3 अप्रैल 2025 बलिया जिले के नगरा थाना क्षेत्र स्थित सरयां गुलाबराय गांव में पूजा चौहान की संदिग्ध मौत के मामले में अब तक पुलिस की ओर से कोई ठोस खुलासा नहीं हो सका है। यह मामला पिछले कुछ दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ है, और अब यह राजनैतिक दलों का भी हिस्सा बन चुका है। पूजा की मौत को लेकर स्थानीय लोग और विभिन्न राजनीतिक दल लगातार अपनी आवाज उठाते रहे हैं, और अब पुलिस ने मामले की गहरी जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है।
पूजा चौहान के मामले मे एसआईटी का गठन
पुलिस प्रशासन ने पूजा चौहान की मौत की जांच में नये मोड़ पर कदम बढ़ाते हुए एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी की जिम्मेदारी इस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच करना है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) ओमवीर सिंह ने इस बारे में जानकारी दी और कहा कि एसआईटी जल्द ही घटना स्थल पर पहुंचकर घटनाक्रम की नए सिरे से जांच करेगी। इसके अलावा, एसआईटी टीम द्वारा जुटाए गए साक्ष्य और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी अध्ययन किया जाएगा, ताकि मामले का सही समाधान निकाला जा सके।
एडीजी वाराणसी पीयूष मोर्डिया ने भी इस बात की पुष्टि की कि डीआईजी आजमगढ़ सुनील कुमार सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई है, जो पूजा की मौत के मामले की जांच करेगी। इस टीम में आजमगढ़ देहात के एएसपी आईपीएस चिराग जैन, सीओ रसड़ा आशीष मिश्र, नगरा थाना प्रभारी कौशल पाठक और सर्विलांस प्रभारी शामिल हैं। एसआईटी की टीम अब पूरी घटना की सच्चाई को उजागर करने के लिए हर पहलू की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट एडीजी को प्रस्तुत करेगी।
पूजा चौहान की मौत परिजनों का आरोप
पूजा चौहान की मौत को लेकर सबसे बड़ी चिंता यह है कि पुलिस ने शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या का मामला मानते हुए यह थ्योरी पेश की थी कि पूजा ने खुद को फांसी लगाई थी। लेकिन, पूजा के परिजनों और गांववासियों ने इस सुसाइड की थ्योरी को खारिज किया है। उनका कहना है कि पूजा को किसी ने जानबूझकर मारा है, और उसकी मौत संदिग्ध है। पूजा के परिजनों ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की थी, और राजनीतिक दलों ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया।
गांव के लोगों का मानना है कि पूजा की मौत के पीछे कोई बड़ी साजिश हो सकती है। विशेष रूप से पूजा के परिवार ने यह सवाल उठाया है कि उसके हाथ क्यों बांधे गए थे, और इस परिस्थिति में फांसी लगाने का तरीका खुदकुशी की बजाय किसी हत्या का संकेत देता है। इसके अलावा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी कुछ ऐसे संकेत दे रही थी, जिनके आधार पर इसे हत्या की संभावना से भी जोड़ा जा सकता है।
राजनीतिक दलों का हस्तक्षेप और आरोप-प्रत्यारोप
पूजा की मौत का मामला धीरे-धीरे राजनीति का अखाड़ा बन गया था। इस मामले को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों ने पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार पर सवाल उठाए। विपक्षी दलों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए, एसआईटी जांच की मांग की थी, ताकि इस मामले में कोई सच्चाई सामने आ सके।
साथ ही, कुछ राजनीतिक नेताओं ने यह भी आरोप लगाया था कि पुलिस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है और इस पर राजनीतिक दबाव डाला जा रहा है। इसके बाद, मामले को लेकर गांव में विभिन्न दलों के प्रतिनिधिमंडल पहुंचने लगे थे, जो लगातार स्थानीय प्रशासन और पुलिस से सवाल पूछ रहे थे। यह पूरी घटना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई थी और विभिन्न दलों ने इसे अपने-अपने तरीके से उठाया।
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