29 january 2025 प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला में बुधवार को मची भगदड़ के दौरान कई लोग हादसे का शिकार हो गए, जिसमें बलिया और मऊ की महिलाओं सहित कुल पांच लोगों की मौत हो गई। यह हादसा 28 जनवरी को हुआ, जब लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम में स्नान करने पहुंचे थे। महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच भगदड़ मचने से लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर गए, और इस घटना ने कई परिवारों को घर उजार दिया।
बलिया की मां-बेटी की दुखद मौत
बलिया जिले के फेफना थाना क्षेत्र के नसीराबाद गांव की रहने वाली रीना देवी (36) और उनकी आठ वर्षीय बेटी रोशनी पटेल महाकुंभ में स्नान के लिए प्रयागराज गई थीं। जानकारी के अनुसार, यह दोनों महिलाएं 28 जनवरी को अन्य ग्रामीणों के साथ प्रयागराज के महाकुंभ मेला स्थल पर पहुंची थीं। उसी दिन महाकुंभ स्नान के दौरान भगदड़ मचने से उनकी जान चली गई। घटना की जानकारी जैसे ही रीना के पति दिनेश पटेल को मिली, उन्होंने तुरंत मोबाइल फोन पर परिजनों को सूचित किया। दिनेश पटेल ने बताया कि घटना के बाद शवों को लाने का कोई इंतजाम नहीं हो पाया और वह घटना स्थल के लिए रवाना हो गए। दिनेश ने यह भी बताया कि पूरी घटना के बाद गांव में मातम का माहौल बन गया है और परिजनों का बुरा हाल है।
साथ ही, नसीराबाद गांव में इस दुर्घटना के बाद से भारी शोक की लहर दौड़ गई। परिवार के सदस्य और रिश्तेदार तत्काल प्रयागराज के लिए रवाना हो गए। इस घटनाक्रम के बाद से गांव के लोग बेहद दुखी हैं और महिला और उसकी बेटी की मौत ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है।
बलिया के नगरा थाना क्षेत्र के दो अन्य महिलाओं की मौत
बलिया के नगरा थाना क्षेत्र के चचया गांव में भी महाकुंभ में मची भगदड़ के कारण दो महिलाओं की मौत हो गई। इन मृतकों की पहचान रिंकी सिंह (35) और मीरा देवी (50) के रूप में हुई है। दोनों महिलाएं पड़ोसियों के रूप में गांव में रहती थीं और साथ में महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज आई थीं।
मृतक महिलाओं के परिवारों में गहरा शोक फैल गया है। जैसे ही परिजनों को घटना की जानकारी मिली, उनका रो-रोकर बुरा हाल था। रिंकी सिंह की मौत की खबर सबसे पहले उनके पति छट्ठू सिंह को मिली, जबकि मीरा देवी के परिवार में भी यही स्थिति थी। सूचना के बाद परिवार के सदस्य और रिश्तेदार घटना स्थल के लिए रवाना हो गए। घटना के बाद चचया गांव में मातम पसरा हुआ है, और लोग मृतकों के घर पर संवेदनाएं व्यक्त करने के लिए जुट गए हैं।
मऊ जिले की एक महिला की भी जान गई
मऊ जिले के कोपागंज क्षेत्र के फतेहपुर ताल नारजा गांव की प्रभावती राजभर (50) की भी महाकुंभ में मची भगदड़ में मौत हो गई। वह 28 जनवरी को अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करने आई थीं। घटना की जानकारी परिजनों को मिली, तो उनके घर में शोक का माहौल छा गया। प्रभावती राजभर की मौत के बाद उनका परिवार भी प्रयागराज रवाना हो गया।
महिला के परिजनों ने बताया कि वह हमेशा महाकुंभ स्नान के लिए इस आयोजन में शामिल होती थीं, लेकिन इस बार यह यात्रा उनकी आखिरी यात्रा बन गई। प्रभावती की मौत की खबर सुनते ही फतेहपुर ताल नारजा गांव में भी शोक की लहर दौड़ गई। महिला के रिश्तेदारों और अन्य ग्रामीणों ने परिवार के साथ शोक व्यक्त किया।
महाकुंभ में मची भगदड़ की वजह
महाकुंभ के दौरान अचानक मची भगदड़ ने इन दर्दनाक घटनाओं को जन्म दिया। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आकर संगम में स्नान करते हैं, लेकिन इस बार अधिक भीड़ के कारण स्थिति अनियंत्रित हो गई। सुरक्षा इंतजामों में भी कुछ खामियां देखी गईं, जिसके कारण भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हुई। पुलिस और प्रशासन ने दावा किया कि घटनास्थल पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रयास किए गए थे, लेकिन फिर भी इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु होने के कारण हादसा टाला नहीं जा सका।
परिवारों की स्थिति
महाकुंभ में हुई इस दुखद घटना ने इन परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है। परिजनों की आँखों में आँसू हैं और उनका मन अभी भी इस घटना को समझने के लिए तैयार नहीं हो पा रहा है। मौत की खबर सुनते ही गांवों में शोक का माहौल बन गया है, और सभी परिवारों के सदस्य इस कठिन घड़ी में एक-दूसरे के साथ खड़े हैं।
परिजनों का कहना है कि इस प्रकार के हादसे मेला आयोजकों और प्रशासन की लापरवाही के कारण हुए हैं, क्योंकि भगदड़ जैसी घटनाओं के बावजूद जरूरी सुरक्षा उपायों की अनुपस्थिति महसूस की गई थी।
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