बलिया जिले के नरहीं थाना क्षेत्र के एक गांव में नाबालिग किशोरी के अपहरण के मामले में पुलिस कार्रवाई के दौरान एक हैरान करने वाली घटना सामने आई। थाना प्रभारी नदीम फरीदी पुलिस अधिकारियों और जवानों के साथ बैठक कर रहे थे। इस बैठक के दौरान आरोपी युवक ने पुलिस की गिरफ्तारी से बचने और कार्रवाई के डर से किसी नुकीली वस्तु से खुद का गला काट लिया। यह घटना थाना कार्यालय में हुई और पुलिस को उसके लहूलुहान होने का पता चलते ही हड़कंप मच गया।
नाबालिग के अपहरण का मामला
यह मामला एक नाबालिग लड़की के अपहरण से जुड़ा है। एक व्यक्ति ने अपनी बेटी के अपहरण का मामला दर्ज कराया था, जिसके बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए किशोरी को बरामद किया। किशोरी ने पुलिस को दिए गए बयान में गांव के ही एक युवक का नाम लिया, जिसके बाद उसे हिरासत में लिया गया। पुलिस ने अपहरण के आरोप में युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और उसे थाने में बैठाया।
हालांकि, इस दौरान रविवार का दिन होने की वजह से किशोरी का मेडिकल परीक्षण नहीं हो सका। यह मेडिकल रिपोर्ट ही आगे की कार्रवाई में महत्वपूर्ण साबित होनी थी, लेकिन रविवार की छुट्टी के कारण पुलिस कोई आगे की कार्रवाई नहीं कर सकी। इसके बाद थाना प्रभारी नदीम फरीदी ने पुलिस अधिकारियों और जवानों के साथ बैठक आयोजित की, जहां यह हैरान करने वाली घटना घटी।
आरोपी युवक का आत्महत्या प्रयास
जब थाना प्रभारी और उनके सहयोगी पुलिसकर्मी बैठक में व्यस्त थे, तभी एक चौंकाने वाली घटना घटी। आरोपी युवक ने अपनी हिरासत के दौरान किसी नुकीली वस्तु का इस्तेमाल करके अपने गले को काट लिया। उसका गला खून से लथपथ हो गया, जिससे थाने में तैनात पहरेदार ने देखा और शोर मचा दिया। जवान की आवाज सुनकर सभी पुलिसकर्मी दौड़ते हुए पहुंचे और आरोपी को तुरंत इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) भेजा।
उपचार और स्थिति
आरोपी को सीएचसी पहुंचाने के बाद प्राथमिक इलाज किया गया, लेकिन उसकी हालत गंभीर थी। चिकित्सकों ने उसकी स्थिति को देखते हुए उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया, जहां उसकी स्थिति को स्थिर बताया गया। अस्पताल में इलाज जारी है और पुलिस के अनुसार उसकी हालत अब स्थिर हो गई है।

