February 26 2025 बलिया जिले में पुलिस और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने संयुक्त रूप से एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक शराब तस्कर को गिरफ्तार किया है। तस्कर अपने लग्जरी कार में शराब छिपाकर बिहार के पटना में ले जाने की कोशिश कर रहा था, जहां वह होली के मौके पर उसे ऊंचे दामों पर बेचने की योजना बना रहा था। पुलिस ने इसकी सूचना मिलने के बाद चेकिंग अभियान चलाया और तस्कर को गिरफ्तार कर लिया।
यह मामला बलिया के माल्देपुर मोड़ के पास सामने आया, जहां पुलिस टीम को सफलता मिली। एसओजी और नगर कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम ने चेकिंग के दौरान एक कार को रुकने का इशारा किया। जब पुलिस टीम ने गाड़ी की तलाशी ली तो गाड़ी में 292 बोतल अंग्रेजी शराब मिली। तस्कर ने शराब की बोतलों को अपनी कार में छिपाकर रखा था, ताकि वह पुलिस के चेकिंग से बच सके। गिरफ्तारी के बाद, तस्कर से पूछताछ की गई, तो उसने अपने नाम सनी कुमार बताया और कहा कि वह बिहार के पटना का रहने वाला है।
पुलिस ने अपने सूझबूझ से किया खुलासा
बलिया पुलिस और एसओजी ने इस घटना को लेकर एक सटीक और समय पर कार्रवाई की, जिससे तस्कर को पकड़ने में सफलता मिली। पुलिस को इस तस्करी के बारे में मुखबिर से सूचना मिली थी, जिसके बाद जांच शुरू की गई। पुलिस द्वारा की जा रही चेकिंग के दौरान, गाड़ी के पास खड़ा एक व्यक्ति पुलिस को देखकर घबराया और गाड़ी का गेट खोलकर भागने की कोशिश की। लेकिन पुलिस की तत्परता ने उसे भागने का मौका नहीं दिया और उसे दबोच लिया।
तस्कर ने पूछताछ के दौरान अपनी पहचान सनी कुमार के रूप में दी। उसने बताया कि वह हरियाणा के गुरुग्राम से शराब लेकर बिहार के पटना जा रहा था। उसकी योजना थी कि होली के दौरान शराब को ऊंचे दामों पर बेचेगा, जिससे उसे मुनाफा हो सके। सनी कुमार ने यह भी बताया कि शराब का यह जखीरा उसने होली में बिक्री के लिए विशेष रूप से तैयार किया था।
शराब की बोतलें और उनकी स्थिति
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने सनी कुमार की कार से 292 बोतल अंग्रेजी शराब बरामद की। इस शराब में कुछ बोतलें वैलेन्टाइन और रेड लेबेल ब्रांड की थीं, जिन पर न तो बार कोड था और न ही यह कुछ अंकित था कि शराब किस प्रदेश में बनी है या कहां बेचनी है। यह एक संदिग्ध स्थिति थी, क्योंकि शराब की बोतलों पर कोई भी कानूनी मार्किंग या प्रमाण नहीं था। वहीं, कुछ अन्य बोतलें जिन पर बार कोड था, उन पर “For Sale in Haryana” (हरियाणा में बिक्री के लिए) लिखा था, जिससे यह साफ हो गया कि यह शराब हरियाणा से लाई गई थी और इसे अन्य राज्य में अवैध तरीके से पहुंचाने की कोशिश की जा रही थी।
फर्जी नंबर प्लेट का खुलासा
पुलिस ने कार की जांच की तो पाया कि गाड़ी पर लगी नंबर प्लेट असली नहीं थी। कार के चेचिस नंबर और इंजन नंबर से मेल नहीं खा रहे थे। यह साफ था कि तस्कर ने जानबूझकर गाड़ी के नंबर प्लेट को बदल दिया था, ताकि वह पुलिस के चेकिंग से बच सके और अपनी अवैध गतिविधियों को अंजाम दे सके। जब पुलिस ने इसकी जांच की, तो सामने आया कि गाड़ी पर लगा नंबर प्लेट भी एक अन्य गाड़ी का था। तस्कर ने जान-बूझकर धोखा देने की नीयत से इस नंबर प्लेट का इस्तेमाल किया था।
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