नगरा थाना क्षेत्र के वीर चंद्रहा गांव में 22 वर्षीय युवक अंकुर सिंह की आत्महत्या ने क्षेत्र में हलचल मचा दी थी। मंगलवार को अंकुर सिंह का शव उसके घर से कुछ दूरी पर स्थित बागीचे में एक पेड़ से लटका हुआ पाया गया। यह घटना एक तरह से एक संदेश छोड़ने जैसा था, क्योंकि मृतक ने आत्महत्या से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया था, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए जिम्मेदार लोगों का जिक्र किया था। वीडियो में अंकुर ने कहा था कि कुछ लोग उसे दो लाख रुपये की मांग कर रहे थे और पैसे न देने पर उसे एससी-एसटी एक्ट में फंसाने की धमकी दी जा रही थी। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू की और मृतक के पिता की शिकायत पर कार्रवाई की।
घटना की शुरुआत
अंकुर सिंह का शव 1 सितंबर 2025 को उसके गांव के पास स्थित बागीचे में पाया गया था। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ था। अंकुर के पिता ने पुलिस को तहरीर दी थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि उनके बेटे पर कुछ लोग पैसे की मांग कर रहे थे और उसे झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी भी दी जा रही थी। अंकुर ने आत्महत्या करने से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया था, जिसमें उसने सीधे रूप से कहा था कि कुछ लोग उसे दो लाख रुपये की मांग कर रहे थे और न देने पर उसे फर्जी आरोपों में फंसा कर उसके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट लगाने की धमकी दे रहे थे।
वीडियो का वायरल होना इस घटना को और भी संवेदनशील बना गया। अंकुर के पिता ने जब पुलिस से सहायता मांगी, तो पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए जांच शुरू कर दी। पुलिस ने आत्महत्या के मामले में अभियुक्तों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस को अंकुर के आत्महत्या के मामले में कई महत्वपूर्ण सबूत मिले, जिनसे यह स्पष्ट हो गया कि यह केवल एक आत्महत्या का मामला नहीं, बल्कि एक सोची अपराध था। अंकुर को आत्महत्या के लिए उकसाया गया था, और यह सब एक सुनियोजित तरीके से किया गया था। पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू कर दी और आरोपी व्यक्तियों की पहचान की। मृतक के पिता की शिकायत पर पुलिस ने तीन व्यक्तियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया। इन आरोपियों में से एक महिला भी थी, जिसका नाम लालसा देवी था।
जानकारी प्राप्त की कि लालसा देवी और उसके साथियों ने अंकुर पर पैसे की मांग करने के साथ-साथ उसे झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी दी थी। मृतक ने इस दबाव को सहते हुए आत्महत्या जैसा कदम उठाया था। पुलिस ने मामले में संलिप्त अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए गहनता से जांच की और आखिरकार रविवार को उप निरीक्षक सूरज कुमार के नेतृत्व में एक टीम ने सूचना प्राप्त की कि लालसा देवी अपने घर के पास मौजूद है।
आरोपी महिला की गिरफ्तारी
पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि आरोपी महिला लालसा देवी अपने घर के पास मौजूद है। इसके बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया। महिला को उसके घर से गिरफ्तार किया गया, जो बलिया जिले के रसड़ा थाना क्षेत्र के डेहरी गांव की निवासी थी। पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार करने के बाद उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
कानूनी पहलू
इस मामले में पुलिस ने धारा 108 बीएनएस के तहत अभियोग पंजीकृत किया, जो आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में कार्रवाई करता है। धारा 108 बीएनएस के तहत किसी व्यक्ति को आत्महत्या करने के लिए उकसाना एक गंभीर अपराध माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को मानसिक या शारीरिक रूप से इतना परेशान किया जाए कि वह आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर हो जाए, तो उस व्यक्ति के खिलाफ इस धारा के तहत मामला दर्ज किया जाता है।
इसके अलावा, इस मामले में एससी-एसटी एक्ट का भी उल्लेख किया गया था, क्योंकि आरोपियों ने अंकुर सिंह को उसकी जाति के आधार पर धमकाया था और उसे झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी दी थी। एससी-एसटी एक्ट के तहत ऐसे मामलों में विशेष रूप से कड़ी सजा का प्रावधान है।
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