कटहल नाला पुल में आई दरार, निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल

कटहल नाला पुल में आई दरार, निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल

बलिया शहर के राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित कटहल नाला पुल में अचानक आई दरार ने न सिर्फ स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ा दी है, बल्कि इस पुल के निर्माण की गुणवत्ता को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह वही पुल है जिस पर पिछले कुछ समय से राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप की बहस चल रही थी, और अब इस पुल में आई दरार ने एक बार फिर इस विवाद को जन्म है।

WhatsApp Group Join Now

कटहल नाला पुल का निर्माण लगभग दो साल पहले हुआ था और यह पुल बलिया जिले के महत्वपूर्ण मार्गों में से एक है, जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग-31 के हिस्से के रूप में देखा जाता है। इस पुल का निर्माण कार्य लाखों रुपये के बजट से किया गया था, और इसे तैयार होने में कई सालों का समय लगा। लेकिन जिस पुल को इतनी भारी लागत और समय के बाद निर्मित किया गया था, उसकी हालत इतनी जल्दी खराब क्यों हुई, यह एक बड़ा सवाल बन गया है।

समस्या का सामना करते हुए स्थानीय लोग

पुल के एप्रोच (सड़क के पुल से जोड़ने वाले हिस्से) में अचानक दरार आ जाने की जानकारी जैसे ही मिली, स्थानीय लोग गुस्सा में आ गए। यह दरार पुल को प्रभावित करती है, और इसके संरचनात्मक सुरक्षा को भी खतरे में डाल सकती है। इस सूचना के बाद, निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी निभाने वाली संस्था जे.के. इस्कॉन प्राइवेट लिमिटेड के इंजीनियर मौके पर पहुंचे और तुरंत मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया। हालांकि, मरम्मत कार्य के बावजूद, स्थानीय लोग इस घटना से बेहद नाराज हैं और उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा कि इतनी बड़ी लागत में बने इस पुल में इतनी जल्दी दरार कैसे आ सकती है।

स्थानीय लोगों के आरोप

स्थानीय लोगों का कहना है कि जब इतने बड़े बजट में पुल का निर्माण किया गया था, तो फिर पुल के एप्रोच में इतनी जल्दी दरार कैसे आ सकती है? उनका यह भी आरोप है कि या तो निर्माण के दौरान घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ था, या फिर तकनीकी मानकों की अनदेखी की गई थी। अगर पुल के निर्माण के तुरंत बाद ही इसकी गुणवत्ता इस हद तक खराब हो सकती है, तो भविष्य में इस पुल की स्थिति और भी ज्यादा खराब हो सकती है। यह प्रश्न भी उठ रहा है कि क्या यह पुल आने वाले समय में पूरी तरह से खराब हो जाएगा, और क्या इससे लोगों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है?

स्थानीय निवासियों का यह भी कहना है कि यदि इस पुल का निर्माण कार्य सही तरीके से किया गया होता, तो दरार की घटना कभी नहीं घटती। उनका कहना है कि अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो यह पुल आने वाले समय में बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है।

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप

कटहल नाला पुल के निर्माण कार्य को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है। बलिया सदर के विधायक और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी था। दोनों नेताओं के बीच इस पुल के निर्माण को लेकर न केवल राजनीतिक बहस हो रही थी, बल्कि यह भी सवाल उठाए जा रहे थे कि क्या यह पुल सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए तैयार किया गया है? क्या निर्माण के दौरान स्थानीय लोगों और उनके हितों को नजरअंदाज किया गया है?

अब पुल में आई दरार ने एक बार फिर इस विवाद को ताजा कर दिया है। राजनीतिक नेता एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं, और पुल की गुणवत्ता पर भी सवाल उठा रहे हैं। कुछ नेताओं का कहना है कि यह पुल सरकार की विफलता को दर्शाता है, और यह भी संकेत है कि यदि निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में इसी प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

निर्माण कंपनी और इंजीनियरों की प्रतिक्रिया

पुल के निर्माण की जिम्मेदारी उठाने वाली कंपनी जे.के. इस्कॉन प्राइवेट लिमिटेड ने इस समस्या को स्वीकार किया है, और उनके द्वारा मरम्मत कार्य तुरंत शुरू किया गया था। कंपनी के इंजीनियरों का कहना है कि दरार का कारण तकनीकी कारणों से हो सकता है, और इसका मरम्मत कार्य जल्द ही पूरा किया जाएगा। इंजीनियरों ने यह भी कहा कि पुल की संरचना पूरी तरह से सुरक्षित है और इसमें कोई बड़ी समस्या नहीं है। हालांकि, स्थानीय लोग इस जवाब से संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह समस्या एक गंभीर निर्माण त्रुटि का परिणाम हो सकती है।

बलिया न्यूज के लिए । अभिषेक की रिपोर्ट

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top