31 December 2024 बलिया जिले के चितबड़ागांव थाना क्षेत्र के रामपुर चिट गांव जाने वाले मार्ग पर लगा पूर्व मंत्री शारदानंद अंचल की प्रतिमा तोड़े जाने का मामला सामने आया था। इस घटना के बाद पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक आरोपी अभी भी फरार है। यह घटना 25 दिसंबर, 2023 की रात की है, जब अज्ञात आरोपियों ने पूर्व मंत्री की प्रतिमा को तोड़ दिया था। घटना के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तीन दिन के भीतर आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया था और इस आश्वासन के तहत आरोपी पकड़े गए।
प्रतिमा तोड़ने का कारण: प्रधानी चुनाव में विवाद
पुलिस द्वारा की गई जांच के मुताबिक, आरोपियों और गांव के पूर्व प्रधान प्रतिनिधि कृष्णा यादव के बीच प्रधानी चुनाव को लेकर विवाद चल रहा था। कृष्णा यादव द्वारा गांव में पूर्व मंत्री शारदानंद अंचल की प्रतिमा स्थापित करवाई थी। आरोपियों का कहना है कि प्रतिमा तोड़ने का कारण राजनीतिक द्वेष था। उनका आरोप था कि कृष्णा यादव ने प्रतिमा के माध्यम से चुनावी मे फायदा लेने की कोशिश की थी, और यही कारण था कि उन्होंने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते प्रतिमा को तोड़ दिया। आरोपी यह भी कहते हैं कि उनके परिवार के सदस्य भी आगामी प्रधानी चुनाव में प्रत्याशी हैं, और वे इसे चुनावी राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं।
गिरफ्तारी और पुलिस की कार्रवाई
इस मामले में चितबड़ागांव थाना प्रभारी प्रशांत कुमार चौधरी और उनकी टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों की पहचान की। सोमवार को एसपी ओमवीर सिंह ने पुलिस लाइन सभागार में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी विशाल यादव और विक्की यादव दोनों रामपुर चिट गांव के निवासी हैं। पुलिस ने उन्हें नदी पुलिया के पास से गिरफ्तार किया। इसके बाद, आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने टूटे हुए प्रतिमा के अवशेष भी बरामद किए।
एसपी ओमवीर सिंह ने बताया कि आरोपी बीए के छात्र हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने दोनों युवकों से पूछताछ की और उनके बयान भी दर्ज किए। आरोपियों ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने राजनीतिक उदेश्य और व्यक्तिगत रंजिश के चलते यह अपराध किया। एसपी ने बताया कि एक आरोपी अभी भी फरार है, और उसकी तलाश जारी है।
समाजवादी पार्टी ने उठाया मुद्दा
इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं ने भी गंभीर चिंता के साथ । सपा नेताओं ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपकर इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी। उनका कहना था कि यह घटना समाज में तनाव का कारण बन सकती है और ऐसे मामलों में तुरनत गिरफ़्तारी जरूरी है

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