बलिया। शहर में सोमवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब सीएमओ कार्यालय के बगल स्थित एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान एक नवजात बच्चे की मौत हो गई। इस भयानक घटना के बाद मृतक नवजात के परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया और चिकित्सक पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की।
यह घटना शहर के भृगु आश्रम इलाके की है, जहां रहने वाले हरिशंकर गुप्ता की पत्नी रेखा गुप्ता को सोमवार सुबह अचानक दर्द शुरू हुआ । परिवार के लोग उन्हें तत्काल शहर के सीएमओ कार्यालय के पास स्थित एक प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सक ने प्राथमिक जांच के बाद बिना किसी ठोस मेडिकल जांच और विशेषज्ञ सलाह के तुरंत ऑपरेशन की सलाह दे दी।
परिवारवालों का यह भी कहना है कि जब उन्होंने ऑपरेशन को लेकर सवाल उठाया तो चिकित्सक ने उन्हें यह कहकर आश्वस्त किया कि मां और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं, और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। लेकिन ऑपरेशन के बाद जैसे ही उन्हें यह सूचना मिली कि बच्चा मृत पैदा हुआ है, पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। यह बेटा, हरिशंकर और रेखा की तीन बेटियों के बाद पहली संतान था, जिससे पूरे परिवार को बेहद उम्मीदें थीं। बेटे की मौत से माता-पिता गहरे सदमे में हैं और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ गुस्से में भी।
परिजनों ने चिकित्सक पर लगाया गंभीर आरोप
नवजात के पिता हरिशंकर गुप्ता ने बताया कि डॉक्टर ने ऑपरेशन से पहले साफ कहा था कि बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है और डिलीवरी प्रक्रिया सामान्य रूप से होगी। लेकिन ऑपरेशन के कुछ देर बाद ही उन्हें बताया गया कि नवजात की मौत हो गई है। हरिशंकर का दावा है कि यह मौत डॉक्टर की लापरवाही और गलत ऑपरेशन का नतीजा है। उनका यह भी कहना है कि न तो अस्पताल प्रशासन ने उन्हें ऑपरेशन की संभावित समस्या के बारे में बताया, न ही किसी विशेषज्ञ से राय ली गई
जैसे ही यह खबर इलाके में फैली, अस्पताल परिसर के बाहर स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई। परिजनों और समर्थकों ने चिकित्सक की घेराबंदी कर ली और जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। माहौल को बिगड़ते देख अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने संभाला मोर्चा, डॉक्टर को चौकी ले जाया गया
सूचना मिलते ही ओक्डेनगंज चौकी की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभालते हुए चिकित्सक को अपने साथ चौकी ले गई, जिससे स्थिति थोड़ी शांत हुई। पीड़ित परिजन पुलिस चौकी भी पहुंचे और चिकित्सक तथा अस्पताल प्रशासन के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई
कोतवाली प्रभारी योगेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि परिजनों की तरफ से तहरीर प्राप्त हुई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस जांच शुरू कर चुकी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच के आधार पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी और दोषी पाए जाने पर संबंधितों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।
अस्पताल प्रशासन पर भी उठे सवाल
यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी निजी अस्पताल में इस तरह की लापरवाही सामने आई हो। इस घटना ने एक बार फिर जिले में निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे कई निजी अस्पताल बिना पूर्ण सुविधाओं के संचालित हो रहे हैं, जहां न तो पर्याप्त मेडिकल स्टाफ है और न ही आपातकालीन उपकरण।
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