बसारिकापुर रामपुर टीटीही, बलिया निवासी आकाश वर्मा ने अपनी कठिन मेहनत और अडिग संकल्प से एक नया इतिहास रचते हुए, कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा आयोजित SSC JE 2024 परीक्षा में मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (MES) में कनिष्ठ अभियंता (सिविल) पद पर चयनित होकर बलिया जिले का नाम रोशन किया। आकाश की यह सफलता एक प्रेरणा है उन सभी युवाओं के लिए जो संघर्षों और असफलताओं से डरते हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर दिल में जुनून और मेहनत करने की हिम्मत हो, तो कोई भी सपना सच हो सकता है।
आकाश वर्मा की सफलता का सफर आसान नहीं था। वह एक छोटे से गांव के साधारण परिवार से आते हैं, लेकिन उनके भीतर कुछ बड़ा करने का जूनून था। बचपन में ही उन्होंने ठान लिया था कि वे कुछ बड़ा करेंगे। लेकिन यह रास्ता हर किसी के लिए इतना सीधा और आसान नहीं होता। आकाश की शिक्षा की शुरुआत रामपुर टीटीही के प्राथमिक विद्यालय से हुई थी, जहाँ से उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की। इसके बाद, उन्होंने अपनी हाई स्कूल की शिक्षा प्रेरणा हायर सेकेंडरी स्कूल, राजपुर हल्दी, बलिया से पूरी की। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें टाउन पॉलीटेक्निक, बलिया से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने का मौका दिलवाया, और इसके बाद एलडीसी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज, प्रयागराज से बीटेक की डिग्री प्राप्त की।
असफलताओं से मिली ताकत
आकाश का यह सफर सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं था। इस दौरान उन्होंने कई मुश्किलें झेलीं, कई बार असफलता का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। आकाश बताते हैं, “असफलता से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उसे सीखने का एक मौका मानना चाहिए।” उनका मानना है कि असफलताएं हमें हमारी कमजोरियों को समझने और सुधारने का मौका देती हैं। उन्होंने जो भी कठिनाइयाँ देखीं, उन्हें उन्होंने अपनी ताकत बना लिया और लगातार अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे।
आकाश की सफलता का सबसे बड़ा कारण था उनका संकल्प और परिश्रम। उन्होंने दो कठिन परीक्षाओं, प्रीलिम्स और मेंस में बेहतरीन प्रदर्शन कर इस प्रतिष्ठित पद पर अपनी जगह बनाई। इस परीक्षा में देशभर से लाखों अभ्यर्थी शामिल हुए थे, और केवल 1700 रिक्तियां थीं। लेकिन आकाश ने इस कठिन प्रतियोगिता को पार करते हुए सफलता की नई मिसाल कायम की।
परिवार का समर्थन और प्रेरणा
आकाश की सफलता में उनके परिवार का भी महत्वपूर्ण योगदान है। उनका मानना है कि सफलता केवल व्यक्ति की मेहनत का परिणाम नहीं होती, बल्कि यह उस व्यक्ति के परिवार और समुदाय के समर्थन से भी जुड़ी होती है। आकाश अपनी सफलता का श्रेय अपने दादा जी कपिल वर्मा, मार्गदर्शक रवि शंकर वर्मा और नवीन वर्मा, माता-पिता और शुभचिंतकों को देते हैं। उनके पिता रामकुमार वर्मा और माता प्रभावती देवी ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी और उनके सपनों को पंख दिए। आकाश के माता-पिता कहते हैं, “हमने हमेशा अपने बेटे को यही सिखाया कि शिक्षा सबसे बड़ी संपत्ति है। हमें किसी भी चीज़ का बलिदान देने से ज्यादा महत्वपूर्ण है बच्चों को अच्छी शिक्षा देना।”
आकाश के छोटे भाई विकास वर्मा, जो एक राज्यस्तरीय कबड्डी खिलाड़ी हैं, और बहन मुस्कान वर्मा, जो जीएनएम की छात्रा हैं, वे भी अपनी सफलता पर गर्वित हैं। वे आकाश के संघर्ष और मेहनत से प्रेरित होते हैं और अपने-अपने क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने का सपना रखते हैं।
प्रेरणा का संदेश
आकाश की सफलता उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो कभी अपनी असफलताओं से निराश हो जाते हैं। वे हमेशा कहते हैं, “सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। निरंतर प्रयास, अनुशासन और आत्मविश्वास ही आपको मंजिल तक पहुंचाते हैं।” उनका यह संदेश उन प्रतियोगियों के लिए भी है जो इस परीक्षा में असफल हुए हैं। आकाश का मानना है कि असफल होना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन हार मानना निश्चित रूप से बड़ी बात है। उन्होंने हमेशा अपनी तैयारी को और बेहतर करने की कोशिश की, और यही कारण था कि वे अंततः सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचे।
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