बलिया के भाजपा किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष अशोक सिंह और उनके सहयोगी की हत्या का खुलासा

राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ के शाहजहांपुर थाना क्षेत्र में हुई बलिया के दो लोग दोहरी हत्याओं का खुलासा करते हुए पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह हत्याकांड एक गंभीर साइबर ठगी की साजिश से जुड़ा हुआ था, जिसमें OLX ऐप के जरिए फर्जी जनरेटर की डील दिखाकर लोगों को झांसा दिया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई। इस सनसनीखेज वारदात में बलिया के भाजपा किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष अशोक सिंह और उनके मिस्त्री विकास कुमार की बेरहमी से हत्या की गई। दोनों शव अलग-अलग गांवों के कुओं में फेंके गए थे, जो बाद में पुलिस ने बरामद किए।

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घटनाक्रम की शुरुआत: OLX पर जनरेटर की सस्ती डील

शुरुआत में यह एक साधारण व्यापारिक सौदा लगता था, जिसमें अशोक सिंह को जनरेटर की आवश्यकता थी। अशोक सिंह बलिया जिले में बजाज टू-व्हीलर एजेंसी चला रहे थे। वे इंटरनेट पर OLX ऐप पर सस्ते दाम में जनरेटर की डील देख रहे थे। इस जानकारी को लेकर वे बिना परिवार को बताए जयपुर पहुंच गए। अशोक ने अपने कार्यस्थल पर कार्यरत मिस्त्री विकास कुमार को भी साथ लाया था ताकि वह इस डील में मदद कर सके। दोनों के बीच यह सोचा गया था कि उन्हें एक बेहतरीन सौदा मिलेगा, लेकिन उनका यह सौदा उनकी जान पर भारी पड़ा।

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अशोक सिंह का भाई, जो भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी है, ने 19 सितंबर को अशोक और विकास कुमार के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की और दोनों के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की। जांच में यह पाया गया कि दोनों की आखिरी लोकेशन कोटपूतली और बहरोड़ में थी। इसके बाद पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाया और शाहजहांपुर थाना क्षेत्र में स्थिर हुई लोकेशन से दोनों की तलाश की।

शवों की बरामदगी: शाहजहांपुर के कुओं से शव निकाले गए

पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए शाहजहांपुर थाना क्षेत्र के दो गांवों सांसेड़ी और जौनायचाखुर्द के कुओं से दुर्गंध की सूचना मिलने पर जांच शुरू की। पुलिस ने क्रेन की मदद से कुओं से शव निकाले। सांसेड़ी गांव के कुएं से बलिया कए अशोक सिंह का शव और जौनायचाखुर्द गांव से विकास कुमार का शव बरामद हुआ। दोनों शवों की हालत इतनी खराब थी कि पहचान के लिए पोस्टमार्टम कराया गया। मेडिकल बोर्ड ने यह पुष्टि की कि दोनों की गला दबाकर हत्या की गई थी। पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि आरोपियों ने हत्या के बाद दोनों के एटीएम कार्ड्स से लगभग छह लाख रुपये की राशि भी निकाल ली थी।

आरोपियों की साजिश: गाड़ी में बैठाकर हत्या

अपनी जांच में यह पाया कि आरोपियों ने बलिया से अशोक और विकास को जयपुर से बुलाने के बाद उन्हें गाड़ी में बैठाकर नारनौल की ओर घुमाया। जब वे नारनौल के पास जखराना इलाके में पहुंचे, तो आरोपियों ने दोनों की गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शवों को 50 किलोमीटर दूर शाहजहांपुर थाना क्षेत्र के गांवों के कुओं में फेंक दिया गया। इसके बाद आरोपियों ने दोनों मृतकों के मोबाइल और एटीएम कार्ड्स को चुराया और गुरुग्राम स्थित एटीएम से छह लाख रुपये की रकम निकाल ली।

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पुलिस की जांच और कार्रवाई

पुलिस ने इस मामले में अपने खुफिया तंत्र का तरीके से इस्तेमाल किया और तेजी से मामले का खुलासा किया। छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें अजीत उर्फ दाना, राकेश यादव उर्फ टकली, मंजीत यादव उर्फ बोहरा, नरवीर यादव उर्फ कालिया, इंद्रजीत उर्फ कोतवाल और नितिन उर्फ खोटा शामिल हैं। इन आरोपियों में से कई बलिया, बहरोड़ और आसपास के क्षेत्र के निवासी हैं, और कुछ का आपराधिक रिकॉर्ड भी रहा है।

राजस्थान पुलिस की साइबर टीम और शाहजहांपुर थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए इन अपराधियों को गिरफ्तार किया। पुलिस का मानना है कि यह एक संगठित अपराध का हिस्सा था, जिसमें साइबर ठगी, हत्या और अन्य अपराध जुड़े हुए थे।

संगठित अपराध और साइबर ठगी की साजिश

एसपी देवेंद्र बिश्नोई ने इस मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह हत्या और साइबर ठगी से जुड़ा हुआ मामला था। आरोपियों ने OLX पर फर्जी जनरेटर की डील दिखाकर अशोक सिंह और विकास कुमार को फंसा लिया था। यह स्पष्ट था कि अपराधी किसी बड़ी साजिश का हिस्सा थे, जिसमें उन्होंने केवल पैसों के लिए हत्या की योजना बनाई थी। एसपी ने यह भी चेतावनी दी कि ऐसे अपराधियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा और पुलिस इनकी पूरी नेटवर्क की गहन जांच करेगी।

आरोपी गिरफ्तारी और पुलिस की जांच की दिशा

पुलिस अब इन आरोपियों से यह जानने की कोशिश कर रही है कि वे किस तरह के अन्य अपराधों में शामिल थे और क्या उनके द्वारा की गई अन्य साजिशें भी सामने आ सकती हैं। आरोपियों के नेटवर्क और उनसे जुड़े अन्य लोगों की पहचान के लिए पुलिस गहन जांच कर रही है। इसके अलावा पुलिस यह भी जांच रही है कि इस अपराध में और कौन लोग शामिल हो सकते हैं और क्या इस तरह के और मामले सामने आ सकते हैं।

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