बलिया जिले में आंधी-बारिश से हुई तबाही और मृतकों के परिवारों को मिला 4 लाख का मुआवजा

बलिया जिले में आंधी-बारिश से हुई तबाही और मृतकों के परिवारों को मिला 4 लाख का मुआवजा

लगभग 13 दिन पहले, बलिया जिले में अचानक आई आंधी और बारिश ने भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा ने न केवल लोगों के घरों को नुकसान पहुँचाया, बल्कि इसमें बिजली गिरने और पेड़ के नीचे दबने से चार लोगों की जान भी चली गई। इनमें से एक छोटी बच्ची भी शामिल थी, जिसने इस हादसे में अपनी जान गंवाई। इस घटना के बाद पीड़ित परिवारों को शासन से मिलने वाली सहायता राशि की प्रक्रिया तेजी से शुरू की गई और अब उन परिवारों के खाते में सहायता राशि भेज दी गई है।

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मृतकों के परिवारों को सहायता राशि

10 अप्रैल को जिले में आई आंधी और बारिश के दौरान बिजली गिरने के कारण लालगंज सोनेबरसा निवासी रवि तुरहा और टुटवारी निवासी सत्यकाम राम की मौत हो गई थी। इसके अलावा, दीवार और पेड़ के नीचे दबने से सिकंदरपुर निवासी रस्मिका भारती और डुमरिया निवासी नकुल की भी जान चली गई थी। इन घटनाओं से मृतकों के परिवारों को गहरा आघात पहुँचा था, और ऐसे कठिन समय में प्रशासन ने उन परिवारों को हर संभव मदद पहुँचाने का आश्वासन दिया था।

राज्य सरकार की तरफ से मृतकों के परिवारों को सहायता राशि के रूप में चार-चार लाख रुपये देने की स्वीकृति दी गई थी। प्रशासन ने इस सहायता राशि के भुगतान की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा किया। बुधवार को शासन द्वारा स्वीकृत राशि सीधे पीड़ित परिवारों के खातों में भेज दी गई।

प्रशासन की तारीफ

डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार के निर्देश पर प्रशासन ने पीड़ितों के परिवारों की पहचान के लिए लेखपालों को जिम्मेदारी दी थी। लेखपालों ने जिला मुख्यालय पर जाकर क्षेत्रवार सर्वे किया और रिपोर्ट तैयार की। इसके बाद रिपोर्ट शासन को भेजी गई, जहां से सहायता राशि की स्वीकृति दी गई। प्रशासन ने इसे तेजी रूप से लागू किया और मृतकों के परिवारों के खातों में धनराशि भेजी गई।

इस बारे में बात करते हुए एडीएम अनिल कुमार ने बताया कि इस आंधी और बारिश में हुए नुकसान के तहत मृतकों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है। इसके अलावा, जिन घरों का नुकसान हुआ था, उनकी मरम्मत के लिए भी सरकार ने सहायता राशि उपलब्ध कराई है। प्रशासन ने 100 से अधिक परिवारों को इस नुकसान की भरपाई के लिए राहत राशि प्रदान की है।

सहायता राशि का वितरण और प्रशासन की उद्देश्य

प्रशासन ने इस प्राकृतिक आपदा के बाद राहत कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ी। मृतकों के परिवारों को राहत देने के अलावा, आंधी-बारिश के कारण हुए अन्य नुकसान की भरपाई के लिए भी प्रशासन ने सक्रियता से काम किया। छप्पर गिरने और अन्य प्रकार के नुकसान से प्रभावित 100 से अधिक परिवारों को भी सहायता राशि दी गई।

यह पूरी प्रक्रिया शासन और प्रशासन की मिलकर किए गए प्रयासों का परिणाम है, जिससे पीड़ित परिवारों को कुछ हद तक राहत मिली है। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया कि सहायता राशि जल्दी से जल्दी प्रभावित लोगों तक पहुँच सके, ताकि वे अपनी मुश्किलों से उबर सकें।

आंधी-बारिश के बाद के प्रभाव

10 अप्रैल को आई आंधी और बारिश ने केवल लोगों की जान ही नहीं ली, बल्कि उनके घरों और संपत्तियों को भी भारी नुकसान पहुँचाया। आंधी के चलते कई घरों के छप्पर उड़ गए, पेड़ गिरे, और दीवारें ढह गईं। इसके अलावा, बिजली गिरने के कारण कुछ इलाकों में विद्युत सेवा भी प्रभावित हुई। इस पूरी आपदा के दौरान प्रशासन ने युद्ध स्तर पर राहत कार्य शुरू किया और प्रभावित क्षेत्रों में शीघ्र राहत सामग्री वितरित की।

हालांकि, सरकार और प्रशासन की कोशिशों से राहत मिली है, लेकिन इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए उचित तैयारी और जागरूकता फैलाना आवश्यक है। प्रशासन को अब इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से होने वाले नुकसान को कैसे कम किया जाए और लोगों की सुरक्षा को कैसे सुनिश्चित किया जाए।

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