बलिया के ऐतिहासिक रामलीला मैदान का कायाकल्प शुरू हो गया है। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने 40 लाख रुपये की लागत से इस परियोजना का शिलान्यास किया। पहले चरण में पक्के मंच, शौचालय और मैदान का उच्चीकरण किया जाएगा। इस सुधार के बाद, रामलीला मैदान धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए एक आधुनिक और सुविधाजनक स्थल बनेगा
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का रामलीला मैदान भारतीय संस्कृति, धार्मिक परंपराओं, और सामाजिक आयोजन का केंद्र रहा है। यह मैदान दशहरे के समय पर होने वाले रामलीला के मंचन से लेकर छठ पर्व, विवाह जैसे सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों का प्रमुख स्थल है। वर्षों से यह मैदान क्षेत्रवासियों के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बिंदु रहा है, लेकिन सुविधाओं के अभाव ने इस ऐतिहासिक स्थल की गरिमा को काफी हद तक प्रभावित किया था। अब, इसे एक नए रूप में बदलने के लिए उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री श्री दयाशंकर सिंह ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।
भूमि पूजन से शुरू हुआ कायाकल्प का सफर
उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बलिया के ऐतिहासिक रामलीला के कायाकल्प के लिए विधि-विधान से भूमि पूजन किया। यह भूमि पूजन एक महत्वपूर्ण अवसर था, क्योंकि इसके साथ ही इस ऐतिहासिक स्थल को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया गया था। इस परियोजना का शिलान्यास वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुआ, जो भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सम्मानित करने का प्रतीक था। इस समारोह में मंत्री दयाशंकर सिंह के अलावा कई गणमान्य लोग उपस्थित थे, जिन्होंने इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनने का गर्व अनुभव किया।
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परियोजना का संचालन प्रदेश सरकार की सहभागिता योजना के तहत किया जाएगा, और इसके लिए 40 लाख रुपये की लागत निर्धारित की गई है। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्य ऐतिहासिक रामलीला मैदान की गरिमा के अनुरूप किया जाएगा, ताकि यह स्थल अपनी सांस्कृतिक महत्वता के साथ-साथ एक आधुनिक स्थल भी बन सके।
रामलीला मैडम मे पहले चरण मे पक्के छत वाला मंच
श्री दयाशंकर सिंह ने इस परियोजना के पहले चरण के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सबसे पहले यहां एक पक्के छत वाला मंच तैयार किया जाएगा। रामलीला और अन्य धार्मिक आयोजनों के लिए यह मंच अत्यंत महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि खुले आसमान के नीचे होने वाले आयोजनों में मौसम और मौसम संबंधी समस्याएं हमेशा उपस्थित रहती हैं। पक्के छत वाले मंच के निर्माण से आयोजनकर्ता और दर्शकों दोनों को ही राहत मिलेगी। इसके अलावा, महिला और पुरुष शौचालयों का निर्माण भी किया जाएगा, जो इस स्थल पर आने वाले लोगों के लिए एक बड़ी सुविधा साबित होगी।
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इसके अलावा, मैदान का उच्चीकरण भी किया जाएगा, ताकि इसे बेहतर तरीके से उपयोग किया जा सके। उच्चीकरण से मैदान की जलनिकासी बेहतर होगी और इसमें आयोजन करने में और भी आसानी होगी।
दूसरे चरण में क्या होगा?
परियोजना के दूसरे चरण में, रामलीला मैदान के चारों ओर बाउंड्री वॉल का निर्माण किया जाएगा। बाउंड्री वॉल से न केवल मैदान की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि यह स्थल को एक संरक्षित और व्यवस्थित रूप भी देगा। इसके अलावा, अन्य आवश्यक कार्यों को भी इस चरण में पूरा किया जाएगा।
मंत्री जी ने यह भी बताया कि इन कार्यों के पूरा होने के बाद रामलीला मैदान का उपयोग न केवल धार्मिक आयोजनों के लिए होगा, बल्कि यह स्थल एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल भी बन जाएगा। पर्यटन विभाग की देखरेख में इस कार्य को संपन्न किया जाएगा, जिससे इस स्थल का आकर्षण बढ़ेगा और लोग यहां आने के लिए प्रेरित होंगे।
रामलीला मैदान का ऐतिहासिक महत्व
बलिया का रामलीला मैदान भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का एक अहम हिस्सा रहा है। दशहरे के समय यहां होने वाला रामलीला का मंचन न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए भी एक बड़े धार्मिक आयोजन के रूप में जाना जाता है। यहां होने वाले रामलीला के मंचन में हजारों लोग भाग लेते हैं और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
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इसके अलावा, यह मैदान छठ पर्व और विवाह जैसे अन्य महत्वपूर्ण आयोजनों के लिए भी उपयोग किया जाता है। इन आयोजनों में भारी संख्या में लोग शामिल होते हैं और उनका आना-जाना, खानपान, बैठने की व्यवस्था, और अन्य सुविधाओं का ध्यान रखना एक बड़ी चुनौती होती है।
हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से यहां की सुविधाओं की स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी, जिसके कारण आयोजकों और दर्शकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था। कभी मंच पर छत की कमी रहती थी, तो कभी शौचालयों की स्थिति सही नहीं होती थी। यही कारण था कि इस स्थल का सुंदरीकरण और आधुनिकीकरण की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।