बलिया जिले के सुखपुरा थाना क्षेत्र स्थित जिला बस्ती के पास स्थित सेंट जेवियर्स स्कूल से अपने घर लौट रही दो सगी बहनों की करंट लगने से मौत हो गई। इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचाकर रख दिया है। मृतक बहनों में से एक अलका यादव, जो कक्षा 7 की छात्रा थी, और दूसरी आंचल यादव, जो कक्षा 9 की छात्रा थी। यह घटना बुधवार को हुई, जब दोनों बहनें स्कूल से घर लौट रही थीं और सड़क से लेकर कॉलोनी तक तीन फुट बरसात का पानी खड़ा था। यह दुखद घटना इस प्रकार घटी कि दोनों बहनें बिजली के टूटे हुए तार की चपेट में आ गईं और करंट लगने से उनकी मौत हो गई।
घटना का पूरी जानकारी
यह घटना सामने आया है कि बुधवार को स्कूल की छुट्टी के बाद दोनों बहनें, अलका और आंचल, स्कूल से घर लौट रही थीं। वे जिस रास्ते से गुजर रही थीं, उस रास्ते पर बरसात के कारण पानी भरा हुआ था। सड़क से लेकर कॉलोनी तक लगभग तीन फुट पानी जमा था, जिससे लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया था। यह पानी ना केवल सड़क पर था, बल्कि कॉलोनी के अंदर भी फैला हुआ था।
जब दोनों बहनें उस पानी से होकर गुजर रही थीं, तो अचानक बिजली का एक तार टूटकर पानी में गिर गया। इस तार में करंट था, और जैसे ही वह पानी में गिरा, दोनों बहनें उसकी चपेट में आ गईं। करंट लगने से दोनों बहनें तुरंत बेहोश हो गईं और गिर पड़ीं।
त्वरित मदद और अस्पताल में इलाज
इस घटना के बाद आसपास के लोगों ने तुरंत दोनों बहनों को पानी से बाहर निकाला और प्राथमिक चिकित्सा देने के लिए उन्हें सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) दिया। इसके बाद उन्हें गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों का कहना था कि करंट लगने से दोनों का दिल रुक गया था, जिसके कारण उनकी मौत हो गई।
देर न होते हुए, जिला अस्पताल में घटना की खबर फैलते ही कॉलोनी के लोग एकत्रित हो गए। इलाके के लोग इस घटना को लेकर गहरे सदमे में थे और मृतकों के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे थे।
मोहल्ले वालों का गुस्सा और आरोप
जिला अस्पताल में दोनों बहनों की मौत की खबर मिलते ही, मोहल्ले के लोग इस घटना के कारणों को लेकर गुस्से में थे। उनका आरोप था कि यह घटना बिजली विभाग की लापरवाही के कारण हुई है। उन्होंने स्थानीय बिजली विभाग और कर्मियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने बिजली के तारों को ठीक से नहीं लगाया था, जिससे यह हादसा हुआ। लोगों का कहना था कि अगर बिजली के तार सुरक्षित होते तो यह घटना नहीं होती।
मोहल्लेवासियों का गुस्सा इस कदर बढ़ गया कि उन्होंने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया और जब तक स्थानीय प्रशासन इस मामले में कार्रवाई नहीं करेगा, तब तक शव का पोस्टमार्टम नहीं होने देंगे। लोग इस घटना के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
इस मामले में पुलिस भी मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। पुलिस ने स्थिति का जायजा लिया और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
प्रशासनिक लापरवाही और जन जागरूकता
यह हादसा प्रशासनिक लापरवाही का एक बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया है। यदि बिजली विभाग द्वारा तारों की सही तरीके से देखरेख की जाती तो इस तरह की घटना से बचा जा सकता था। यह घटना यह भी दर्शाती है कि बरसात के मौसम में बिजली के तारों की देखरेख और सुरक्षा का कितना महत्वपूर्ण मुद्दा है।