बलिया के फेफना थाना क्षेत्र के नसीराबाद गांव में शुक्रवार को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब 60 वर्षीय बसंती देवी का शव उनके कमरे में फंदे से लटकता हुआ पाया गया। बसंती देवी का इकलौता बेटा मनोहर पांडेय, जो कि भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) में तैनात थे, वे चंडीगढ़ में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। बेटे की मौत की खबर से गहरे सदमे में आईं मां ने खुदकुशी कर ली, जिससे पूरा गांव शोक में डूब गया।
घटना की पूरी जानकारी
नसीराबाद गांव में शुक्रवार की सुबह, गांव के लोग और परिवार के सदस्य घर में पहुंचे तो उन्हें बसंती देवी का शव उनके कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला। परिवार वालों और ग्रामीणों के लिए यह दृश्य अत्यंत दर्दनाक था। पुलिस को तुरंत सूचित किया गया और घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और इस घटना के कारणों की जांच प्रारंभ की।
बसंती देवी की हालत को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि उनके बेटे की मौत के बाद वह बहुत गहरे सदमे में थीं। उनका इकलौता बेटा मनोहर पांडेय BSF में तैनात था और हाल ही में चंडीगढ़ में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। बेटे की मृत्यु की खबर ने उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से बहुत प्रभावित किया था।
BSF जवान मनोहर पांडेय की मृत्यु
मनोहर पांडेय BSF में तैनात थे और उन्होंने अपने जीवन के कई सालों तक देश की सेवा की थी। कुछ समय पहले ही उन्हें किसी बीमारी का इलाज कराने के लिए चंडीगढ़ भेजा गया था, लेकिन वहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। जैसे ही यह खबर बसंती देवी को मिली, वह गहरे शोक में डूब गईं।
मनोहर पांडेय की मृत्यु का दुख बसंती देवी के लिए असहनीय था। गांव के लोगों ने बताया कि वह बार-बार यही कह रही थीं कि अब उनका जीवन किसी उद्देश्य के लिए नहीं बचा है, क्योंकि उनका इकलौता बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा। परिवार वालों ने उन्हें काफी समझाया-बुझाया, लेकिन उनका मानसिक स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि वह अपने बेटे की मृत्यु के सदमे को सहन नहीं कर पा रही थीं।
मां की आत्महत्या
बसंती देवी के मानसिक स्थिति को लेकर परिवार के सदस्य चिंतित थे, लेकिन उन्होंने किसी तरह से उन्हें शांत करने की कोशिश की थी। बृहस्पतिवार की रात जब सभी परिवार के सदस्य सोने के लिए गए, तो बसंती देवी अपने कमरे में चली गईं। सुबह जब परिवार के सदस्य कमरे में गए, तो उन्होंने देखा कि बसंती देवी का शव फंदे से लटक रहा था। यह दृश्य सभी के लिए अत्यंत चौंकाने वाला और शोकजनक था।
परिवार वाले और ग्रामीण यह नहीं समझ पा रहे थे कि बसंती देवी ने ऐसा कदम क्यों उठाया। उनका कहना था कि वह पिछले कुछ दिनों से मानसिक तनाव में थीं, लेकिन फिर भी किसी ने नहीं सोचा था कि वह आत्महत्या कर सकती हैं। यह घटना न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए एक गहरा शोक लेकर आई।
परिवार का दुख
इस घटनाक्रम ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया। अब परिवार के लोग यह तय कर रहे थे कि दोनों मां-बेटे का एक साथ दाह संस्कार किया जाएगा। यह एक दिल दहला देने वाली स्थिति थी, जहां एक ही परिवार के दो सदस्य, मां और बेटे, एक साथ मृत्यु के कगार पर पहुंच गए थे। परिवार के सदस्यों ने खुद को इस दुख की घड़ी में अकेला महसूस किया, लेकिन उन्होंने एकजुट होकर इस दुख को सहने की कोशिश की।
पुलिस का बयान
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। थाना प्रभारी, विश्वदीप सिंह ने इस घटना पर बयान देते हुए कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि घटना के पीछे क्या कारण हो सकते हैं।