बलिया जिले के सिकंदरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत खरीद गांव के दियारा इलाके में उस समय हड़कंप मच गया जब एक बगीचे में पॉलिथीन में लिपटे हुए मानव अंग—दो हाथ और दो पैर—मिले। इस सनसनीखेज खोज को हुए 48 घंटे से अधिक समय बीत चुके हैं, लेकिन अब तक न तो अंगों की पहचान हो सकी है और न ही यह स्पष्ट हो पाया है कि पीड़ित महिला है या पुरुष। पुलिस अभी भी मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश में जुटी हुई है, लेकिन शुरुआती जांच में कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है।
घटना की जानकारी और पुलिस की कार्यवाही
स्थानीय ग्रामीणों ने जब बाग में बदबू महसूस की और पास जाकर देखा, तो उन्हें एक पॉलिथीन के अंदर मानव अंग दिखाई दिए। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। थाना प्रभारी प्रवीण सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। मानव अंगों को कब्जे में लेकर उन्हें पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय स्थित शवगृह भिजवा दिया गया।
पुलिस ने घटना स्थल को चारों ओर से घेर लिया और साक्ष्य जुटाने का प्रयास किया। घाघरा नदी के किनारे-किनारे तलाशी अभियान चलाया गया ताकि अगर शरीर के बाकी अंग आसपास फेंके गए हों तो उन्हें ढूंढा जा सके। हालांकि अब तक न तो सिर मिला है और न ही धड़ का कोई हिस्सा।
पहचान नहीं, जांच अधूरी
सबसे बड़ी चुनौती पुलिस के सामने यह है कि अभी तक अंगों की पहचान नहीं हो सकी है। अंग महिला के हैं या पुरुष के, यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है। थाना प्रभारी प्रवीण सिंह के अनुसार, यह जानकारी केवल पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मिल पाएगी।
पुलिस ने आसपास के थानों से संपर्क कर हाल ही में दर्ज की गई गुमशुदगी की रिपोर्टों को खंगालना शुरू कर दिया है। पुलिस को उम्मीद है कि हो सकता है किसी लापता व्यक्ति की रिपोर्ट से इन अंगों की पहचान की कोई कड़ी जुड़ सके।
72 घंटे बाद होगा अंतिम संस्कार
प्रचलित नियमों के अनुसार, अगर 72 घंटे के भीतर किसी शव या अंगों की पहचान नहीं होती है, तो प्रशासन द्वारा उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाता है। इसी प्रक्रिया का पालन करते हुए पुलिस ने कहा है कि अगर निर्धारित समय के भीतर कोई दावेदार सामने नहीं आता है, तो अंगों का अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा।
थाना प्रभारी का कहना है कि पुलिस पूरी गंभीरता से मामले की जांच कर रही है। आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, हालांकि जिस स्थान पर अंग मिले हैं वह अपेक्षाकृत सुनसान और कैमरा रहित क्षेत्र है, जिससे जांच में और कठिनाई आ रही है।
क्या यह हत्या का मामला है?
मानव अंगों का इस तरह से मिलना स्वाभाविक रूप से हत्या की ओर इशारा करता है, लेकिन अभी पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच के बाद ही यह तय हो सकेगा कि यह हत्या है, दुर्घटना है या किसी और तरह की आपराधिक घटना।
विशेषज्ञों की टीम को भी बुलाया गया है, जो अंगों की स्थिति देखकर यह जानने की कोशिश करेगी कि कटाव कैसे और किस यंत्र से हुआ है। इससे यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि यह कोई प्रशिक्षित व्यक्ति था या किसी ने जल्दबाजी में अंगों को काटा है।
स्थानीय लोगों में दहशत
इस घटना के बाद से खरीद गांव और आसपास के क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।

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