भारत में स्थानीय उत्पादों और पारंपरिक की बढ़ती मांग के बीच एक नई पहल सामने आई है, जिससे न सिर्फ स्थानीय किसानों और उत्पादकों को लाभ होगा, बल्कि बलिया जिले के विशेष उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी मिलेगी। बलिया के प्रसिद्ध शुद्ध चना सत्तू को अब डाकघरों के माध्यम से खरीदा जा सकेगा। यह कदम ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ (ODOP) योजना के तहत बलिया के पहले रजिस्टर्ड ब्रांड ‘100 Rab सत्तू’ के माध्यम से उठाया गया है।
इस नई शुरुआत से स्थानीय उत्पादों को बड़े पैमाने पर उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का एक नया रास्ता खोला गया है, जिससे न केवल बलिया जिले की पहचान मजबूत होगी, बल्कि कृषि और कुटीर उद्योग के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
ODOP योजना का महत्व और बलिया का 100 Rab सत्तू
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना का उद्देश्य हर जिले को एक विशिष्ट उत्पाद से जोड़ना है, ताकि स्थानीय स्तर पर उस उत्पाद की पहचान और उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके। इस योजना का लाभ स्थानीय किसानों, कारीगरों और उत्पादकों को मिलता है, और यह उत्पादों की गुणवत्ता को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाने का एक बेहतरीन तरीका साबित हो रहा है।
बलिया का ‘100 Rab सत्तू’ अब इस योजना का हिस्सा बन चुका है, और इसके बाद यह सत्तू अब भारत के डाकघरों के माध्यम से उपलब्ध होगा। यह सत्तू विशेष रूप से उच्च गुणवत्ता वाले देशी चने से तैयार किया जाता है और इसका स्वाद एवं गुणवत्ता बलिया जिले के किसानों की मेहनत और समर्पण का परिणाम है।
सत्तू की उत्पादन प्रक्रिया में खास ध्यान रखा जाता है कि इसे पारंपरिक विधियों से तैयार किया जाए, ताकि इसका स्वाद और पोषण वैसा का वैसा रहे। ‘100 Rab सत्तू’ का नाम इसलिए भी अहम है क्योंकि यह बलिया जिले के पहले रजिस्टर्ड सत्तू ब्रांड के तौर पर पहचान बना चुका है।
पोस्ट ऑफिस के माध्यम से सत्तू की बिक्री: क्या है खास?
यह निर्णय, जिसमें बलिया के शुद्ध चना सत्तू को डाकघरों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा, एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है। अब उपभोक्ता आसानी से अपने नजदीकी डाकघर से ‘100 Rab सत्तू’ खरीद सकेंगे, जिससे इसके प्रचार और बिक्री में एक बड़ा इजाफा होगा।
निधि उद्योग के संचालक सौरभ अग्रवाल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि उनका सत्तू उच्च गुणवत्ता वाले चने से तैयार किया जाता है, और इसका उद्देश्य सिर्फ एक अच्छा उत्पाद बेचना नहीं, बल्कि स्थानीय किसानों और छोटे उत्पादकों को फायदा पहुंचाना भी है। बलिया के उत्पादकों की मेहनत को सही पहचान मिलनी चाहिए, और यह योजना उनकी मेहनत को राष्ट्रीय मंच पर लाने का बेहतरीन माध्यम साबित हो सकती है।
100 Rab सत्तू’ इसका मतलब क्या है
100 Rab सत्तू’ का नाम विशेष रूप से बलिया के सत्तू ब्रांड के लिए दिया गया है। “Rab” शब्द संभवतः उस ब्रांड या उत्पाद के नाम का हिस्सा है, जो इसे विशिष्ट और पहचान योग्य बनाता है।100 Rab सत्तू” को बलिया जिले के पहले रजिस्टर्ड सत्तू ब्रांड के रूप में प्रस्तुत किया गया है, और इसका उद्देश्य स्थानीय उत्पादकों को एक प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करना है, जिससे उनका उत्पाद राष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जा सके।
डाकघर और स्थानीय उत्पादों का एक नया समागम
इस पहल के तहत, अब बलिया का शुद्ध सत्तू वाराणसी, गाजीपुर और बलिया जिले के 100 डाकघरों में उपलब्ध होगा। डाकघर आमतौर पर सरकारी सेवाओं और उत्पादों के वितरण का एक महत्वपूर्ण माध्यम रहे हैं, लेकिन अब यह स्थानीय उत्पादों के लिए भी एक महत्वपूर्ण वितरण नेटवर्क बन चुका है।
बलिया प्रधान डाकघर के अधीक्षक हेमंत के अनुसार, इस पहल से न केवल बलिया का सत्तू उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र की पहचान भी मजबूत होगी। उन्होंने यह भी बताया कि डाकघरों में पहले से गंगोत्री का शुद्ध गंगाजल उपलब्ध था, और अब बलिया का सत्तू भी इसमें जुड़ गया है। यह दोनों उत्पाद एक ही स्थान पर उपलब्ध होने से उपभोक्ताओं को सुविधा मिलेगी।
सत्तू: एक पारंपरिक और पौष्टिक आहार
सत्तू भारतीय खाने का एक पारंपरिक हिस्सा रहा है, खासकर उत्तर भारत और बिहार में। इसे चने या गेहूं को भूनकर और पीसकर तैयार किया जाता है, और यह प्रोटीन, फाइबर और मिनरल्स से भरपूर होता है। सत्तू का सेवन शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और यह गर्मी के मौसम में एक ताजगी देने वाला आहार बन जाता है। इसके अलावा, यह पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है और शरीर को ठंडक भी देता है।
‘100 Rab सत्तू’ की खासियत यह है कि यह बलिया के पारंपरिक तरीकों से तैयार किया जाता है, जिससे इसका स्वाद और गुणवत्ता बिल्कुल असली और प्राकृतिक रहती है। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में किया जा सकता है, जैसे सत्तू का पराठा, सत्तू की लस्सी, या फिर इसका सेवन सीधे पानी के साथ किया जा सकता है।
इस पहल से होने वाले लाभ
- स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा: ‘100 Rab सत्तू’ को डाकघरों में उपलब्ध कराने से बलिया के इस विशिष्ट उत्पाद को बड़े पैमाने पर पहचान मिलेगी। यह स्थानीय किसानों और उत्पादकों को आर्थिक रूप से सशक्त करेगा।
- स्वदेशी उत्पादों का प्रचार: इस पहल से न सिर्फ सत्तू, बल्कि अन्य स्थानीय उत्पादों को भी प्रोत्साहन मिलेगा, और लोग स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देंगे।
- सातत्यपूर्ण विकास: ओडीओपी योजना के तहत बलिया जिले के किसानों और उत्पादकों को लाभ होगा, जिससे वहां के कृषि क्षेत्र में सतत विकास होगा। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
- पारंपरिक उत्पादों का संरक्षण: पारंपरिक खाद्य पदार्थों जैसे सत्तू को बढ़ावा देकर, हम भारतीय संस्कृति और खानपान की विविधता को बचाए रख सकते हैं।
भविष्य की दिशा
‘100 Rab सत्तू’ की सफलता से यह संकेत मिलता है कि अगर सही तरीके से प्रचारित किया जाए, तो पारंपरिक और स्थानीय उत्पाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपना स्थान बना सकते हैं। अब जब डाकघरों के माध्यम से इस सत्तू की उपलब्धता सुनिश्चित हो गई है, तो यह अन्य राज्यों और क्षेत्रों में भी फैलने की संभावना रखता है।
इसके अलावा, अगर इस प्रकार की पहलें और योजनाएं बढ़ाई जाती हैं, तो भारतीय उत्पादों को एक वैश्विक पहचान मिल सकती है। इससे न सिर्फ किसानों और उत्पादकों को लाभ होगा, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था में भी मजबूती आएगी।
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