बांसडीह आदर गांव के निवासी और सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी जीवित प्रसाद को एक गंभीर हमले के आरोप में दोषी ठहराया गया है। यह घटना करीब पांच साल पहले 28 अक्टूबर 2020 को हुई थी, जब एक छोटे से विवाद ने बड़ी हिंसा का रूप ले लिया।
घटना के अनुसार, जब कौशल अपने भतीजे बेचन के साथ सैन्यकर्मी जीवित प्रसाद के घर प्लास्टर का काम कर रहा था, तो सीमेंट का छींटा थोड़ा सा आरोपी के ऊपर पड़ गया। इस पर गुस्से में आए आरोपी ने रॉड से हमला कर दिया। हमले में बेचन की बाएं हाथ की अंगुली गंभीर रूप से घायल हो गई, और आरोपी ने उस अंगुली को चबा लिया, जिससे उसकी स्थिति काफी खराब हो गई थी।
इस मामले में बांसडीह कोतवाली पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया और जांच शुरू की। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार झा की अदालत में सुनवाई के बाद आरोपी को दोषी ठहराया गया। अदालत ने जीवित प्रसाद को पांच साल की सजा और एक लाख 11 हजार रुपये का जुर्माना किया। अगर आरोपी जुर्माना अदा नहीं करता है, तो उसे एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।