22 january 2025 उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक बार फिर हेरोइन तस्करी का बड़ा रैकेट पकड़ा गया है। बलिया पुलिस ने एक हफ्ते के अंदर दूसरी बार तस्करी की बड़ी साजिश का पर्दाफाश करते हुए दो तस्करों को गिरफ्तार किया और उनके पास से लगभग 700 ग्राम हेरोइन बरामद की। इसकी कीमत लगभग 1.40 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस मामले में पुलिस ने दोनों तस्करों को हिरासत में लेकर उनसे कड़ाई से पूछताछ की, जिससे कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ सामने आईं।
पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बुधवार को बलिया पुलिस लाइन सभागार में प्रेसवार्ता के दौरान इस घटना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हेरोइन तस्करी के खिलाफ पिछले एक सप्ताह में यह दूसरा बड़ा ऑपरेशन था, जिसमें पहले से पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस को इस सिंडिकेट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली। इसके आधार पर पुलिस ने चकिया क्षेत्र में एक वाहन चेकिंग के दौरान तस्करों को पकड़ लिया।
क्या नाम है गिरफ्तार किए गए हेरोइन तस्करों का
गिरफ्तार किए गए तस्करों की पहचान अनिल सिंह और रिपुजंय तिवारी के रूप में हुई है। अनिल सिंह बलिया के सोनबरसा का निवासी है, जबकि रिपुजंय तिवारी गोपालपुर (दुबे छपरा) का रहने वाला है। पुलिस ने इन दोनों को चकिया के बारी (जनाड़ी) बंधे पर स्थित हनुमान मंदिर के पास से हिरासत में लिया। अनिल सिंह के पास से 400 ग्राम हेरोइन जबकि रिपुजंय तिवारी के पास से 300 ग्राम हेरोइन बरामद की गई। कुल मिलाकर, 700 ग्राम हेरोइन बरामद हुई, जिसकी करीब कीमत लगभग 1.40 करोड़ रुपये है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि वे इस हेरोइन को शहर के एक व्यक्ति तक पहुंचाने जा रहे थे। पुलिस ने इस सिलसिले में पूरे तस्करी सिंडिकेट की तलाश शुरू कर दी है और झारखंड के तस्करों से भी पूछताछ की जाएगी। एसपी ने बताया कि इस ऑपरेशन में पुलिस टीम के प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार सिंह, उपनिरीक्षक कालीशंकर तिवारी और हेड कांस्टेबल रईश अहमद, दिनेश विश्वकर्मा, पंकज कुमार शामिल थे।
अभियुक्तों की आपराधिक पहले से संगीन रही है। अनिल सिंह का नाम पहले भी कई अपराधों में आ चुका है। वह 2011 में शाहजहांपुर जेल में हत्या के मामले में बंद था, जहां उसकी मुलाकात झारखंड के एक हेरोइन तस्कर से हुई। बाद में जमानत मिलने के बाद अनिल सिंह ने उसी तस्कर के जरिए हेरोइन तस्करी में हाथ डाल लिया। इस पर पहले भी तीन मुकदमे दर्ज हैं। वहीं, रिपुजंय तिवारी का भी आपराधिक इतिहास है। वह 2007 में हत्या के मामले में दोषी पाया गया था और आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। हालांकि, वह जमानत पर था और अब उसे जिला बदर भी घोषित किया जा चुका है, जिसमें उसके खिलाफ आठ मुकदमे दर्ज हैं।
बलिया पुलिस की इस सफलता को देखकर यह साफ है कि तस्करी की साजिशों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। एसपी ओमवीर सिंह ने कहा कि पुलिस तस्करी के पूरे सिंडिकेट को पकड़ने के लिए सख्त कदम उठा रही है और झारखंड के तस्करों के साथ भी बातचीत की जाएगी।
इससे पहले, छह दिन पहले भी बलिया पुलिस ने एक बड़ी तस्करी का खुलासा किया था। उस समय पुलिस ने जनेश्वर मिश्र सेतु पर वाहन चेकिंग के दौरान स्कॉर्पियो से बिहार से हेरोइन लेकर आ रहे पांच तस्करों को गिरफ्तार किया था। इन तस्करों के पास से 200 ग्राम हेरोइन बरामद हुई थी। पकड़े गए तस्करों में पिंटू कुमार, अरविंद कुमार, लवकुश तिवारी, मुन्ना कुमार और विकास तिवारी शामिल थे, जो सभी विभिन्न इलाकों के निवासी थे।
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