उत्तर प्रदेश में 450 मीटर लंबी टनल और ग्रीनफील्ड फोरलेन सड़क का निर्माण, जानें पूरी जानकारी

उत्तर प्रदेश में 450 मीटर लंबी टनल और ग्रीनफील्ड फोरलेन सड़क का निर्माण, जानें पूरी जानकारी

Up New Tunnel : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की यातायात व्यवस्था और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी और नई परियोजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के प्रमुख शहरों और कस्बों के बीच सुगम और सुरक्षित मार्ग प्रदान करना है। यह परियोजना एक नई रिंग रोड और उसके अंतर्गत 450 मीटर लंबी टनल के निर्माण पर आधारित है। यह कार्ये न केवल वाराणसी और उसके आसपास के क्षेत्र की यातायात व्यवस्था को सुधारेगी, बल्कि इसके लंबा समय के लिया लाभ राज्य की आर्थिक स्थिति और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण साबित होंगे।

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टनल और ग्रीनफील्ड  परियोजना का उद्देश्य

इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों और अन्य इलाकों के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत बनाना है। इस पहल के अंतर्गत वाराणसी, सुलतानपुर और लखनऊ के राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-31) को एक नए और अत्याधुनिक मार्ग से जोड़ा जाएगा, जो इस क्षेत्र की यातायात व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार करेगा। इस परियोजना के तहत एक ग्रीनफील्ड फोरलेन सड़क का निर्माण किया जाएगा, जो 450 मीटर लंबी टनल से जुड़ी होगी। इस नई सड़क को 2.40 किलोमीटर की लंबाई तक बढ़ाया जाएगा और इसे बाबतपुर चौराहे से लगभग दो किलोमीटर पहले पुरारघुनाथपुर, बसनी होते हुए सिसवां गांव तक विस्तारित किया जाएगा। यह पहल ट्रैफिक की भीड़-भाड़ को कम करने और यात्रा के समय को घटाने में मदद करेगी।

वित्तीय योजना और उसकी लागत

इस परियोजना की कुल लागत लगभग 440 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। इस रकम को तीन किश्तों में प्रदान किया जाएगा। पहली किश्त के रूप में 20 प्रतिशत धनराशि दी जाएगी, दूसरी किश्त में 30 प्रतिशत और अंतिम किश्त में 50 प्रतिशत धनराशि वितरित की जाएगी। इस प्रकार से दी जाने वाली वित्तीय व्यवस्था निर्माण कार्य को काम समय मे और प्रभावी तरीके से पूरा करने में सहायक होगी। परियोजना की लागत के साथ-साथ, इसकी कार्यान्वयन प्रक्रिया को भी सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।

450 मीटर लंबी टनल का निर्माण कार्य और तकनीक

इस महत्वाकांक्षी परियोजना की डिजाइन को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली द्वारा तैयार किया गया है, जो इसे तकनीकी दृष्टिकोण से अत्याधुनिक और विश्वसनीय बनाता है। परियोजना के अंतर्गत 10.60 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसे निर्माण कार्य शुरू होने से पहले प्राप्त किया जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद टेंडरिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसमें उच्च गुणवत्ता वाली विशेषज्ञ कंपनियों को शामिल करने की प्राथमिकता होगी।

टनल और सड़क निर्माण के लिए अत्याधुनिक तकनीकी मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता और गति दोनों में सुधार होगा। टनल के निर्माण में जटिल भूविज्ञान और पर्यावरणीय कारकों का ध्यान रखा जाएगा, ताकि यह निर्माण परियोजना न केवल सुरक्षित हो, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी प्रभावी हो।

लंबे समय तक लाभ और प्रभाव

यह परियोजना केवल वर्तमान में यातायात की समस्या को हल करने के लिए नहीं है, बल्कि इसके दीर्घकालिक लाभ भी बड़ा होंगे। सबसे पहले, इस सड़क और टनल के निर्माण से यातायात की भीड़-भाड़ में कमी आएगी, जो वाराणसी और इसके आस-पास के क्षेत्रों में अक्सर देखने को मिलती है। ग्रीनफील्ड फोरलेन सड़क के माध्यम से यात्रा में समय की बचत होगी, जो यात्रियों को कम समय में अपने गंतव्य तक पहुँचने में मदद करेगा।

इसके अलावा, इस परियोजना से वाहनों की गति बढ़ेगी, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा भी घटेगा। इस प्रकार, यातायात के मामले में सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह परियोजना महत्वपूर्ण है। और सबसे अहम बात यह है कि इस परियोजना का असर न केवल यातायात पर पड़ेगा, बल्कि इससे राज्य के आर्थिक विकास में भी वृद्धि होगी। कम समय में यात्रा करने से व्यापार और उद्योगों की गति भी तेज होगी, जिससे आर्थिक गतिविधियों में इजाफा होगा

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