February 9 2025 भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) की तकनीकी टीम के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बलिया जिले के इन प्रमुख स्थलों का जायजा लिया । इसी दौरान उन्होंने गंगा नदी, कटहल नाला और सुरहा ताल जैसी जगहों पर जल परिवहन और पर्यटन के विकास की संभावनाओं पर चर्चा की। मंत्री ने बताया कि जलमार्गों को सुसंगत और सुचारू रूप से चलाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे, जिनमें प्रमुख कदम होगा ऑटोमेटिक पीपा पुल का निर्माण होगा।
ऑटोमेटिक पीपा पुल
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि जलमार्ग पर बड़े जहाजों के आने जाने को सुलभ और सुरक्षित बनाने के लिए ऑटोमेटिक पीपा पुल की योजना तैयार की जा रही है। यह पुल गंगा नदी और कटहल नाला के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बनेगा, जिससे जल परिवहन में और भी ज्यादा सुविधा मिलेगी। मंत्री ने यह भी साफ तौर पर बोले कि यह पुल पर्यावरणीय और तकनीकी दृष्टि से उपयुक्त होगा, और जलमार्ग के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
इस योजना के अंतर्गत, कटहल नाला और गंगा नदी के बीच की दूरी को कम करने के लिए ऑटोमेटिक पीपा पुल का निर्माण किया जाएगा, जिससे यह क्षेत्र जल परिवहन के लिए एक अहम मार्ग बनेगा। इससे ना केवल बलिया जिले में जल परिवहन को मजबूती मिलेगी, बल्कि यह पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए एक नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा। मंत्री ने यह भी बताया कि जलमार्ग पर बड़े जहाजों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए सभी आवश्यक तकनीकी सुविधाओं की योजना बनाई जाएगी।
पीपा पूल के लिया स्थलीय निरीक्षण और संभावनाओं पर चर्चा
मंत्री दयाशंकर सिंह और उनके साथ आई टीम पीपा ब्रिज के लिया गंगा नदी, कटहल नाला और सुरहा ताल का स्थलीय निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान, प्राधिकरण के तकनीकी सहायक मुहम्मद असलम और जलीय सर्वेक्षक रणधीर कुमार ने कटहल नाला के कई स्थानों का दौरा किया। इस दौरान टीम ने गंगा घाट का भी निरीक्षण किया और वहां की स्थिति का अनुमान लगाया । मंत्री और टीम के सदस्य सुरहा ताल का चारों ओर से निरीक्षण करते हुए पर्यटन विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कार्य पर चर्चा की।
टीम ने यह सुझाव दिया कि अगर सुरहा ताल में ड्रेजिंग (नदी की सफाई) का काम कराया जाए तो यहां पूरे वर्ष पानी रहेगा, जिससे यह क्षेत्र एक बहुत सुंदर पर्यटन स्थल बन सकता है। साथ ही, कटहल नाला के सुंदरीकरण के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई। टीम ने यह भी सुझाव दिया कि कटहल नाला को जल परिवहन के दृष्टिकोण से सीधे गंगा से जोड़ा जाए, ताकि नाला में जल हमेसा बनी रहे और इसका उपयोग जलमार्ग के रूप में किया जा सके।
पूल से खुलेगा पर्यटन और रोजगार के नए अवसर
मंत्री ने इस मौके पर यह भी कहा कि बलिया जिले को जल परिवहन के क्षेत्र में बेहतर बनाने के लिए जो भी कदम उठाने होंगे, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि गंगा नदी में राष्ट्रीय जलमार्ग नंबर एक के विकास के लिए कई स्तरों पर कार्य किया जा रहा है। इस जलमार्ग के तहत बलिया जिले के साथ-साथ गाजीपुर और मांझी घाट पर जेट्टी (घाट पर नावों के उतरने के लिए एक ठोस संरचना) बनाए जाएंगे, जो न केवल जल परिवहन को बढ़ावा देंगे, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी लाएंगे ।
इसके अलावा, इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। मंत्री ने टीम के सदस्यों को निर्देश दिया कि वे जल्द ही अपनी रिपोर्ट तैयार करें और अगले सप्ताह अधिकारियों के पास इसे प्रस्तुत करें ताकि इस परियोजना को तुरंत लागू किया जा सके।
जलमार्ग और पर्यावरण के बीच बिना समझौता के बनेगा पूल
इस पूल का मुख्य उद्देश्य केवल जल परिवहन को बढ़ावा देना ही नहीं, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखना भी है। मंत्री ने कहा कि जलमार्गों के विकास के दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्थानीय पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे और जल जीवन में संतुलन बना रहे। इसके लिए सभी तकनीकी पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा और स्थानीय जल स्रोतों के संरक्षण की दिशा में भी कार्य किए जाएंगे।
जल परिवहन के लिए विशेष तैयारियां
जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए जिले में आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। इसमें जलमार्ग के किनारे जेट्टी निर्माण, घाटों की सफाई, और नदी के रास्ते को चौड़ा करने के काम शामिल हैं। इसके साथ-साथ जल परिवहन के लिए आधुनिक जहाजों और नावों की भी व्यवस्था की जाएगी, ताकि स्थानीय परिवहन के साथ-साथ बड़े जलमार्गों की भी सेवा मिल सके। यह योजना न केवल स्थानीय जनता के लिए उपयोगी होगी, बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षक बन सकेगी।
मंत्री ने यह भी कहा कि जलमार्ग के विकास से न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि इससे पर्यटकों के आगमन में भी वृद्धि होगी। बलिया, गाजीपुर और अन्य आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन के नए आयाम खुलेंगे, जो आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेंगे। इसके साथ ही, इस परियोजना के द्वारा स्थानीय लोगों को न केवल रोजगार मिलेगा, बल्कि उन्हें जल परिवहन के महत्व को समझने और इसका अधिकतम लाभ उठाने का अवसर भी मिलेगा।
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