Ballia News: बलिया मे इतना पैसा खर्च होने के बाद भी स्टेशन का बुरा हाल

28 September 2024 Ballia railway station : रेलवे स्टेशन पर 43 करोड़ रुपये की लागत से चल रहे सुंदरीकरण और यात्री के बेहतर सुविधाओं के कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। और उठने भी चाहिए एक दिन पहले स्टेशन के गुंबद का छज्जा टूटा था, और अब सर्कुलेटिंग एरिया में फर्श की ढलाई के दो महीने बाद ही फर्श उखड़ने शुरू हो गए है।

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43 करोड़ की लागत से सुन्दरिकरण हो रहा बलिया स्टेशन

119 वर्ष पुराना स्टेशन भवन बिना किसी जांच के धौलपुर पत्थर से सजाया गया, जो भार सहन नही कर पाने के वजह से धीरे-धीरे गिर रहा है। हालात देखकर ऐसा लगता है कि यह ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाएगा। पिछले सात सालों में लाखों रुपये खर्च कर प्लेटफार्म पर पत्थर लगाया गया था, लेकिन वह भी दो साल में ही खराब हो गया। अब उसे तोड़कर पीवीसी से सजाया जा रहा है, जबकि प्लेटफार्म पर पत्थर की जगह टाइल्स लगाई गई हैं।

बिल्डिंग के निर्माण कार्यों की निगरानी न होने के कारण एजेंसियां लापरवाह बन गई हैं। इससे फुटब्रिज, यात्री शेड और अन्य कार्य तीन माह से लेकर एक वर्ष तक विलंब से चल रहे हैं। फर्श की ढलाई में मानक के अनुरूप सामग्री का प्रयोग न होने से कई जगहों पर फर्श उखड़ गई है। अधिकारियों की फटकार के बाद एजेंसी ने आनन-फानन में फर्श को तोड़कर पुनः ढलाई कराई। वो भी सिर्फ लिपा – पोती कर रहे है

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पांच लाख में बना डीलक्स शौचालय दो माह भी नहीं चला

बाता दे की यात्री बैठने की ब्यवस्था का शौचालय तोड़कर टिकट घर के पास पांच लाख में बना डीलक्स शौचालय निर्माण में अनियमितता के कारण मात्र दो माह में ही खराब हो गया। शौचालय का सेफ्टी टैंक लीक होने से गंदा पानी एनएच पर बहने लगा है। नया शौचालय बनने के तीन माह बाद भी चालू नहीं हो सका, जिससे यात्रियों को झाड़ियों और कर्मचारी आवासों के पीछे जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, विशेषकर महिला यात्रियों को। लेकिन अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ता इतना लापरवाह हो गए है |

इस स्थिति के बावजूद रेलवे प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

अधिकारी का बयान

वही अधिकारी का कहना है की “स्टेशन परिसर में चल रहे निर्माण कार्यों पर समय-समय पर अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाते हैं। खराब कार्य को तोड़कर पुनः कराया जाता है,” – अशोक कुमार, पीआरओ वाराणसी।

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