बलिया में पूर्व विधायक और पूर्व सांसद के पुत्र के बीच मारपीट, क्या है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के हल्दी थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना घटित हुई, जिसमें पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह और पूर्व सांसद के पुत्र विपुलेंद्र प्रताप सिंह के बीच मारपीट का मामला सामने आया। यह विवाद तब उत्पन्न हुआ जब दोनों पक्ष एक दाह संस्कार में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है और मामले की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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घटना का विवरण

यह घटना रविवार की शाम की है, जब पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह और पूर्व सांसद के बेटे विपुलेंद्र प्रताप सिंह अपने-अपने समर्थकों के साथ हुकुम छपरा गंगा घाट पर दाह संस्कार में शामिल होने पहुंचे थे। यहां पर किसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हो गई, जो जल्द ही हाथापाई और मारपीट में बदल गई। जानकारी के अनुसार, विपुलेंद्र प्रताप सिंह के समर्थकों और पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह के बीच गहमागहमी बढ़ी, और दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई। इस घटना के बाद दोनों पक्षों को किसी तरह से अलग किया गया और वे वहां से चले गए।

हालांकि, दोनों पक्षों के बीच तनाव कम नहीं हुआ, और कुछ समय बाद बैरिया के देवराज ब्रह्म बाबा मोड़ पर भी दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। वहां पर भी तकरार हुई और स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को तुरंत सूचना दी गई। इस बीच, बैरिया थाना प्रभारी राकेश कुमार सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और हालात को संभालने की कोशिश की। उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आसपास के पांच थाना क्षेत्रों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलवा लिया, और लगभग 45 मिनट के अंदर सभी थानों के एसओ और पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच गए।

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पुलिस प्रशासन की कार्रवाई

इस बीच, पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह बैरिया थाने पर पहुंच गए और मामले की तहरीर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि विपुलेंद्र प्रताप सिंह और उनके समर्थकों ने उन्हें जान से मारने की कोशिश की थी। सुरेंद्र सिंह का कहना था कि वे हुकुम छपरा घाट पर दाह संस्कार में पहुंचे थे, जहां उन्होंने श्यामू उपाध्याय की पत्नी के निधन पर सांत्वना दी थी। इसी दौरान विपुलेंद्र प्रताप और उनके समर्थक अचानक उनके पास आए और उन पर हमला कर दिया। इस हमले में उन्हें गंभीर चोटें आईं। इसके बाद, सुरेंद्र सिंह ने पुलिस से कार्रवाई की मांग की और विपुलेंद्र प्रताप सिंह सहित उनके समर्थकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अपील की।

सुरेंद्र सिंह की तहरीर पर पुलिस ने विपुलेंद्र प्रताप सिंह, ब्लॉक प्रमुख कन्हैया सिंह, उनके चचेरे भाई अभिनंदन सिंह और अन्य नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इसके अलावा, सुरेंद्र सिंह के बेटे हजारी सिंह और उनके अन्य समर्थकों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके बाद, पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच हुई मारपीट और उत्पन्न हुए विवाद की गहन जांच शुरू कर दी है।

विपुलेंद्र प्रताप का पक्ष

वहीं, विपुलेंद्र प्रताप सिंह और उनके समर्थक भी अपने पक्ष में तहरीर देने के लिए तैयार थे। उनके समर्थकों का कहना था कि सुरेंद्र सिंह के बेटे हजारी सिंह ने पहले उनके नेता विपुलेंद्र पर हमला किया था। हालांकि, उस समय तक विपुलेंद्र प्रताप सिंह और उनके समर्थकों की ओर से बैरिया थाने में कोई तहरीर नहीं दी गई थी। विपुलेंद्र और उनके समर्थक देर शाम तक सोनबरसा स्थित कोल्ड स्टोरेज पर जमा हुए थे, जहां से उनकी गतिविधियों पर पुलिस प्रशासन की नजरें बनी हुई थीं।

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पुलिस की जांच और सुरक्षा व्यवस्था

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने पूरी तन्मयता से जांच शुरू कर दी है। एएसपी दक्षिणी कृपाशंकर सिंह और सीओ फहीम कुरैशी ने भी बैरिया थाने में जाकर मामले की जानकारी ली और सुरक्षा की स्थिति का जायजा लिया। इस घटना को लेकर इलाके में तनाव का माहौल था, लेकिन पुलिस ने हालात को नियंत्रित किया और सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस विवाद में दोनों पक्षों की तहरीर पर मामला दर्ज किया गया है और मामले की जांच की जा रही है। पुलिस ने यह भी कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन लिया जा रहा है। पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ दर्ज मुकदमों में विधिक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। मामले की जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क था। घटना के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ने के कारण पांच थानों की पुलिस फोर्स को तैनात किया गया। अतिरिक्त पुलिस बल ने इलाके में गश्त बढ़ा दी और संवेदनशील स्थानों पर पुलिस की तैनाती सुनिश्चित की। साथ ही, पुलिस ने आसपास के इलाकों में फ्लैग मार्च भी किया ताकि किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके। प्रशासन ने इस दौरान स्थानीय जनता से शांति बनाए रखने की अपील भी की।

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