बलिया जिले में महिलाओं और बालिकाओं के प्रति बढ़ते अपराधों की रोकथाम और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान जिले के सभी थाना क्षेत्रों में चलाया जा रहा है, जिसमें धार्मिक स्थल, कोचिंग सेंटर, पार्क, विद्यालय, और अन्य भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में महिला सुरक्षा और अधिकारों को लेकर महिलाओं और छात्राओं को जागरूक किया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों, कर्तव्यों और सुरक्षा के बारे में जानकारी देना है ताकि वे खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें और जरूरत पड़ने पर तुरंत मदद प्राप्त कर सकें।
बलिया मे मिशन शक्ति 5.0 का उद्देश्य
मिशन शक्ति 5.0 का उद्देश्य महिलाओं के प्रति हिंसा और उत्पीड़न की घटनाओं को कम करना और महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। इस अभियान के तहत विभिन्न पुलिस टीमों द्वारा महिलाओं को छेड़खानी, घरेलू हिंसा, साइबर क्राइम, और अन्य प्रकार के उत्पीड़न से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं। इसके अलावा, पुलिस की हेल्पलाइन नंबरों और आपातकालीन सेवाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जा रही है ताकि कोई भी महिला या बालिका जब भी संकट में हो, वह तुरंत मदद प्राप्त कर सके।
एंटी रोमियो टीम बलिया मे सतर्क
मिशन शक्ति के तहत एंटी रोमियो टीम का गठन भी किया गया है। यह टीम विशेष रूप से स्कूलों और कोचिंग सेंटरों के आसपास सक्रिय है, जहां लड़के अक्सर इधर-उधर घूमते हैं। एंटी रोमियो टीम ने इन स्थानों पर गश्त बढ़ा दी है और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। टीम के सदस्य स्कूलों और कोचिंग सेंटरों के आसपास घूम रहे लड़कों से पूछताछ कर उन्हें चेतावनी दे रहे हैं। इसके अलावा, उन्हें यह भी बताया जा रहा है कि यदि किसी प्रकार की छेड़खानी या अश्लील हरकत की गई, तो पुलिस तत्काल कार्रवाई करेगी।
महिलाओं और छात्राओं को सुरक्षा के उपायों की जानकारी
मिशन शक्ति अभियान के तहत बलिया जिले के विभिन्न क्षेत्रों में महिला आरक्षी और पुलिस अधिकारी महिलाओं और छात्राओं को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक कर रहे हैं। बेल्थरारोड क्षेत्र में महिला आरक्षी रीना और शांति ने महिलाओं का एक समूह एकत्र किया और उन्हें सुरक्षा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में महिलाओं को धैर्य और संयम से काम लेना चाहिए और हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करके तत्काल सुरक्षा प्राप्त कर सकती हैं।
साइबर क्राइम से सचेत रहना
महिला पुलिस कर्मियों ने महिलाओं को साइबर क्राइम से सचेत रहने का भी सुझाव दिया। डिजिटल माध्यमों के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर क्राइम की घटनाएं भी बढ़ी हैं। महिलाओं को सोशल मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी और तस्वीरें साझा करने से बचने की सलाह दी गई। इसके अलावा, उन्हें यह भी बताया गया कि अगर वे साइबर क्राइम का शिकार होती हैं तो वे 112 नंबर पर कॉल कर सकते हैं और पुलिस उन्हें मदद देने के लिए तुरंत पहुंच जाएगी।
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खोरीपाकड़ और आसपास के इलाकों में जागरूकता
फेफना थाना के खोरीपाकड़ क्षेत्र में महिला शक्ति टीम ने महिलाओं को उनके अधिकारों और सुरक्षा के बारे में जानकारी दी। टीम ने महिलाओं को बताया कि नारी अब अबला नहीं रही है। अब महिलाएं अपनी समस्याओं के बारे में 112 पर कॉल करके मदद प्राप्त कर सकती हैं। पुलिस विभाग ने यह भी आश्वासन दिया कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए पुलिस तुरंत सात मिनट के भीतर मौके पर पहुंच जाएगी।
रसड़ा, नगरा और अन्य क्षेत्रों में जागरूकता अभियान
रसड़ा, नगरा, गड़वार, सिकंदरपुर, मनियर, बांसडीह, बांसडीह रोड, रेवती, बैरिया, दोकटी, हल्दी, दुबहड़, सदर कोतवाली, नरहीं, सुखपुरा, खेजुरी और पकड़ी पुलिस थानों के अलावा महिला थाना पुलिस टीम ने अपने-अपने क्षेत्रों में महिलाओं और छात्राओं को जागरूक किया। इन क्षेत्रों में स्कूलों, ग्राम सभाओं, मंदिरों और बाजारों में अभियान चलाया गया। इन स्थानों पर महिलाओं को सुरक्षा के अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई और उन्हें यह बताया गया कि अगर वे किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना करती हैं तो वे तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकती हैं।
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हेल्पलाइन नंबर की जानकारी
मिशन शक्ति के तहत महिलाओं को हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी जा रही है। 112 नंबर एक महत्वपूर्ण हेल्पलाइन है, जिस पर महिलाएं किसी भी प्रकार के उत्पीड़न, छेड़खानी या अन्य अपराध की शिकायत कर सकती हैं। पुलिस विभाग ने यह भी बताया कि महिलाएं किसी भी आपात स्थिति में इस नंबर पर कॉल करें और पुलिस विभाग तत्काल कार्रवाई करेगा। इसके अलावा, महिलाओं को यह भी बताया जा रहा है कि वे 1090 (महिला हेल्पलाइन) और 181 (सहायता हेल्पलाइन) जैसे नंबरों पर भी कॉल कर सकती हैं।
पुलिस की तत्परता और महिलाओं की सुरक्षा
इस अभियान के माध्यम से पुलिस यह संदेश दे रही है कि महिलाएं किसी भी प्रकार के उत्पीड़न के खिलाफ खड़ी हो सकती हैं। पुलिस विभाग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि महिलाओं को सुरक्षा का अहसास हो और वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें। पुलिस का यह भी मानना है कि जब महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं, तो उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे समाज में सकारात्मक योगदान दे सकती हैं।
रिपोर्ट: अनीश , (स्थानीय रिपोर्टर, Ballia)
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