February 19 2025 बलिया। वर्ष 2025-26 के लिए मदिरा की दुकानों के आवंटन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति लागू कर दी है। इस बार प्रत्येक दुकान का आवंटन ई-लॉटरी के माध्यम से होगा, जिससे साफ तौर पर और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी। इस नई प्रक्रिया में एक व्यक्ति केवल एक दुकान के लिए आवेदन कर सकेगा, और एक व्यक्ति के नाम पर दो से अधिक मदिरा की दुकानें आवंटित नहीं की जाएंगी।
इस वर्ष आवेदन शुल्क में काफ़ी बढ़ोतरी हुई है। सात साल पहले की प्रक्रिया की तुलना में आवेदन की लागत अब ढाई गुना तक बढ़ चुकी है। एक दुकान के लिए आवेदन करने पर प्रोसेसिंग फीस ₹40,000 से ₹80,000 तक हो सकती है। खास बात यह है कि अगर किसी आवेदक का नाम लॉटरी में नहीं आता है तो जमा की गई प्रोसेसिंग फीस वापस नहीं की जाएगी।
ई-लॉटरी प्रक्रिया के तहत मदिरा की दुकानों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है—ग्रामीण क्षेत्र, नगर पंचायत, और नगर पालिका क्षेत्र। इन क्षेत्रों के लिए अलग-अलग प्रोसेसिंग फीस तय की गई है, जिसमें करीब ढाई गुना तक वृद्धि की गई है। इससे सरकारी खजाने में भी काफी उछाल आने की संभावना है।
ई-लॉटरी की ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया 14 फरवरी से शुरू हो चुकी है और यह 27 फरवरी तक चलेगी। इस दौरान आवेदकों को प्रोसेसिंग फीस जमा करनी होगी। पंजीकरण के बाद, 6 मार्च को ई-लॉटरी के माध्यम से दुकानों का आवंटन किया जाएगा।
आवेदक एक ही दुकान के लिए एक आवेदन पत्र ही प्रस्तुत कर सकते हैं। यदि किसी आवेदक ने एक से अधिक आवेदन प्रस्तुत किए तो एक आवेदन को छोड़कर बाकी सभी को निरस्त कर दिया जाएगा, और उनकी प्रोसेसिंग फीस समाहित कर ली जाएगी। एक व्यक्ति को एक या दो दुकानों का आवंटन हो सकता है, जो एक ही जनपद या अलग-अलग जनपदों में हो सकती हैं।
पूरी जानकारी विभागीय पोर्टल cms.upexciseonline.com पर उपलब्ध है।

