Ballia News: भाजपा नेता और थाना प्रभारी के बीच कहासुनी, मुकदमा दर्ज होने पर स्थिति शांत

13 जनवरी 2025: बलिया जिले के बैरिया थाना क्षेत्र में भाजपा नेता और थाना प्रभारी के बीच बहसा बहसी हो गई, जिससे पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई। यह घटना बैरिया थाने में उस समय हुआ जब भाजपा के प्रदेश मंत्री और अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के नेता तारकेश्वर गोंड ने एक महिला के मामले में कार्रवाई की मांग की। इस दौरान भाजपा के पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह भी थाने पहुंचे और बाद में मामला शांत हुआ।

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मामले की शुरुआत:

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा नेता तारकेश्वर गोंड रविवार को लगभग 4 बजे दया छपरा निवासी एक महिला, प्रीति गोंड की शिकायत लेकर बैरिया थाने पहुंचे थे। महिला ने आरोप लगाया था कि कुछ लोग एकसाथ मिलकर उसके साथ मारपीट कर रहे हैं। तारकेश्वर गोंड ने इस मामले में थानाध्यक्ष रमायण सिंह से जानकारी मांगी, लेकिन आरोप है कि थानाध्यक्ष ने तारकेश्वर गोंड से बदसलूकी की। इस पर तारकेश्वर गोंड ने नाराज होकर अपने स्वजातीय समुदाय के लोगों को थाने के बाहर बुला लिया और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

पूर्व विधायक की मध्यस्थता:

जैसे ही विरोध प्रदर्शन बढ़ा, भाजपा के पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह भी घटनास्थल पर पहुंच गए। वहां नारेबाजी हो रही थी, और भाजपा नेता आरोप लगा रहे थे कि थानाध्यक्ष ने उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया। पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह ने थानाध्यक्ष से कहा कि किसी भी पार्टी कार्यकर्ता के साथ इस तरह की बदसलूकी नहीं की जा सकती। इसके बाद थानाध्यक्ष रमायण सिंह ने बताया कि इस मामले में पहले ही एसी-एसटी एक्ट और मारपीट, बलवा के तहत मुकदमा दर्ज किया जा चुका है।

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मुकदमा दर्ज होने के बाद स्थिति सामान्य:

मुकदमा दर्ज होने के बाद भाजपा नेता और उनके समर्थक थाने से वापस लौट गए। थानाध्यक्ष ने साफ बताया कि दया छपरा की महिला प्रीति गोंड ने पहले ही इस मामले में तहरीर दी थी, और उसी के आधार पर केस पंजीकृत किया गया था। इसके बावजूद, जब तारकेश्वर गोंड अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंचे थे, तो स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई थी।

पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह का बयान:

पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह ने इस घटना पर कहा कि पीड़िता के साथ दबंगों ने अन्याय किया था और पुलिस प्रशासन ने शुरुआत में उचित कार्रवाई नहीं की थी। उन्होंने यह भी कहा कि जब वे थाने पहुंचे, तब पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया। सुरेंद्र सिंह ने यह आरोप भी लगाया कि पुलिस अधीक्षक ने विधिक कार्रवाई के आदेश दिए थे, लेकिन पहले मुकदमा दर्ज नहीं हो रहा था।

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