07 january 2025 बलिया जिले के सिकंदरपुर गांव में 1 जनवरी को हुए दोहरे हत्याकांड में आरोपी प्रियांशु राय ने सोमवार को सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। इस मामले में पुलिस ने पहले ही शिवम राय को गिरफ्तार किया था, लेकिन अब भी दो आरोपी फरार हैं। यह हत्याकांड शराब की भट्ठी पर स्थानीय युवकों के बीच हुई कहासुनी के बाद घातक हमले में बदल गया, जिसमें दो युवकों की जान चली गई।
हत्याकांड का घटनाक्रम
1 जनवरी को नरही थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर गांव में एक शराब के ठेके के पास दो पक्षों के बीच कहासुनी हुई थी। इस विवाद के बाद कोटवा नारायणपुर के मनबढ़ युवकों ने 16 वर्षीय जीतू गुप्ता पर हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गया।
तभी, प्रशांत गुप्ता (26) और गोलू वर्मा (23) ने स्थिति को शांत करने के लिए मौके पर पहुंचने का प्रयास किया। लेकिन उन पर भी हमला कर दिया गया। आरोपियों ने कुल्हाड़ी और अन्य धारदार हथियारों से हमला किया, जिससे प्रशांत की मौके पर ही मौत हो गई। गोलू गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे इलाज के लिए बक्सर के एक निजी नर्सिंग होम में ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
इस हिंसक घटना के बाद इलाके में गुस्से का माहौल था। परिजनों और ग्रामीणों ने आरोपी युवकों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एनएच-31 को जाम कर दिया और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। उनकी मांग थी कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।
पुलिस कार्रवाई
मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार मुख्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। आरोपियों के नाम थे- शिवम राय (उमेश राय का पुत्र), बिट्टू यादव, प्रियांशु राय (पवन राय का पुत्र), और रुदेश राय (लालू राय का पुत्र)। पुलिस ने इस मामले में जांच तेज कर दी थी और तीन जनवरी को शिवम राय को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया।
हालांकि, दो आरोपी—प्रियांशु राय और रुदेश राय—अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। इनकी तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है, लेकिन आरोपी फरार हैं और पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
प्रियांशु राय का आत्मसमर्पण
इस बीच, प्रियांशु राय ने सोमवार को सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। आरोपी के कोर्ट में सरेंडर करने की सूचना मिलते ही पुलिस कोर्ट परिसर में मुस्तैद हो गई थी, लेकिन प्रियांशु ने पुलिस से बचते हुए कोर्ट के भीतर जाकर सरेंडर कर दिया। इसके बाद, नरही थाना प्रभारी सुनील तिवारी ने अदालत से रिमांड की मांग की, ताकि आरोपी से पूछताछ की जा सके, लेकिन न्यायालय ने आरोपी को जेल भेजने का आदेश दिया।