संजय सिंह: मोदी सरकार ने आतंकवाद से ध्यान भटकाने के लिए जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया

संजय सिंह: मोदी सरकार ने आतंकवाद से ध्यान भटकाने के लिए जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया

बलिया। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने हाल ही में बीजेपी पर एक गंभीर आरोप लगाया कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवादी हमलों की घटनाओं से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए मोदी सरकार ने जाति जनगणना का मुद्दा उठाया है। उनका कहना था कि जैसे ही बिहार चुनाव खत्म होगा, भाजपा सरकार जातीय जनगणना को भूल जाएगी, और यह केवल एक राजनीतिक चाल है। बुधवार की रात, वे पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सर्वेश मिश्र के आवास पंडितपुरा में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।

संजय सिंह ने अपने बयान में जाति आधारित जनगणना को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि देश भर में हर कोई यह जानने के लिए उत्सुक था कि पीओके (पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर) को फिर से कैसे लिया जाएगा, और आतंकवादियों को खत्म करने के लिए सरकार क्या कदम उठाएगी। इसके बजाय, सरकार ने जाति जनगणना का मुद्दा उठाकर देशवासियों का ध्यान भटकाने की कोशिश की है।

आतंकी हमले के बाद ध्यान भटकाने का आरोप

संजय सिंह ने 27 पर्यटकों की हत्या की ओर इशारा करते हुए कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने हमारे देश में घुसकर हमें खुली चुनौती दी है। ऐसे समय में, जब पूरा देश इस बात का इंतजार कर रहा था कि सरकार आतंकवादियों के खिलाफ कैसे कार्रवाई करेगी, मोदी सरकार ने जाति जनगणना जैसे मुद्दे को उठाया। यह सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, “क्या यह एक रणनीति है जिससे लोगों का ध्यान असली समस्या से हटा दिया जाए?”

संजय सिंह ने यह भी कहा कि वे जाति जनगणना के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि जाति जनगणना के लिए क्या योजना बनाई गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने न तो इस कार्य के लिए कोई बजट आवंटन किया है, न ही यह स्पष्ट किया है कि जनगणना को पूरा करने में कितना समय लगेगा। उनका कहना था कि यह मुद्दा केवल एक “ध्यान भटकाने” की रणनीति के रूप में सामने आया है, जिससे लोग आतंकवादी हमलों से ध्यान हटा सकें।

जातीय जनगणना पर आलोचना

संजय सिंह ने जातीय जनगणना को लेकर भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यदि सरकार जातीय जनगणना के प्रति ईमानदार होती, तो इस पर पहले से बजट आवंटित कर देती और इसकी प्रक्रिया के बारे में देश को जानकारी देती। उन्होंने कहा कि अगर इस प्रक्रिया को सही तरीके से लागू किया जाता, तो इससे सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंच सकता था, क्योंकि सरकार को यह जानना जरूरी है कि किस जाति में कितने लोग हैं। लेकिन मोदी सरकार ने न तो इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाया है और न ही इसे लागू करने का कोई स्पष्ट रोडमैप दिया है।

उन्होंने यह भी कहा कि जातीय जनगणना के बारे में भाजपा सरकार का रवैया पूरी तरह से लापरवाह है। एक ओर आतंकवादी हमलों का सिलसिला जारी है, वहीं सरकार जातीय जनगणना को लेकर सिर्फ बयानबाजी कर रही है। यह सिर्फ एक राजनीतिक जुमला है, जिसका उद्देश्य चुनावों में अपनी स्थिति को मजबूत करना और आम लोगों का ध्यान असल समस्याओं से भटकाना है।

पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सरकार पर हमला

संजय सिंह ने विशेष रूप से पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर मोदी सरकार की नाकामी को उजागर किया। उनका कहना था कि यह घटना हमारे खुफिया तंत्र और सुरक्षा एजेंसियों की गंभीर विफलता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से मोदी सरकार की विफलता है, क्योंकि ऐसी गंभीर घटनाओं के बावजूद सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

संजय सिंह ने आरोप लगाया कि जब देश को आतंकवादियों से निपटने के लिए ठोस और निर्णायक कदमों की आवश्यकता थी, तब प्रधानमंत्री मोदी बिहार चुनाव प्रचार में व्यस्त थे। वह पाकिस्तान से लड़ने की बजाय सोशल मीडिया और यूट्यूब चैनलों पर सक्रिय पत्रकारों और नेताओं से ही लड़ रहे थे। यह स्थिति गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि हमें अपनी सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ वास्तविक संघर्ष की आवश्यकता है।

मोदी सरकार की विफलता पर सवाल उठाते हुए

संजय सिंह ने कहा कि सरकार को पहले यह देखना चाहिए था कि आतंकवादियों ने हमारे धरती पर घुसकर निर्दोष पर्यटकों को क्यों मारा। दो हजार से अधिक लोग पहलगाम में मौजूद थे, फिर भी आतंकवादी आकर खुलेआम हत्या करके चले गए। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार को पहले आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी, न कि जातीय जनगणना जैसे मुद्दों पर समय बर्बाद करना चाहिए था।

संजय सिंह ने मोदी सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि जब सर्वदलीय बैठक में इस बात पर चर्चा हो रही थी कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, तब प्रधानमंत्री मोदी उस बैठक को छोड़कर बिहार चुनाव में प्रचार करने गए। यह एक गंभीर मुद्दा था, लेकिन प्रधानमंत्री ने उसे नजरअंदाज कर दिया और चुनावी प्रचार में व्यस्त हो गए।

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