March 8 2025 उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के चकखान गांव में एक शादी समारोह के दौरान हुई हिंसा ने एक एक युवक की मौत हो गई और कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना ने न केवल गांव बल्कि पूरे जिले को शोक में डाल दिया है। शनिवार रात को हुए इस विवाद के बाद घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, जबकि मृतक के परिजनों ने सड़क जाम कर दिया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।
शादी मे घटना का पूरी जानकारी
यह घटना उस समय हुआ जब चकखान गांव में श्रीभगवान राजभर की पुत्री काजल और सुलाभ राजभर के पुत्र रोहित की शादी हो रही थी। तय समय के अनुसार, रोहित की बारात मुजही गांव से चकखान पहुंची। यह शादी बड़े धूमधाम से हो रही थी और लड़की पक्ष के लोग द्वारपूजा और बरातियों की आवभगत में व्यस्त थे। सब कुछ शांतिपूर्ण और खुशी का माहौल था, लेकिन रात करीब 12 बजे एक घटना ने सबकुछ बदल दिया।
गांव के कुछ अराजक तत्वों ने अचानक बरातियों पर हमला बोल दिया। इन आरोपियों ने न केवल पुरुषों को दौड़ाकर पीटा, बल्कि घर की महिलाओं को भी नहीं छोड़ा। यह हिंसा इतनी भीषण थी कि दूल्हे और दुल्हन के परिवार के लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। इस हमले के दौरान कई लोग घायल हुए, जिनमें कृष्णा राजभर (17) की हालत गंभीर हो गई। कृष्णा, जो कि दूल्हे के रिश्ते में बुआ का लड़का था, सहबलिया बनकर शादी में शामिल हुआ था। उसे बुरी तरह से पीटा गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
युवक की मौत और परिवार का शोक:
मारपीट के बाद कृष्णा को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ गई और पूरे परिवार में गहरी शोक की स्थिति बन गई। कृष्णा के परिजनों को इस घटना की जानकारी मिलते ही वे बेहद गुस्से में थे और आक्रोशित हो गए। उन्होंने शव को लेकर सिकंदरपुर के बस स्टेशन चौराहा पर सड़क जाम कर दिया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। उनके अनुसार, इस घटना ने उनके पूरे परिवार को तोड़ दिया था और वे चाहते थे कि दोषियों को कड़ी सजा मिले।
पुलिस की कार्रवाई:
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। सिकंदरपुर थाना प्रभारी एसएचओ विकास चंद्र पांडेय और चौकी प्रभारी ज्ञान प्रकाश तिवारी ने तत्काल घटनास्थल का दौरा किया और परिजनों को समझाकर जाम हटवाया। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया और परिवार को न्याय दिलाने की बात कही। इस बीच, पुलिस ने शव को मर्चरी हाउस भेज दिया और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू की। वहीं, पुलिस ने घटना में शामिल अराजकतत्वों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी शुरू कर दी। हालांकि, घटनास्थल से किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका। पुलिस ने जांच के दौरान बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे प्राथमिकता से निपटाया जाएगा।
घायलों का इलाज:
मारपीट के दौरान अन्य कई लोग भी गंभीर रूप से घायल हुए, जिनमें अरुण राजभर (14), मोहित (19), मनीष (20), सागर (19) और अन्य दर्जनों लोग शामिल हैं। घायल लोगों को प्राथमिक उपचार देने के बाद उन्हें अस्पतालों में भेजा गया। कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही थी, जबकि अन्य की स्थिति स्थिर थी। पुलिस ने भी घायलों का बयान दर्ज किया और मामले की जांच में जुट गई।
सड़क जाम और सार्वजनिक आक्रोश:
घटना के बाद मृतक के परिजनों का गुस्सा उबाल मार गया। उन्होंने सड़क जाम कर दिया और जोरदार नारेबाजी की। उनका कहना था कि जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक वे जाम नहीं हटाएंगे। गांव में शोक और गुस्से का माहौल था और लोग अपनी आवाज उठाने के लिए सड़कों पर उतर आए थे। परिजनों की मांग थी कि पुलिस कार्रवाई करें और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाई जाए।
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