30 December 2024 : जहा एक तरफ आम आदमी और गरीब आदमी टैक्स का मार सह रहा है वही खराब व्यवस्था से हालत खराब है सरकार को टैक्स वसूल करना है लेकिन सुविधा नहीं देना है बलिया जिला के मुख्य चिकित्सा केंद्र, जिला अस्पताल में लगी डिजिटल एक्सरे मशीन पिछले छह दिनों से खराब पड़ी हुई है, जिससे अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ठंड के मौसम में, दूर के इलाकों से इलाज के लिए अस्पताल आने वाले मरीजों के लिए यह समस्या और भी भारी हो गई है। मरीजों की बढ़ती संख्या और मशीन की खराबी के कारण, अस्पताल प्रशासन पर दबाव और तीव्र हो गया है, जिससे आम लोगों को स्वास्थ्य सेवा मे परेशानी आ रही हैं।
जिला अस्पताल में डिजिटल एक्सरे मशीन का प्रतिदिन 120 से 145 मरीजों के एक्सरे परीक्षण के लिए होता था, लेकिन पिछले छह दिनों से मशीन की खराबी के चलते अब मैन्युअल एक्सरे ही किए जा रहे हैं। मैन्युअल एक्सरे के जरिए केवल 65 से 70 मरीजों का ही परीक्षण हो पा रहा है। इससे न सिर्फ अस्पताल प्रशासन को मुश्किलें हो रही हैं, बल्कि मरीजों आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
मरीजों को हो रही परेशानी
खासकर जिन मरीजों को एक्सरे के बाद इलाज की जरूरत है, वे इस असुविधा के कारण इलाज में देरी का सामना कर रहे हैं, जो उनकी सेहत के लिए और भी खतरनाक हो सकता है।सर्दी के मौसम में और खासकर ठंड के दिनों में जो दूर से मरीजों का आना-जाना बढ़ जाता है। ऐसे में, एक्सरे की समस्या का समय पर समाधान न होने से मरीजों की परेशानियां कई गुना बढ़ जाती हैं। लोग सुबह-सुबह अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन मशीन खराबी के कारण घंटों इंतजार करने के बाद भी उनका एक्सरे नहीं हो पाता। इस दौरान मरीजों को लौटकर जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता, जिससे उन्हें मानसिक और शारीरिक तनाव का सामना करना पड़ता है।
इस स्थिति में, जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, डॉ. एसके यादव ने बताया कि डिजिटल एक्सरे मशीन के सॉफ़्टवेयर में कुछ दिक्कत आ गई है, जिससे मशीन काम नहीं कर रही है। इसके समाधान के लिए अस्पताल प्रशासन ने बृहस्पतिवार को इंजीनियरों की एक टीम को बुलाया था। टीम ने पूरी कोशिश की मशीन को ठीक करने की, लेकिन सही नहीं कर पाए हालांकि, डॉ. यादव ने यह भी आश्वासन दिया कि एक-दो दिनों में एक्सरे मशीन ठीक हो जाएगी और मरीजों को फिर से डिजिटल एक्सरे की सुविधा मिलने लगेगी।
फिलहाल मैन्युअल एक्सरे से काम चलाना पड़ रहा है, जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है। मैन्युअल एक्सरे से समय अधिक लगता है, डिजिटल एक्सरे की मदद से परीक्षण अधिक सटीक होते हैं और मरीजों को जल्द से जल्द परिणाम मिलते हैं, जिससे इलाज में देरी नहीं होती। वहीं, मैन्युअल एक्सरे में समय अधिक लगने के साथ-साथ कई बार अलग अलग रिजल्ट भी आ सकता है, जो कि किसी भी मरीज के लिए एक जोखिमपूर्ण स्थिति हो सकती है।
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