बलिया जिले के फेफना थाना क्षेत्र के आमडारी गांव में एक 10 वर्षीय बालक यशवंत की निर्मम हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी प्रतीक वर्मा को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने हत्या की वजह बताते हुए कहा कि यह हत्या उसने व्यक्तिगत तंज के कारण की थी, जो उसे शत्रुघ्न नामक एक व्यक्ति द्वारा लूडो खेलने के दौरान बार-बार हारने पर सहने को मिलते थे। यशवंत की हत्या के बाद उसकी लाश को बोरे में बांधकर छिपा दिया गया था। पुलिस की कार्रवाई में आरोपी की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाली जानकारियाँ सामने आई हैं।
घटना का विवरण और मुठभेड़
घटना की जानकारी के अनुसार, 10 वर्षीय यशवंत की हत्या 15 अगस्त को की गई थी, जब आरोपी प्रतीक वर्मा ने शत्रुघ्न से तंज का बदला लेने के लिए यशवंत की जान ले ली। प्रतीक वर्मा का कहना था कि शत्रुघ्न ने उसे बार-बार लूडो खेलने के दौरान हारने पर तंज कसा, जिससे उसे गहरा मानसिक आघात पहुंचा। शत्रुघ्न के तंज के कारण प्रतीक वर्मा में गुस्सा और प्रतिशोध की भावना पैदा हो गई। इसी भावना के तहत उसने शत्रुघ्न के भतीजे यशवंत को मौत के घाट उतार दिया।
इस पूरी घटना के बाद पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू की और बलिया पुलिस टीम ने 15 अगस्त को हुई हत्या के संदिग्ध प्रतीक वर्मा को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया। यह अभियान फेफना थाना के इलाके में चला, जहां एक संदिग्ध व्यक्ति के बारे में पुलिस को जानकारी मिली थी। जब पुलिस ने उसे रुकने का इशारा किया, तो उसने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उसे गोली मार दी, जो कि प्रतीक के बाएं पैर में लगी। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया और उसके कब्जे से तमंचा, कारतूस और खोखा बरामद हुए।
हत्या की वजह: तंज का बदला
पूछताछ के दौरान, आरोपी प्रतीक वर्मा ने बताया कि वह अक्सर मोहल्ले के शत्रुघ्न के साथ लूडो खेलता था, लेकिन उसमें बार-बार हार जाता था। इस कारण शत्रुघ्न उसे तंज करता था और उसे छोटा महसूस कराता था। यह तंज प्रतीक के मन में गहरी चिढ़ और प्रतिशोध की भावना को जन्म दे रहा था। प्रतीक ने सोचा कि वह शत्रुघ्न से बदला जरूर लेगा, लेकिन शत्रुघ्न से बदला लेने के बजाय उसने उसके छोटे भतीजे यशवंत को निशाना बना लिया।
रविवार की शाम को, प्रतीक ने यशवंत को अपने साथ घर के पीछे स्थित खेत में ले गया और उसे तालाब के पानी में डुबोकर मार डाला। यशवंत की हत्या के बाद, वह शव को बोरे में रखकर उसे छिपा दिया। घटना के बाद पुलिस को सूचना मिली थी कि यशवंत का लापता होना संदिग्ध है और उसकी तलाश शुरू की गई थी।
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
अपर पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी) कृपाशंकर ने बताया कि फेफना पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान आरोपी प्रतीक वर्मा को गिरफ्तार किया। पुलिस टीम आमडारी से पकड़ने वाले मार्ग पर चेकिंग कर रही थी, तभी एक संदिग्ध व्यक्ति को देखा गया। जब पुलिस ने उसे रुकने का इशारा किया, तो उसने भागने की कोशिश की और पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और आरोपी को गोली मार दी, जो उसके बाएं पैर में लगी। घायल होने के बाद, प्रतीक वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे सदर अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया। इलाज के बाद, पुलिस ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
आरोपी की पृष्ठभूमि: एक दबंग युवक
आरोपी प्रतीक वर्मा का जीवन बहुत ही परेशानियों से भरा रहा है। मोहल्ले के लोग बताते हैं कि प्रतीक का घर यशवंत के घर के पास ही था। उसकी मां की मृत्यु हो चुकी थी, और उसका पिता भी कमाने के लिए व्यस्त रहता था, जिस कारण उसकी निगरानी करने वाला कोई नहीं था। इस कमी का फायदा उठाकर प्रतीक ने गलत रास्ते पर चलना शुरू कर दिया।
बताया जाता है कि एक साल पहले, प्रतीक ने दुमदुमा के पास एक छिनैती की घटना को अंजाम दिया था। उस मामले में उसे सजा भी हुई थी और वह कुछ दिन पहले ही जेल से बाहर आया था। इसके अलावा, प्रतीक ने 15 दिन पहले गांव की एक महिला का मोबाइल भी चुराया था, जिसे पुलिस ने शव के पास से बरामद किया था। यह भी सामने आया कि उसने एक महिला के बेटे को जान से मारने की धमकी दी थी, जिसके बाद शत्रुघ्न ने इस घटना की शिकायत उसके चाचा से की थी।