सच है, वही बोलना चाहिए। उनके पास अब झूठ बोलने का समय नहीं है। उन्हें अब राम के साथ सत्य का नाम भी लेना चाहिए, ताकि लोगों को यह महसूस हो कि वह अब सच बोल रहे हैं।” केतकी सिंह ने यह भी कहा कि यदि सपा सरकार की शिक्षा व्यवस्था बेहतर होती, तो आज प्रदेश के सरकारी स्कूलों की स्थिति ऐसी नहीं होती।
सपा और भाजपा के बीच तकरार
इस बयान के बाद सपा और भाजपा के बीच एक नई राजनीतिक तकरार शुरू हो गई है। सपा ने केतकी सिंह के आरोपों को नकारते हुए इसे भाजपा का एक और राजनीतिक हथकंडा करार दिया। सपा प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा हमेशा सपा को बदनाम करने के लिए झूठे आरोप लगाती रहती है, लेकिन उनके पास इस तरह के आरोपों का कोई ठोस प्रमाण नहीं है।
वहीं, भाजपा ने केतकी सिंह के बयान को सही ठहराते हुए कहा कि यह जरूरी है कि अखिलेश यादव और उनके पार्टी के नेता पहले अपनी सरकार के कामकाज और उसकी नाकामियों पर बात करें, फिर आगे की योजनाओं की बात करें। भाजपा का कहना है कि अगर सपा नेताओं ने अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से निभाया होता, तो आज प्रदेश में विकास के कई मोर्चे पर शानदार काम दिखता।
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