उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगरा थाना क्षेत्र में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से हड़कंप मच गया , एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव का कारण बन गया। इस वीडियो में मौलाना शहाबुद्दीन ने हिंदुत्व, संघ और आरएसएस के खिलाफ विवादित टिप्पणियां की थीं। इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए मौलाना शहाबुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया। इस घटना से इलाके में तनाव की स्थिति बन हो गई , और पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
मौलाना शहाबुद्दीन का विवादित भाषण
वीडियो में मौलाना शहाबुद्दीन, जो कि जमीन पडसरा जामा मस्जिद के मौलाना और मदरसा स्कूल सरियांव के शिक्षक हैं, बारावफात के जलसे में भाषण दे रहे थे। इस जलसे में उन्होंने कई संवेदनशील मुद्दों पर अपनी राय दी, जो बाद में विवाद का कारण बन गई। मौलाना ने इस्लाम की तारीफ करते हुए हिंदुत्व पर कड़ी टिप्पणियां कीं। उन्होंने हिंदू धर्म को बढ़ावा देने वाले संगठनों, खासकर आरएसएस, पर सीधा निशाना साधा।
वीडियो में मौलाना ने कहा, “हाफ चड्डी और आधे पैर का पैजामा पहनने वाले इस्लाम और देश के गद्दार हैं।” इस बयान के बाद हिंदू संगठनों ने इसकी कड़ी निंदा की और स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई।
विवाद बढ़ने के बाद पुलिस ने क्या कदम उठाए?
वीडियो वायरल होने के बाद स्थिति बिगड़ने लगी और इलाके में सांप्रदायिक तनाव बढ़ने लागि । शुक्रवार की देर शाम पुलिस ने वायरल वीडियो का संज्ञान लिया और कार्रवाई शुरू की। शनिवार की सुबह तक मौलाना शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी हो चुकी थी। पुलिस ने मौलाना के खिलाफ मामले की जांच शुरू कर दी और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की।
मौलाना शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद इलाके में भारी सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी गई। बलिया जिले के नगरा थाना क्षेत्र में सैकड़ों मुसलमानों का जमावड़ा लग गया था, जिसके बाद पुलिस प्रशासन को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात करना पड़ा। थानाध्यक्ष अजय कुमार त्रिपाठी ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि वायरल वीडियो की गहन जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है।
हिंदू संगठनों का विरोध
मौलाना के बयान के बाद हिंदू संगठनों में आक्रोश फैल गया। विशेष रूप से विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर मौलाना के बयान की आलोचना की और उनकी गिरफ्तारी की मांग की।
हिंदू संगठनों ने इस घटना को एक साजिश करार दिया और कहा कि कुछ तत्व जानबूझकर इस तरह के बयान देकर देश में असहमति और सांप्रदायिक तनाव फैलाना चाहते हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन से यह भी मांग की कि ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
मुसलमानों की प्रतिक्रिया
वहीं, मौलाना शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय मुस्लिम समुदाय में भी नाराजगी देखने को मिली। मुस्लिम समुदाय के कई लोग मौलाना के समर्थन में उतरे और पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को गलत ठहराया। उनका कहना था कि मौलाना शहाबुद्दीन ने अपने भाषण में केवल इस्लाम का प्रचार किया था, और उनकी बातों का उद्देश्य किसी समुदाय को आहत करना नहीं था।
कुछ मुस्लिम नेताओं ने यह भी कहा कि मौलाना की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस प्रशासन का रवैया पक्षपाती था और इसका उद्देश्य केवल एक समुदाय को निशाना बनाना था।