February 5 2025 बलिया जिले के सिकंदरपुर क्षेत्र में एक दुखद घटना घटी, जब एक पिकअप पीपा पुल की जर्जर प्लेटों में फंस कर सरयू नदी में पलट गई। इस हादसे में एक युवक डूब कर लापता हो गया, जबकि दूसरा किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रहा। स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से युवक की तलाश जारी है, लेकिन अब तक उसका कोई पता नहीं चल पाया है।
पूरी घटना
यह हादसा सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के खरीद दरौली इलाके में हुआ, जहां सरयू नदी पर बने पीपा पुल के जर्जर निर्माण के कारण एक पिकअप अनियंत्रित होकर नदी में गिर गई। बताया जा रहा है कि पिकअप में सब्जी लेकर जा रहे ड्राइवर संदीप राजभर (25) और उसका साथी अंकित वर्मा (18) सुबह के समय दरौली जा रहे थे। दरौली और आसपास के इलाके में पीपा पुल के निर्माण कार्य में देरी हो रही थी और पुल के दोनों खंडों का निर्माण अधूरा था, जिसके कारण नदी का एक हिस्सा स्टीमर द्वारा पार करना पड़ता था।
तभी, पिकअप चालक संदीप राजभर ने नदी का पहला खंड पार किया और सब्जी उतारने के बाद वापस लौट रहा था। लौटते समय पीपा पुल के प्लेटों की स्थिति इतनी खराब थी कि वे पिकअप के पहियों में फंस गईं। प्लेटों का बराबर रख-रखाव और सटीक निर्माण की कमी के कारण पिकअप अचानक अनियंत्रित हो गई और पतली रस्सियों से बनी रेलिंग को तोड़ते हुए गहरे पानी में गिर गई। संदीप किसी तरह रस्सियों के सहारे नदी से बाहर निकलने में सफल हो गया, लेकिन अंकित वर्मा नदी में डूब गया और वह लापता हो गया।
ग्रामीणों का आक्रोश
इस हादसे के बाद स्थानीय लोग काफी नाराज हैं और उन्होंने विभागीय लापरवाही के खिलाफ गुस्से का इजहार किया। ग्रामीणों का कहना है कि नदी के दोनों खंडों में बने पुल का निर्माण अधूरा था और सुरक्षा इंतजामों का पूरी तरह से कमी था। उन्हें यह भी शिकायत थी कि विभागीय अधिकारियों को इस पुल के निर्माण में हो रही लापरवाही के बारे में पहले ही सूचित किया गया था, लेकिन किसी ने उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया। इससे न सिर्फ पुल का निर्माण सही तरीके से नहीं हुआ, बल्कि हादसे का कारण भी बन गया।
ग्रामीणों का आरोप था कि विभाग ने सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए बिना ही पुल पर आवागमन शुरू करवा दिया। यह खतरनाक था, क्योंकि निर्माण के दौरान नदी के दो हिस्सों को जोड़ने वाला एक हिस्सा ही ठीक से तैयार नहीं हुआ था। इसके अलावा, पीपा पुल की स्थिति पहले से ही काफी खराब हो चुकी थी, और उसकी मरम्मत भी नहीं की जा रही थी।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्यवाही
हादसे के बाद घटना की सूचना मिलने पर पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। पिकअप को बाहर निकाला गया, लेकिन युवक अंकित वर्मा का कोई पता नहीं चल सका। पुलिस, प्रशासन और स्थानीय लोगों ने मिलकर खोजबीन शुरू की, लेकिन लापता युवक का अभी तक कुछ पता नहीं चल सका। घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को समझा और पीपा पुल की स्थिति को सुधारने के लिए तुरंत कदम उठाए।
मंगलवार को, पीपा पुल के पास 12 से अधिक कर्मचारियों की टीम को भेजा गया, जिन्होंने बेतरतीब ढंग से रखी गई लोहे की प्लेटों को ठीक करना शुरू किया। इसके साथ ही, रेलिंग में मजबूत रस्सियाँ बांधने का कार्य भी शुरू किया गया, ताकि भविष्य में किसी अन्य दुर्घटना से बचा जा सके। अधिकारियों का कहना था कि वे इस पुल की मरम्मत जल्द से जल्द करेंगे, ताकि इस तरह की घटनाएं न हों।
विभागीय लापरवाही और वित्तीय मुद्दे
इस हादसे के कारण अब एक और मामला सामने आया है, जो विभागीय लापरवाही को बाता रहा है। सिकंदरपुर क्षेत्र के पीपा पुल के निर्माण के लिए शासन ने 3 अगस्त 2024 को 1.96 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी थी। इसमें से 1.38 करोड़ रुपये साल वुड स्लीपर और 28.19 लाख रुपये साल वुड एजिंग पर खर्च होने थे। हालांकि, करीब छह महीने पहले इस वित्तीय स्वीकृति को मंजूरी मिल चुकी थी, लेकिन विभाग अब तक टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाया था, जिससे पुल का निर्माण समय से पूरा नहीं हो सका।
पुल का निर्माण अधूरा था और यह हादसा इस लापरवाही का परिणाम था। स्थानीय लोग और अन्य संबंधित लोग अब विभाग से यह सवाल उठा रहे हैं कि यदि समय पर निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाता, तो यह हादसा न होता।
पीपा पुल का निर्माण
सरयू नदी पर पीपा पुल का निर्माण दो खंडों में किया जाता है। पहले खंड में 22 से 25 पीपों की आवश्यकता होती है, जबकि दूसरे खंड में 70 से 75 पीपे लगते हैं। इसके साथ ही, करीब एक हजार लकड़ी के स्लीपर, एजिंग और लोहे की प्लेट्स जैसी सामग्री की भी आवश्यकता होती है। इन सामग्रियों पर हर साल करीब 30 से 35 लाख रुपये खर्च होते हैं।
हालांकि, पुल अभी पूरा नहीं बना है और इससे भी बड़े हादसों का खतरा बढ़ सकता है। पुल की निर्माण सामग्री जैसे लोहे की प्लेटें रेत के कारण खिसक रही हैं और पिकअप की रफ्तार ज्यादा होने के कारण उसे नियंत्रित नहीं किया जा सका। कमलाकांत, अधिशासी अभियंता, प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग, बलिया ने कहा कि कर्मचारियों को प्लेटों को ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं और भविष्य में इस तरह के हादसे से बचने के लिए सभी जरूरी सुरक्षा उपाय किए जाएंगे।
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