बलिया डबल मर्डर: जमीन विवाद में खूनी संघर्ष, चाचा-भतीजे की हत्या

बलिया डबल मर्डर: जमीन विवाद में खूनी संघर्ष, चाचा-भतीजे की हत्या

February 6 2025 बलिया : बलिया जिले में एक लम्बे समय से चल रहे जमीन विवाद के कारण दो लोगों की हत्या हो गई, जबकि दो लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। यह खौ़फनाक घटना बुधवार शाम को बलिया जिले के सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के खरीद गांव में हुई। इस हिंसक संघर्ष में एक परिवार के चाचा और भतीजे की मौत हो गई, जबकि दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।

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क्या था मामला

यह लड़ाई उस समय हुई जब मोती चंद्र यादव और रामजीत यादव के परिवारों के बीच जमीन को लेकर विवाद बढ़ गया। मोती चंद्र यादव का घर गांव के भवानी मंदिर के पास है, जबकि रामजीत यादव का घर सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर है। दोनों परिवारों के बीच पिछले 25 सालों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। यह विवाद इतना बढ़ चुका था कि दोनों परिवारों के बीच पहले भी कई बार मारपीट हो चुकी थी। एक माह पहले भी दोनों पक्षों में झगड़ा हुआ था, जिसमें दोनों परिवारों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए थे, लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकला था।

बुधवार को शाम करीब 7:30 बजे जब मोती चंद्र का परिवार अपने घर पर था, रामजीत यादव के परिवार के सदस्य लाठी-डंडे, कुदाल, फावड़ा और कुल्हाड़ी लेकर मोती चंद्र के दरवाजे पर पहुंच गए और गाली-गलौज करने लगे। जब तक मोती चंद्र और उनके परिवार के सदस्य कुछ समझ पाते, रामजीत पक्ष ने अचानक हमला बोल दिया और परिवार के पुरुषों और महिलाओं को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया।

हमले में घायल लोग:

इस हमले में मोती चंद्र (60), उनके चचेरे भाई अनिल (42), भतीजे पंकज (24) और गीता (55) गंभीर रूप से घायल हो गए। इन सभी पर धारदार हथियार से हमला किया गया, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई। घायल हुए व्यक्तियों को स्थानीय ग्रामीणों ने सीएचसी सिकंदरपुर पहुंचाया, जहां से उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया। लेकिन पंकज और अनिल की गंभीर चोटों के कारण अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। इस घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है। गीता और मोती चंद्र की हालत भी गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज जारी है।

हमले के बाद रामजीत यादव के परिवार के सदस्य वहां से फरार हो गए। वे घटनास्थल से भाग निकले और फिलहाल उनका कोई सुराग नहीं मिला है। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी, और पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और हमलावरों की तलाश तेज कर दी।

पुलिस कार्रवाई और जांच:

घटना की सूचना मिलने पर एसएचओ सिकंदरपुर, विकास चंद्र पांडेय अपने दल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। इसके बाद अन्य थानों की पुलिस भी वहां पहुंची। पुलिस ने स्थिति को संभाला और मामले की गहराई से जांच शुरू की। एसएचओ विकास चंद्र पांडेय ने बताया कि दोनों परिवारों के बीच पहले भी कई बार झगड़े हो चुके हैं और इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि यह हमला पूर्व-निर्धारित था और हमलावरों ने जानबूझकर इस घटना को अंजाम दिया।

यह विवाद जमीन को लेकर था, जो पिछले 25 वर्षों से दोनों परिवारों के बीच चल रहा था। दोनों परिवार इस जमीन पर अपना दावा कर रहे थे। बावजूद इसके कि मामले में कानूनी कदम उठाए गए थे, दोनों पक्षों के बीच शांति नहीं बनी। एक महीने पहले भी दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, लेकिन इस बार स्थिति बहुत ही गंभीर हो गई और इस हिंसा ने दो लोगों की जान ले ली।

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