भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर त्योहार अपने साथ एक अनोखा संदेश और गहरी भावनाएं लेकर आता है। इन्हीं त्योहारों में से एक है रक्षा बंधन — भाई और बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व। यह सिर्फ एक धार्मिक अवसर नहीं बल्कि एक भावनात्मक बंधन का उत्सव है, जिसमें भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है और बहन उसके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करती है।
हर साल सावन पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन पूरे देश में बड़े उत्साह और प्रेम के साथ मनाया जाता है। भाई-बहन इस दिन का सालभर इंतजार करते हैं। बहनें खूबसूरत राखियां खरीदती हैं और भाई अपने बहनों के लिए उपहार या नकद राशि तैयार रखते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको रक्षा बंधन 2025 की सटीक तारीख, शुभ मुहूर्त, भद्रा समय, पर्व का महत्व, पौराणिक कथा, पूजा विधि और खास उपाय के बारे में विस्तार से बताएंगे।
रक्षा बंधन 2025 की तारीख और समय
पंचांग के अनुसार, सावन पूर्णिमा की तिथि इस प्रकार है:
- सावन पूर्णिमा की शुरुआत – 08 अगस्त 2025, दोपहर 02:12 बजे
- सावन पूर्णिमा का समापन – 09 अगस्त 2025, दोपहर 01:24 बजे
चूंकि 08 अगस्त को भद्रा का साया रहेगा और 09 अगस्त को भद्रा समाप्त होने के बाद ही राखी बांधना शुभ होगा, इसलिए रक्षा बंधन 2025 का पर्व 09 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा।
रक्षा बंधन 2025 का शुभ मुहूर्त
- राखी बांधने का सही समय – 09 अगस्त 2025, सुबह 05:21 बजे से दोपहर 01:24 बजे तक
- इस अवधि में भद्रा नहीं होगी, इसलिए यह समय राखी बांधने के लिए अत्यंत शुभ है।
बलिया मे कितना बजे है रक्षा बंधन
जिला बलिया मे भी रखी बांधने का सही समय – 09 अगस्त 2025, सुबह 05:21 बजे से दोपहर 01:24 बजे तक ही रहेगा | आप सुबह से लेकर दोपहर तक आप राखी बांध सकते हैं |
भद्रा का समय (Raksha Bandhan 2025 Bhadra Time)
हिंदू पंचांग के अनुसार, भद्रा में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है, खासकर रक्षा बंधन के दिन राखी बांधने से बचना चाहिए।
- भद्रा की शुरुआत – 08 अगस्त 2025, दोपहर 02:12 बजे
- भद्रा का समापन – 09 अगस्त 2025, रात 01:52 बजे
इसलिए 09 अगस्त को सुबह से लेकर दोपहर 01:24 बजे तक का समय राखी बांधने के लिए सर्वोत्तम रहेगा।
रक्षा बंधन 2025 के दिन का पंचांग
- सूर्योदय – सुबह 05:47 बजे
- सूर्यास्त – शाम 07:06 बजे
- चंद्रोदय – शाम 07:21 बजे
- चंद्रास्त – नहीं होगा
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04:22 बजे से 05:04 बजे तक
- विजय मुहूर्त – दोपहर 02:40 बजे से 03:33 बजे तक
- गोधूलि मुहूर्त – शाम 07:06 बजे से 07:27 बजे तक
- निशिता मुहूर्त – रात 12:05 बजे से 12:48 बजे तक
महत्व रक्षा बंधन का
रक्षा बंधन का अर्थ है ‘रक्षा का बंधन’ — यानी भाई और बहन के रिश्ते में सुरक्षा, प्रेम और विश्वास का वचन। यह पर्व न सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है बल्कि परिवार के बीच एकता और अपनापन भी बढ़ाता है।
इस दिन बहन भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है और उसकी लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना करती है। भाई बदले में बहन को उपहार देता है और उसकी रक्षा का वचन लेता है।
रक्षा बंधन से जुड़ी पौराणिक कथाएं
1. कृष्ण और द्रौपदी की कथा
महाभारत के अनुसार, एक बार श्रीकृष्ण की उंगली से खून निकल गया। पास खड़ी द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दिया। इस प्रेम और देखभाल के भाव से प्रभावित होकर कृष्ण ने जीवन भर द्रौपदी की रक्षा का वचन दिया। यही रक्षा बंधन की सबसे लोकप्रिय कथा मानी जाती है।
2. रानी कर्णावती और हुमायूँ
मध्यकाल में चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने बहादुर शाह से रक्षा के लिए मुगल बादशाह हुमायूँ को राखी भेजी थी। राखी पाकर हुमायूँ ने तुरंत अपने सैनिकों के साथ चित्तौड़ की रक्षा के लिए प्रस्थान किया।
रक्षा बंधन की पूजा विधि
- सुबह स्नान और व्रत संकल्प – रक्षा बंधन के दिन सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा – पूजा स्थल को साफ करके भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- दीप प्रज्वलित करें – घी या तेल का दीपक जलाकर पूजा आरंभ करें।
- आरती और मंत्र जाप – विष्णु सहस्रनाम या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
- राखी थाल सजाएं – थाल में राखी, रोली, अक्षत, दीपक, मिठाई और नारियल रखें।
- राखी बांधना – बहन भाई की कलाई पर राखी बांधते समय तिलक लगाकर आरती करे और उसकी लंबी उम्र की प्रार्थना करे।
- उपहार और आशीर्वाद – भाई बहन को उपहार दे और उसकी रक्षा का वचन दे।
रक्षा बंधन 2025 के विशेष उपाय
सावन पूर्णिमा के दिन कुछ खास उपाय करने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
- दान का महत्व – इस दिन गरीबों या जरूरतमंदों को दूध, दही, चावल, चीनी, कपड़े या अनाज का दान करें।
- चंद्रमा और शुक्र को मजबूत करने का उपाय – सफेद रंग की चीजें जैसे चावल, दूध, दही, चीनी का दान करने से कुंडली में चंद्रमा और शुक्र मजबूत होते हैं, जिससे मानसिक शांति और वैवाहिक जीवन में सुख मिलता है।
- विष्णु-लक्ष्मी पूजा – लक्ष्मी जी को कमल का फूल अर्पित करें और विष्णु जी को तुलसी पत्र अर्पित करें।
- रक्षासूत्र बांधना – परिवार के सभी सदस्यों को रक्षा सूत्र बांधें, इससे बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।
- गरीब कन्याओं को वस्त्र दान – धार्मिक मान्यता है कि कन्याओं को वस्त्र और मिठाई दान करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है।
रक्षा बंधन के आधुनिक रूप
आज के समय में रक्षा बंधन सिर्फ भाई-बहन तक सीमित नहीं रहा। कई जगहों पर लोग इसे मित्रों, गुरुओं, रिश्तेदारों और यहां तक कि सैनिकों को राखी बांधकर भी मनाते हैं। कई बहनें देश की सीमाओं पर तैनात जवानों को राखी भेजती हैं, जो इस पर्व की भावनात्मक और राष्ट्रीय महत्व को और बढ़ा देता है।