बलिया, उत्तर प्रदेश में बुधवार की रात नरहीं पुलिस ने एक बड़े गो तस्करी गिरोह के मैस्टर्माइन्ड जय पत्थरकट्टा को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई उस समय की गई जब पुलिस ने क्षेत्र में गश्त करते हुए गो तस्करी के आरोपी अजय पत्थरकट्टा को गिरफ्तार करने का प्रयास किया। इस दौरान आरोपी ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिससे पुलिस को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। इस मुठभेड़ में आरोपी के बाएं पैर में गोली लगी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी के पास से एक तमंचा, कारतूस और एक बाइक बरामद हुई
मुठभेड़ मे आरोपी गिरफ्तार
यह घटना नरहीं पुलिस थाना क्षेत्र के नसीरपुर मठ के पास पीपल के पेड़ के नीचे स्थित चबूतरे के नजदीक हुई। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर, पुलिस ने गो तस्करों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा था, जिसके तहत यह गश्त की जा रही थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि अजय पत्थरकट्टा नामक एक गो तस्कर इस इलाके में मौजूद है। पुलिस ने उसे घेरने की कोशिश की, लेकिन उसने पुलिस को देखे बिना ही फायरिंग शुरू कर दी।
पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की और उसे घायल कर दिया। घायल बदमाश को तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज किया गया। पुलिस ने आरोपी के पास से अवैध हथियार और अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि वह लंबे समय से गो तस्करी के अपराध में लिप्त था।
गो तस्करी का नेटवर्क और तस्करों की गतिविधियाँ
अजय पत्थरकट्टा का नाम इलाके में गो तस्करी के मामलों में पहले भी सामने आया था। पुलिस की पूछताछ में उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि वह और उसके साथी मिलकर गो तस्करी का कारोबार करते थे। इस गिरोह का मुख्य उद्देश्य अवैध रूप से गायों को बिहार और अन्य राज्यों में भेजना था। पूछताछ के दौरान अजय ने खुलासा किया कि 12 नवंबर को वह 24 गायों को ट्रक पर लादकर बिहार लेकर जा रहा था। उसी दौरान कुतुबपुर उजियार में पुलिस ने उसे पकड़ने की कोशिश की थी, लेकिन वह भीड़ के बीच में पुलिस को चकमा देने में सफल रहा और फरार हो गया। इस घटना के बाद पुलिस ने आरोपी की तलाश और तेज कर दी थी।
अजय की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इस पूरे मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि गो तस्करी के लिए और कौन-कौन लोग शामिल थे। इसके अलावा पुलिस ने अजय के अन्य साथियों को पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित की है और यह संभावना जताई जा रही है कि तस्करों का यह नेटवर्क काफी बड़ा हो सकता है