ABVP के विरोध के बाद जिला प्रशासन ने लिया बड़ा कदम, कोतवाल को किया लाइन हाजिर

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने अपने 8 मांगों को लेकर बलिया जिले में जिला प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध के कारण जिला प्रशासन को अपनी कड़ी कार्रवाई में बदलाव करना पड़ा, और अंततः पुलिस अधीक्षक ने प्रभारी निरीक्षक कोतवाली, योगेन्द्र प्रसाद सिंह को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया। जिला प्रशासन द्वारा की गई यह कार्रवाई विरोध प्रदर्शन के शांत होने का कारण बनी, और स्थिति को सामान्य हुआ ।

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क्या थी पूरी घटना

यह घटनाक्रम मंगलवार की रात से शुरू हुआ, जब ABVP के कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन के खिलाफ धरना-प्रदर्शन शुरू किया। उनका मुख्य उद्देश्य जिले में निजी स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी फीस वृद्धि और शिक्षा के व्यापारीकरण के खिलाफ आवाज उठाना था। इसके अतिरिक्त, कार्यकर्ता अपनी 8 मांगों के लिए जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे थे। इन मांगों में प्रमुख रूप से डीएम से माफी की मांग और कोतवाल योगेन्द्र सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग शामिल थी।

विरोध के दौरान, ABVP के कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान, कार्यकर्ताओं ने हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ भी किया और अपनी मांगों को लेकर प्रशासन पर दबाव बनाने की पूरी कोशिश की। कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर इतने गंभीर थे कि बारिश के बावजूद वे धरने पर बैठे रहे। उनका आरोप था कि जिलाधिकारी ने जब उनसे मुलाकात की तो उन्हें न केवल नजरअंदाज किया गया, बल्कि डांट भी पड़ी।

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धरने का एक कारण यह था कि कोतवाल योगेन्द्र सिंह ने AVBP के सदस्यों को जबरन रोक दिया था जब वे डीएम से मिलने पहुंचे थे। यह घटना और इससे जुड़ी नोंक-झोंक का वीडियो भी सामने आया, जिसमें कोतवाल को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि अगर उन्होंने जिलाधिकारी के खिलाफ कोई टिप्पणी की, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस वीडियो ने विरोध को और भी तेज बना दिया और कार्यकर्ताओं का गुस्सा बढ़ा दिया।

भाजपा जिलाध्यक्ष भी धरना स्थल पर पहुंचे

सिटी मजिस्ट्रेट और एडीएम अनिल कुमार ने कई बार ABVP के कार्यकर्ताओं से बातचीत की, लेकिन कार्यकर्ता अपनी मांगों पर अड़े रहे। इसके बाद भाजपा जिलाध्यक्ष भी धरना स्थल पर पहुंचे और कार्यकर्ताओं से बात की, लेकिन उनकी बातों का भी कोई असर नहीं हुआ। कार्यकर्ताओं का कहना था कि उन्हें धमकी दी जा रही थी कि अगर वे आंदोलन बंद नहीं करेंगे तो उन पर लाठीचार्ज किया जाएगा।

कई घंटे की नारेबाजी और विरोध के बाद, जिला प्रशासन ने आखिरकार कदम उठाया। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने ABVP के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा, “सारे गिले-शिकवे दूर कीजिए,” और इस आश्वासन के बाद ABVP के कार्यकर्ताओं ने अपना धरना समाप्त कर दिया।

कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक योगेन्द्र प्रसाद सिंह लाइन हाजिर

इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक योगेन्द्र प्रसाद सिंह को लाइन हाजिर कर दिया, जो ABVP के कार्यकर्ताओं के खिलाफ की गई पुलिस कार्रवाई के कारण विवादों में आए थे। इस कदम से ABVP के कार्यकर्ताओं की मांग पूरी हो गई, और उनका विरोध प्रदर्शन समाप्त हुआ।

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मंगलवार रात से लेकर बुधवार तक यह विरोध प्रदर्शन जिले में चर्चा का विषय बन गया। ABVP के कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि वे छात्रों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं और उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। इस मुद्दे पर स्थानीय नागरिकों में भी असंतोष फैल गया, क्योंकि निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि और शिक्षा के व्यापारीकरण की समस्या ने आम जनता को भी प्रभावित किया था।

इसके साथ ही, ABVP के कार्यकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें अनजान नंबर से धमकियां मिल रही थीं कि अगर वे अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे तो उन्हें खतरा का सामना करना पड़ेगा। कार्यकर्ताओं के अनुसार, पुलिस ने उन्हें आंदोलन से पीछे हटने के लिए दबाव बनाया था |

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