बलिया: जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने मंगलवार शाम को कलेक्ट्रेट सभागार में नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों के कार्यों एवं योजनाओं की समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर विभिन्न योजनाओं की प्रगति, निर्माण कार्यों की स्थिति, तथा नगर निकायों की प्राथमिकताओं पर गहन मंथन किया गया। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने नगर निकायों की उदासीनता और कार्यों में शिथिलता पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए स्पष्ट कहा कि अब किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कान्हा गौशालाओं का निर्माण लंबित, नाराज हुए जिलाधिकारी
समीक्षा बैठक के दौरान सबसे पहले जिलाधिकारी ने गौवंश संरक्षण के तहत प्रस्तावित कान्हा गौशालाओं के निर्माण कार्य की स्थिति का जायजा लिया। बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में बलिया, रसड़ा, मनियर, सिकंदरपुर, बैरिया, नगरा एवं रतसर कला नगर निकायों में कान्हा गौशालाओं के निर्माण हेतु कुल लगभग 10 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई थी। इनमें से 5.5 करोड़ रुपये की धनराशि पहले ही जारी की जा चुकी है। इसके बावजूद अभी तक किसी भी स्थान पर निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है।
इसपर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी जताई और संबंधित अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया कि भूमि से संबंधित समस्याओं का तत्काल समाधान उप जिलाधिकारियों की मदद से कराया जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि 15 जून 2025 के भीतर हर हाल में कान्हा गौशालाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाना चाहिए, अन्यथा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
एमआरएफ सेंटरों की स्थिति पर भी जताई चिंता
बैठक में नगर निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए आवश्यक मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटरों की स्थापना की स्थिति की भी समीक्षा की गई। बताया गया कि नगर पंचायत नगरा, मनियर और चितबड़ागांव में अभी तक एमआरएफ सेंटरों का निर्माण नहीं हो पाया है। जिलाधिकारी ने इन निकायों के अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिया कि शीघ्रातिशीघ्र निर्माण कार्य प्रारंभ कराएं और जिन स्थानों पर एमआरएफ सेंटर बन चुके हैं, वहां 15 जून तक विद्युत कनेक्शन सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराते हुए उन्हें पूर्ण रूप से क्रियाशील बनाएं।
वंदन योजना और आकांक्षी नगर योजना की भी समीक्षा
वंदन योजना की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि योजना के तहत किए जा रहे सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण हों। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या निम्न गुणवत्ता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही उन्होंने कार्यों के नियमित निरीक्षण की भी बात कही।
आकांक्षी नगर योजना के अंतर्गत शासन से धनराशि प्राप्त होने के बावजूद अभी तक अपेक्षित कार्यों की शुरुआत नहीं हो सकी है। इस पर जिलाधिकारी ने चिंता व्यक्त करते हुए एक सप्ताह के भीतर कार्य प्रारंभ कराने के सख्त निर्देश दिए। विशेष रूप से आरओ वाटर कूलर की स्थिति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सभी वाटर कूलरों का सत्यापन कराएं और जो खराब हैं उन्हें तत्काल मरम्मत कर क्रियाशील किया जाए।
लंबे समय से खराब पड़े ट्यूबवेल पर जताई कड़ी नाराजगी
बैठक में ट्यूबवेलों की स्थिति की भी समीक्षा की गई। पाया गया कि कई स्थानों पर ट्यूबवेल लंबे समय से खराब पड़े हैं और अब तक उन्हें ठीक नहीं कराया गया है। इसपर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा में लापरवाही को बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन अधिशासी अधिकारियों और अवर अभियंताओं की लापरवाही के कारण यह स्थिति बनी हुई है, उनके वेतन को रोक दिया जाए।
कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को चेतावनी भरे स्वर में कहा कि शासन की योजनाएं समय पर और गुणवत्ता के साथ लागू हों, यह प्रत्येक अधिकारी की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन निकायों में कार्यों की प्रगति धीमी है, वहां सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने उप जिलाधिकारियों को भी निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी करें और प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
बैठक में अधिकारीगण रहे उपस्थित
इस समीक्षा बैठक में मुख्य राजस्व अधिकारी त्रिभुवन के साथ ही संबंधित नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी, अवर अभियंता, जिला नगर विकास अभिकरण (डूडा) के अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में कहा कि कार्यों की गति में सुधार लाया जाए, जनता की समस्याओं का समयबद्ध समाधान हो और शासन की मंशा के अनुरूप योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
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