भारत में खेलों के प्रति बढ़ती जागरूकता और युवाओं का उत्साह निरंतर बढ़ रहा है। इसी संदर्भ में बलिया की दो होनहार बेटियाँ, दीपा रॉय और कृति रॉय ने दिल्ली में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय किकबॉक्सिंग चैंपियनशिप में अपनी शानदार उपलब्धियों से न केवल अपने परिवार का बल्कि अपने शहर और राज्य का नाम भी रोशन किया है। यह उपलब्धि न केवल उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है, बल्कि इसने खेलों में महिलाओं की भागीदारी और सफलता को भी एक नई दिशा दी है।
किकबॉक्सिंग का महत्व और दीपा रॉय और कृति रॉय की यात्रा
किकबॉक्सिंग एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचलित मार्शल आर्ट है, जो शारीरिक शक्ति, मानसिक तत्परता और रणनीतिक सोच का सम्मिलन है। यह खेल न केवल शारीरिक रूप से ताकतवर बनाने के लिए किया जाता है, बल्कि यह आत्म-रक्षा के कौशल को भी बढ़ावा देता है। किकबॉक्सिंग में प्रतिस्पर्धा करने के लिए बेहद कठिन प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है, और इस खेल में सफलता प्राप्त करना आसान नहीं होता।
दीपा रॉय और कृति रॉय दोनों ही अपनी मेहनत और संघर्ष के चलते इस खेल में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सफल हुईं। इन दोनों की कड़ी मेहनत, लगन और प्रेरणा का स्रोत उनके परिवार और गुरुओं का समर्थन रहा। बलिया जिले के दादा के छपरा क्षेत्र से आने वाली इन दोनों लड़कियों ने स्थानीय स्तर पर विभिन्न टूर्नामेंट्स में अपनी प्रतिभा का परिचय दिया, जिसके बाद उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर खेलने का अवसर मिला।
दिल्ली में आयोजित International Kickboxing Championship
दिल्ली में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय किकबॉक्सिंग चैंपियनशिप में भाग लेने का अवसर दीपा और कृति के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। यह प्रतियोगिता विभिन्न राज्यों के किकबॉक्सिंग खिलाड़ियों के बीच आयोजित की गई थी, जिसमें उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य प्रदेश से भी खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में कड़ी प्रतिस्पर्धा थी, और कई स्तरीय खिलाड़ी भी हिस्सा लेने आए थे। ऐसे में दीपा और कृति के लिए यह प्रतियोगिता एक कठिन चुनौती थी, लेकिन इन दोनों ने शानदार प्रदर्शन किया और कई कठिन मुकाबलों को जीतकर 1st rank (पहला स्थान) हासिल किया।
दीपा रॉय की उपलब्धियाँ
दीपा रॉय ने इस प्रतियोगिता में अपने वजन वर्ग में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता और 1st rank हासिल किया। उनकी कड़ी मेहनत और तकनीकी कौशल ने उन्हें शीर्ष पर पहुंचाया। दीपा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और कोच को दिया, जिन्होंने हर कदम पर उनका मार्गदर्शन किया। दीपा का मानना है कि इस खेल में सफलता पाने के लिए केवल शारीरिक ताकत नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता भी बेहद जरूरी है। उनका कहना है, “किकबॉक्सिंग सिर्फ शारीरिक खेल नहीं है, यह मानसिक खेल भी है। अपने मानसिक स्थिति को मजबूत रखना सबसे महत्वपूर्ण है, जिससे हर चुनौती का सामना किया जा सके।”
कृति रॉय का संघर्ष और सफलता
कृति रॉय ने भी इस प्रतियोगिता में अपनी जबरदस्त ताकत और तकनीकी कौशल का प्रदर्शन किया। कृति ने स्वर्ण पदक जीतकर और 1st rank हासिल करके अपनी स्थिति को साबित किया। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया। कृति ने यह सफलता पाने के लिए कई सालों तक कठिन प्रशिक्षण लिया, और अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए निरंतर कठिनाइयों का सामना किया। कृति का मानना है कि उनका यह सफर आसान नहीं था, लेकिन हर कठिनाई ने उन्हें मजबूत बनाया।
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