Ballia News: बैरिया थाना क्षेत्र गांव में घटित गोलू यादव हत्याकांड में दो नामजद आरोपियों ने किया आत्मसमर्पण

बैरिया थाना क्षेत्र के शिवन राय गांव में घटित गोलू यादव हत्याकांड में दो नामजद आरोपियों ने किया आत्मसमर्पण

बैरिया थाना क्षेत्र के टोला शिवन राय के निवासी गोलू यादव पुत्र हरेन्द्र यादव की हत्या के मामले में बृहस्पतिवार को दो नामजद आरोपियों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों आरोपी, देवेंद्र सिंह उर्फ हैप्पी और प्रकाश सिंह ने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया, और अब उन्हें पुलिस की गिरफ्तारी से बचने का कोई उपाय नहीं था। गोलू यादव की हत्या 27 जून हुई थी जब वह टोला फकरू राय के एक सांस्कृतिक कार्यक्रम से लौट रहे थे। रास्ते में गोलू पर चाकू से कई बार वार किए गए, जिससे उसकी मृत्यु हो गई।

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गोलू यादव के बड़े भाई दिलीप कुमार यादव ने हत्या के खिलाफ बैरिया थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। दिलीप की तहरीर पर पुलिस ने सात नामजद और चार-पाँच अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला पंजीकृत किया था। इस हत्या के बाद से इलाके में काफी तनाव था, और पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई प्रयास किए थे। जिनमें से दो आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी थी। इसके बाद बाकी तीन नामजद आरोपियों और कुछ अज्ञात आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही थीं।

क्या है पूरी घटना

हत्याकांड की घटना 27 जून को हुई थी, जब गोलू यादव और उनके साथ कुछ लोग सांस्कृतिक कार्यक्रम देखकर लौट रहे थे। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद, गोलू और उसके साथी अपने घर की ओर जा रहे थे। इस दौरान रास्ते में गोलू यादव पर हमलावरों ने चाकू से कई वार किए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना इतनी भयानक थी कि आसपास के लोग हैरान रह गए। गोलू के भाई दिलीप कुमार यादव ने इस मामले में तहरीर दी और पुलिस को इस कृत्य के पीछे आरोपियों के नाम बताए।

इस हत्या के बाद इलाके में सनसनी फैल गई। हत्या की वजह को लेकर कई कयास लगाए गए, लेकिन पुलिस की शुरुआती जांच के बाद यह साफ हो गया कि हत्या व्यक्तिगत विवाद के कारण हुई थी। जांच में पता चला कि आरोपी गोलू यादव से पहले से परिचित थे, और यह हत्या एक पुरानी दुश्मनी थी।

पुलिस की कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी

घटना के बाद बैरिया थाने में तत्काल एफआईआर दर्ज की गई और पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। पुलिस की शुरुआती जांच में सात नामजद आरोपियों के नाम सामने आए, जिनमें से देवेंद्र सिंह उर्फ हैप्पी और प्रकाश सिंह मुख्य आरोपी थे। पुलिस ने इस हत्याकांड के बाद से ही आरोपियों की तलाश तेज कर दी थी। कुछ ही दिनों में, पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हालांकि, बाकी के तीन नामजद आरोपी और कुछ अज्ञात आरोपी अभी भी फरार थे।

पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई छापेमारी की, लेकिन वे आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर थे। इस दौरान पुलिस को लगातार दबिश जारी रखने का निर्देश दिया गया था। पुलिस की टीमें विभिन्न स्थानों पर आरोपी की तलाश कर रही थीं। इसके बावजूद, आरोपी दबाव और पुलिस की कार्रवाई से डरकर कहीं भी भागने में सफल नहीं हो रहे थे। पुलिस की कार्रवाई में बैरिया थाना पुलिस के अलावा, अन्य सुरक्षा बलों की भी सहायता ली जा रही थी।

आत्मसमर्पण और न्यायालय में समर्पण

जैसे-जैसे पुलिस की दबिश बढ़ी, आरोपियों की स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई। अंततः, दबाव और भय के कारण, देवेंद्र सिंह उर्फ हैप्पी और प्रकाश सिंह ने बृहस्पतिवार को न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। उनके आत्मसमर्पण के बाद, उन्हें पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया और न्यायिक हिरासत में भेजा गया। यह आत्मसमर्पण इस बात का प्रतीक था कि आरोपियों ने पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए अब कानून का सामना करने का फैसला किया था।

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